Return of Measles 'Khasra': सावधान! फिर लौट आई दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारी

Return of Measles 'Khasra': लंबे समय से दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारी मानी जाने वाली "खसरा" या मीजल्स फिर से वापसी कर रही है। कोरोना महामारी की ऊंचाई के दौरान खसरे के मामलों में कमी आई थी लेकिन यह प्रवृत्ति अब तेजी से उलट रही है।

Update: 2023-06-06 19:18 GMT
फिर लौट आई दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारी खसरा: Photo- Social Media

Return of Measles 'Khasra': लंबे समय से दुनिया की सबसे संक्रामक बीमारी मानी जाने वाली "खसरा" या मीजल्स फिर से वापसी कर रही है। कोरोना महामारी की ऊंचाई के दौरान खसरे के मामलों में कमी आई थी लेकिन यह प्रवृत्ति अब तेजी से उलट रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के खसरे के विशेषज्ञ डॉ पैट्रिक ओ' कॉनर कहते हैं कि दुनिया भर में खसरे की बीमारी के मामलों को बढ़ते हुए देखा जा रहा है।

टीके के पहले थे भयावह हालात

1963 में खसरे के टीके की शुरुआत से पहले, खसरा बीमारी ने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया और हर साल अनुमानित 26 लाख लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चे थे। लेकिन टीकाकरण गेम चेंजर साबित हुआ। जैसे-जैसे टीके की खुराक की पहुंच बढ़ी, संक्रमण का प्रसार कम हुआ और ब्रिटेन सहित कुछ देश खसरे को खत्म करने में भी सफल रहे। फिर भी इस कड़ी मेहनत के लाभ को कोरोना महामारी ने भारी झटका दिया है, क्योंकि कोरोना के चलते सामान्य टीकाकरण सेवाओं को निलंबित किया गया था और स्वास्थ्य संसाधनों को कोरोना से निपटने में झोंक दिया गया।नतीजतन, खसरे से निपटने में वर्षों की प्रगति का सफाया हो गया है।

करोड़ों बच्चे टीके से छूटे

दो साल की अवधि में मोटे तौर पर 6 करोड़ 70 लाख बच्चे खसरे के टीके से चूक गए, क्योंकि टीकाकरण कवरेज 112 देशों में गिर गया था।इसके दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं। दक्षिण एशिया में काम करने वाले यूनिसेफ के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ गुंटर बाउसेरी ने कहा है कि खसरे का प्रकोप अफगानिस्तान, भारत, पाकिस्तान, नेपाल - और यहां तक कि मालदीव में भी हो रहा है, जहां इसे 2020 में खत्म कर दिया गया था।

कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली

खसरे की बीमारी उन देशों में एक विशेष खतरा है जहां स्वास्थ्य सेवाएं खराब हैं और भुखमरी व्याप्त है। इस पृष्ठभूमि में खसरा ही नहीं कई अन्य बीमारियों के उभरने का खतरा है। डॉ बूसेरी कहते हैं कि यह कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली का पहला संकेत है। दक्षिण एशिया विशेष रूप से महामारी के मद्देनजर खसरे से जूझ रहा है, अन्य क्षेत्र भी प्रकोप से जूझ रहे हैं: जिनमें ऑस्ट्रिया जैसे अमीर देशों से लेकर रूस, तुर्की और दक्षिण अफ्रीका जैसे मध्यम-आय वाले देश शामिल हैं। यूके में इस वर्ष के पहले चार महीनों में बीमारी के लगभग उतने ही मामले थे जितने कि पूरे 2022 में थे। यह बीमारी इतनी संक्रामक है कि एक भी मामला बहुत तेजी से प्रकोप में बदल सकता है।

बेहद संक्रामक

खसरे की बीमारी बेहद संक्रामक होती है। इसकी आर संख्या 15 से 20 के बीच होती है। आर संख्या का मतलब एक संक्रमित व्यक्ति कितने लोगों को रोग दे सकता है। तुलनात्मक रूप से देखें तो मूल कोरोना वायरस की आर संख्या लगभग 1.4 से 2.4 थी।

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