Heart Transplant Video: मृत व्यक्ति का हृदय भी किया जा सकेगा ट्रांसप्लांट, देखें ये वीडियो

Heart Transplant Video:अभी तक सिर्फ ब्रेन डेड घोषित लोगों के हृदय ही लिए जाते रहे हैं। नई खोज से ज्यादा लोगों की जान बच पाएगी । क्योंकि बहुत से ऐसे लोग जिनको हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है ।

Update: 2023-06-10 13:34 GMT

Heart Transplant Video: एक डेड बॉडी भी कई लोगों को जिंदगी, आंखों की रोशनी दे सकती है। अब तो वैज्ञानिकों ने मृत शरीर के हृदय को भी ट्रांसप्लांट करने का तरीका ढूंढ लिया है। अभी तक सिर्फ ब्रेन डेड घोषित लोगों के हृदय ही लिए जाते रहे हैं। नई खोज से ज्यादा लोगों की जान बच पाएगी । क्योंकि बहुत से ऐसे लोग जिनको हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है । उन्हें अंग उपलब्ध नहीं हो पाते हैं।

नया तरीका

एक नई स्टडी में डॉकटरों ने पूरी तरह से मृत शरीर से भी हृदय लेने का तरीका खोज निकाला है। इस विधि में डॉक्टर मृत शरीर से हृदय को निकालकर एक मशीन में डालते हैं । जो उसे फिर से चला देती है। मशीन में हृदय फिर से वैसे ही काम करने लगता है । जैसे जिंदा शरीर में करता है। इससे यह पता चल जाता है कि हृदय दुरुस्त है कि नहीं।

कई मरीजों पर हुआ है प्रयोग

यह शोध बड़े पैमाने पर किया गया है। दुनिया के कई देशों में 180 मरीजों का हृदय ट्रांसप्लांट किया गया। इनमें से आधे लोगों को पुरानी विधि से और बाकी आधे लोगों को नयी विधि से हृदय ट्रांसप्लांट किया गया। छह महीने बाद दोनों श्रेणी के मरीजों में जीवन दर लगभग बराबर रही। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे शोध पत्र के मुताबिक सामान्य विधि से हृदय पाने वाले मरीजों में से 90 प्रतिशत जीवित रहे । जबकि नयी विधि में जीवन दर 94 फीसदी थी।

ब्रिटेन में हुआ शोध

ब्रिटेन की ड्यूक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि जिन मृत शरीरों में ब्लड सर्कुलेशन पूरी तरह बंद हो चुका है, उनमें से भी हृदय को ट्रांसप्लांट के लिए लिया जा सकेगा। इससे उपलब्ध अंगों की संख्या 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।

प्रचलित तरीके

अंग प्रत्यारोपण के लिए दान लेने की मौजूदा प्रक्रिया के तहत पहले डॉक्टर मरीज की जांच करते हैं कि मस्तिष्क पूरी तरह मृत हो चुका है या नहीं। उस शरीर को वेंटिलेटर पर रखा जाता है । ताकि हृदय अपना काम करता रहे और अंगों को तब तक ऑक्सीजन मिलती रहे, जब तक कि उन्हें निकाल न लिया जाए। दूसरी विधि में दान करने वाले व्यक्ति का मस्तिष्क काम कर रहा होता है। लेकिन उसके बचने की संभावना नहीं होती। यानी वह वैसे तो उसकी मौत हो चुकी होती है।लेकिन मस्तिष्क जीवित होता है। इस स्थिति में अगर परिवार वाले लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने का फैसला लेते हैं । तो सपोर्ट सिस्टम बन्द होते ही हृदय काम करना बंद कर देता है। और अंगों को ब्लड सर्कुलेशन के जरिये ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। इस स्थिति में शरीर से किडनी और कुछ अन्य अंग तो लिये जाते हैं । लेकिन हृदय आमतौर पर नहीं लिया जाता क्योंकि उसमें नुकसान की आशंका होती है। नयी विधि में डॉकटरों ने ऐसे मृत शरीर से भी हृदय लेने का तरीका निकाला है।

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