Heat Wave: हीट वेव की वजह से हो रही लोगों को गंभीर दिमागी समस्याएं, जानिए किस हद तक होती है ये हावी

हीट वेव लोगों के दिमाग पर भी असर कर रही है जिससे लोगों को डिप्रेशन की समस्या हो रही है और ये उन्हें आत्महत्या तक करने के लिए प्रेरित कर रही है।

Update: 2024-06-07 18:17 GMT

Heat Wave (Image Credit-Social Media)

Heat Wave: बढ़ती धूप और गर्मी जहाँ लोगों को कई तरह से प्रभावित कर रही है वहीँ इससे आपको कई ऐसी दिक्कतें भी हो सकतीं हैं जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सोचा होगा। दरअसल ये लोगों के दिमाग पर भी काफी असर डाल रही है जो लोगों को डिप्रेशन और उन्हें आत्महत्या करने तक के लिए प्रेरित कर रही है। ऐसे में इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए आप कुछ अन्य उपाय कर सकते हैं।

हीट वेव बन रहा दिमागी समस्याओं की वजह (Heat Wave Affecting Mental Health)

हीट वेव या लू आपको जहाँ एक तरफ गर्मी का एहसास कराती है वहीँ आपको बीमार भी कर सकती है। जिससे आपके दिमाग पर भी काफी ज़्यादा असर पड़ता है। जिससे लोगों को डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी तकलीफें हो रहीं हैं। जो बेहद गंभीर हो सकता है। आइये ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

भारत के कई राज्यों में हीट वेव का प्रकोप जारी है और मौसम विभाग की माने तो अभी कुछ दिन और स्थिति ऐसी ही रहने वाली है। इस भीषण गर्मी से अभी राहत नहीं मिलने वाली। साथ ही यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के कई हिस्सों में 43 से 46 डिग्री तक तापमान रहेगा। जिसकी वजह से डॉक्टर्स और विशेषज्ञ इससे बचने की सलाह दी जा रही है।

डॉक्टर्स की माने तो हीट वेव बेहद खतरनाक होती है ये हीट स्ट्रोक का कारण भी बन सकती है। इतना ही नहीं ये मानसिक स्वास्थ पर भी काफी असर डालती है। आइये जानते हैं की हीट वेव कैसे आपके दिमाग पर असर डाल सकती है। इससे लोगों को एंजाइटी और डिप्रेशन (anxiety and depression) तक की समस्या हो सकती है।

दरअसल डॉक्टर्स का कहना है कि जैसे जैसी तापमान बढ़ रहा है हीट वेव लोगो स्वास्थ पर और बुरा असर डाल सकती है वहीँ जो लोग चिंता, डिप्रेशन और तनाव जैसी किसी तरह की समस्या से पहले से जूझ रहे हैं तो उन्हें इस गर्मी में अपना ख़ास ख्याल रखने की ज़रूरत है। क्योंकि ऐसा न करने पर उन्हें गंभीर परिणाम झेलने पड़ रहे हैं। हीट वेव से अचानक मूड स्विंग होता है जिससे डिप्रेशन, गुस्सा और हताशा होने से लोगों की स्थिति गंभीर हो सकती है। जिससे आत्महत्या के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

दरअसल जब हमारा शरीर उच्च तापमान के संपर्क में आता है तो हमे पसीना आना शुरू हो जाता है और पसीना ब्लड वेसल्स को चौड़ा करके शरीर को ठंडा करने की कोशिश करने लगता है। वहीँ जब आप लम्बे समय तक गर्मी के कांटेक्ट में रहते हैं तो दिमाग के रसायन जैसे सेरोटोनिन और डोपामिन पर प्रभाव पड़ने लगता है इसी वजह से मूड स्विंग भी होते हैं इसी वजह से लोगों में तनाव, अवसाद, गुस्सा और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं आने लगतीं हैं।

Tags:    

Similar News