Herbs and Spices: गर्मी के इस मौसम में ये जड़ी बूटियां और मसाले बढ़ाते हैं आपकी इम्युनिटी को, जरूर करें ट्राई
Herbs and Spices: जड़ी-बूटियाँ और मसाले आहार के पोषण मूल्य में योगदान कर सकते हैं। उनमें विटामिन, खनिज और फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य और कल्याण का समर्थन कर सकते हैं।
Herbs and Spices: जड़ी-बूटियों और मसालों ने हजारों सालों से मानव जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें उनके पाक, औषधीय और यहां तक कि सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। जड़ी-बूटियाँ और मसाले मानव जीवन में संवेदी आनंद और संभावित स्वास्थ्य लाभ दोनों लाते हैं।
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जड़ी-बूटियों और मसालों में होते हैं औषधीय गुण
सदियों से कई जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग उनके औषधीय गुणों के लिए किया जाता रहा है। उनमें विभिन्न बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और अन्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले प्रभावों के लिए पाए गए हैं। उदाहरण के लिए, हल्दी अपने विरोधी भड़काऊ गुणों के लिए जाना जाता है, जबकि अदरक आमतौर पर मतली को कम करने और पाचन में सहायता के लिए प्रयोग किया जाता है।
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जड़ी-बूटियाँ और मसाले आहार के पोषण मूल्य में योगदान कर सकते हैं। उनमें विटामिन, खनिज और फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो समग्र स्वास्थ्य और कल्याण का समर्थन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अजमोद और सीताफल जैसी जड़ी-बूटियाँ विटामिन ए और सी से भरपूर होती हैं, जबकि लौंग और दालचीनी जैसे मसाले मैंगनीज और कैल्शियम जैसे खनिजों के स्रोत हैं।
जड़ी-बूटियाँ और मसाले बढ़ाते हैं आपकी इम्युनिटी
कई जड़ी-बूटियाँ और मसाले हैं जो अपने प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिन्हें आप गर्मी के मौसम में अपने आहार में शामिल कर सकते हैं:
अदरक (Ginger): अदरक में एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने में मदद कर सकते हैं। इसे ताजा या विभिन्न व्यंजन, स्मूदी या चाय में मसाले के रूप में सेवन किया जा सकता है।
हल्दी (Turmeric): हल्दी में कर्क्यूमिन नामक यौगिक होता है, जिसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होते हैं। इसका उपयोग खाना पकाने या पूरक के रूप में या सुनहरे दूध में किया जा सकता है।
लहसुन (Garlic): लहसुन का पारंपरिक रूप से इसके प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसमें सल्फर यौगिक होते हैं जिनमें रोगाणुरोधी और प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले प्रभाव होते हैं। अपने भोजन में ताजा लहसुन शामिल करने से प्रतिरक्षा सहायता प्रदान की जा सकती है।
दालचीनी (Cinnamon): दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। स्वाद और प्रतिरक्षा लाभ दोनों को बढ़ाने के लिए इसे स्मूदी, दलिया या पके हुए सामान में जोड़ा जा सकता है।
अजवायन (Oregano): अजवायन एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है और इसमें रोगाणुरोधी गुण होते हैं। इसे खाना पकाने में ताजा या सुखाकर या अजवायन की चाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
तुलसी (Basil): तुलसी एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाली एक जड़ी-बूटी है। इसे सलाद में जोड़ा जा सकता है, पेस्टो में इस्तेमाल किया जा सकता है, या ताज़ा पेय के लिए पानी में डाला जा सकता है।
मेंहदी (Rosemary): मेंहदी में ऐसे यौगिक होते हैं जिनमें रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसे ग्रिल्ड मीट, भुनी हुई सब्जियों, या तेलों में भिगोए हुए सीज़निंग के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
अजवायन के फूल (Thyme): अजवायन के फूल में रोगाणुरोधी गुण होते हैं और यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। थाइम चाय बनाने के लिए इसे खाना पकाने या गर्म पानी में डुबोकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
ग्रीन टी (Green Tea): जबकि एक जड़ी-बूटी या मसाला नहीं है, ग्रीन टी एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है और इसमें इम्यून-बूस्टिंग गुण होते हैं। गर्मी के महीनों में इसका गर्म या ठंडा आनंद लिया जा सकता है।