Lyme Disease: लाइम रोग का लास्ट स्टेज होता है बेहद खतरनाक, जानें इसके लक्षण, कारण, इलाज और उपचार

Lyme disease: लाइम रोग होने का मुख्य कारण बोरेलिया बर्गडोरफेरी का काटना होता है। बोरेलिया बर्गडोरफेरी एक छोटे जीव होते हैं, जो आपकी त्वचा से चिपक कर खून चूस कर संक्रमण फैलते है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-06-11 13:48 IST

लाइम वायरस (Social media)

Lyme Disease: लाइम रोग एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जि‍से लाइम बोरेलियाऑसि‍स (Lyme Borreliosis) के भी नाम से जाना जाता है। बता दें कि बैक्टीरिया बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) के काटने से लाइम रोग  हो जाता है। उल्लेखनीय है कि लाइम रोग  बेहद तेजी से फैलने वाला एक  संक्रामक रोग है। जिसमें  सूजन के साथ त्‍वचा लाल पड़ जाती  है। यह   इंसानों में  बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) के काटने से होता है। गौरतलब है कि  बोरेलिया बर्गडोरफेरी एक बेहद छोटे जीव होते हैं, जो अआप्की त्वचा से चिपक कर खून चूसते है, जो संक्रमण फैलने का कारण बनता  है। 

लाइम रोग का कारण (Lyme Disease Causes) 

लाइम रोग होने का मुख्य कारण  बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) का काटना होता है। उल्लेखनीय है कि बोरेलिया बर्गडोरफेरी एक बेहद ही छोटे जीव होते हैं, जो आपकी त्वचा से चिपक कर खून चूस कर  संक्रमण फैलते हैं।  

क्या है लाइम रोग  लक्षण? (Lyme Disease: Symptoms)

यह पहले भी बताया जा चूका है कि बोरेलिया बर्गडोरफेरी (Borrelia Burgdorferi) नाम के कीट के काटने से ही लाइम रोग होता है। बता दें कि  यह कीट आकार में  बेहद ही छोटे होते हैं  इसलिए इन्‍हें देख पाना बहुत मुश्‍क‍िल होता है। उल्लेखनीय है कि  मनुष्य में संक्रमि‍त कीट को  काटने के बाद  3 से लेकर 30 द‍िन के अंदर ही  इंसानों में लाइम रोग के लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं।  जिनमें कुछ प्रमुख माने जाते हैं।

बता दें कि लाइम रोग के लक्षण आम तौर पर फ्लू जैसे होते हैं, लाइम रोग होने पर त्‍वचा पर मच्‍छर के काटने जैसे निशान हो जाते हैं, यह न‍िशान एक लाल रंग के ब‍िंदू की तरह ही होता है, जो बाद में धीर-धीरे बड़ा होता जाता है, त्वचा पर होने वाले ये लाल रंग के चतके धीरे-धीरे बड़े होते चले जाते हैं  लेकिन इनमें खुजली महसूस नहीं होती,  बुखार आना भी लाइम रोग का प्रमुख लक्षण हो सकता है,  ठंड लगना, नाड़ी धीमी होना,  सिरदर्द की समस्‍या बने रहना, थकान महसूस होने के साथ मासपेश‍ियों में दर्द होना , और लिम्‍फ नोड्स बढ़ना भी इसके लक्षणों में शामिल है। 

गौरतलब है कि कई बार लाल चतके होने का मतलब यह बिलकुल भी नहीं है क‍ि आप लाइम रोग से  ही ग्रसित हों। लेकिन अगर   लाल चतको के साथ आपको ऊपर लिखे ये लक्षण भी महसूस हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें। 

लाइम रोग से होते है गंभीर स्वास्थ्य  खतरे 

बता दें कि लाइम रोग का इलाज समय पर नहीं कराने पर यह आपके दि‍ल के रोगों के खतरे को काफी बढ़ा सकता  है। इतना ही इसके इलाज़ में देरी होने के कारण आपको  जोड़ों में  दर्द की समस्‍या भी भयंकर रूप से परेशान कर सकती है। 

ऐसे लोगों को  हो सकता है लाइम रोग (Risk factors of Lyme disease) 

आमतौर पर लाइम रोग  5 से 14 साल के बच्चों से लेकर  40 से 50 साल की उम्र के वयस्कों में ज्यादा होता है। बता दें कि  लाइम रोग होने का का सबसे ज्यादा जोखिम कारक उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जहां टि‍क्‍स से संपर्क आसानी से हो सकता हो - जैसे न्यू इंग्लैंड राज्यों, साथ ही मिनेसोटा और विस्कॉन्सिन आदि  हैं। जबकि लाइम रोग के अन्य जोखिम कारकों में बाहरी गतिविधियां जैसे जंगल में या खेतों में बागवानी करना भी आपको लाइम रोग के उच्च जोखिम वाली स्थिति में डालने के लिए काफी है। 

लाइम रोग का उपचार (Lyme Disease: Treatment)

हमेशा इलाज डॉक्‍टर की नि‍गरानी में  ही लाइम रोग का इलाज़ किया जाता  है। बता दें कि डॉक्‍टर  इस बीमारी के शुरुआती चरण में एंटीबायोटिक्स दे सकता है। इसके अलावा  लाइम रोग के लि‍ए दिए जाने वाले सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं में डॉक्सिसीक्लिन, एमोक्सिसिलिन और सेफूरोक्साइम आदि भी शाम‍िल हैं। गौरतलब है कि लाइम रोग के उपचार हेतु  संक्रमित ब्लैकलेग्ड टिकों का भी इस्‍तेमाल भी क‍िया जा सकता है। 

उल्लेखनीय है कि लाइम रोग के तीन स्‍टेज माने गए हैं।  जिसमें  पहले स्‍टेज में लाइम रोग के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना या त्वचा पर सूजन के साथ चकत्ते दिखना शामिल हैं। जबकि  दूसरे  स्टेज में इस बीमारी के दूसरे में बीमारी तंत्रिका तंत्र में फैलने के साथ इसमें पाल्सी और मेनिनजाइटिस हो सकते हैं।  इसके अलावा  लाइम रोग के तीसरे और अंत‍िम स्‍टेज को काफी खतरनाक माना गया है। जिसमे इस स्‍टेज में संक्रमण बहुत ज्‍यादा फैल कर मस्तिष्क में सूजन की शि‍कायत या अर्थराइटि‍स या

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