Monkeypox First Symptoms: जानें मंकी पॉक्स के पहले लक्षण के बारे में, अलर्ट रहें सभी

Monkeypox First Symptoms: दुनियाभर में मंकी पॉक्स के मामलें तेजी से बढ़ने लगने हैं। लगातार मंकी पॉक्स केहजारों मामले सामने आ रहे हैं। लोगों को इससे जुड़ी जानकारी होनी जरूरी है।

Written By :  Anupma Raj
Update:2022-08-02 08:13 IST

Monkey Pox (Image: Social Media)

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Monkeypox First Symptoms: दुनियाभर में मंकी पॉक्स के मामलें तेजी से बढ़ने लगने हैं। लगातार मंकी पॉक्स केहजारों मामले सामने आ रहे हैं। बता दे कि अभी भी कोविड के मामले थमे नहीं हैं, ऐसे में एक और बीमारी के फैलने से लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लोगों को इस बीमारी से जुड़ी जानकारी होनी बेहद जरूरी है। 

दरअसल आपको मंकी पॉक्स के बारे में पूरी जानकारी होनी जरूरी है ताकि खुद को इस बीमारी से बचा सकें। डॉक्टर्स ने मंकी पॉक्स से जुड़े कई लक्षणों के बारे में लोगों से साझा भी किया है। ऐसे में जानना जरूरी हैं कि मंकी पॉक्स के लक्षण और रोकथाम क्या हो सकते हैं। बता दे कि डॉक्टर्स ने मंकी पॉक्स के पहले लक्षण के बारे में भी जानकारी साझा किया है। डॉक्टर्स का कहना है कि मंकीपॉक्स की शुरुआत आम फ्लू जैसे लक्षणों से होती है, जिसमें बुखार, ठंड लगना, दर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन शामिल है। कुछ दिनों के बाद, एक व्यक्ति की त्वचा पर धक्कों का विकास हो सकता है जो उनके शरीर के विभिन्न भागों में फैल जाता है। मंकीपॉक्स के पहले लक्षण हैं पर ध्यान देना जरूरी हैं ताकि इसे फैलने से रोका जा सकें। 

दरअसल मंकीपॉक्स एक ऐसी बीमारी है जो एक वायरस से फैलती है, जो एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क के माध्यम से फैलती है। वायरस उन सामग्रियों की सतहों पर जीवित रहता है जो संक्रामक तरल पदार्थ या फफोले वाले व्यक्ति के संपर्क में आते हैं। मंकीपॉक्स आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षणों से शुरू होता है, जिसमें बुखार, ठंड लगना, दर्द और लिम्फ नोड्स की सूजन शामिल है। संक्रमित व्यक्ति के साथ त्वचा से त्वचा के संपर्क से बचना बेहद जरूरी है क्योंकि यही मंकी पॉक्स की सबसे अच्छी रोकथाम है। 

हालांकि मंकीपॉक्स के लिए विशेष रूप से कोई उपचार नहीं है, ऐसे वायरस के लिए एंटीवायरल दवाएं और टीके बनाए गए हैं जिनका उपयोग इसके इलाज के लिए किया जा सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो मंकी पॉक्स फैलने का कारण सेक्सुअल रेल्शनशिप भी है। यदि आप यौन रूप से सक्रिय हैं, तो अपने साथी से किसी भी धक्कों, दाने या किसी असामान्य लक्षण के बारे में पूछना और हर समय कंडोम का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।  

बता दे कि इस साल अब तक मंकीपाक्स के 18,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। मंकीपाक्स का लक्षण- बार-बार तेज बुखार आना, पीठ और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर दानें और चकते पड़ना, खुजली की समस्या होना, शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना। मंकीपाक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होती है। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। चेहरे से लेकर बाजुओं, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेस होना, गला खराब होना और बार-बार खांसी आना, मंकीपाक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, मंकीपाक्स वायरस त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। मंकीपाक्स का कोई इलाज नहीं है। लेकिन चेचक का टीका मंकीपाक्स को रोकने में 85 प्रतिशत प्रभावी साबित हुआ है। ऐसे में जरूरी है कि संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं। साथ ही बुखार या फ्लू के लक्षण वाले व्यक्ति के संपर्क में न आएं। अगर परिवार में किसी व्यक्ति को फ्लू जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो उसको तुरत डॉक्टरों के पास ले जाएं और जांच कराएं। बीमार जानवर के संपर्क में नहीं आए। हाथ धोकर ही भोजन करें। विदेश से आए किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और तीन से चार दिन बाद बुखार हो गया है तो तुरंत अपनी जांच कराएं। असुरक्षित यौन संबंध न बनाएं। पार्टी और भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। मंकीपॉक्स का कोई भी लक्षण दिखने पर उसे छुपाएं नहीं बल्कि जांच कराएं और स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दें। 

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