Mustard seeds Benefits: अनगिनत गुणों से भरपूर हैं सरसों के दाने, स्वाद, स्वास्थ और सौंदर्य वृद्धि में नहीं है इसका कोई जोड़

Mustard seeds Benefits: पोषक तत्वों से भरपूर सरसों के दाने व्यंजन में इस्तेमाल होने वाले खास मसालों में से एक है। इसे खाने में स्वाद का तड़का लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। दानों में आयरन, कैल्शियम, सेलेनियम, फॉस्फोरस और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं।

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2024-11-28 13:56 IST

Mustard seeds Benefits  (photo: social media )

Mustard seeds Benefits: भारतीय रसोईयों से लेकर सौंदर्य वर्धन और पूजा पाठ हर जगह अपना खास महत्व रखते हैं सरसों के दाने। कई तरह की रेसिपीज तो बिना सरसों के दाने के अधूरी ही मानी जाती हैं । वहीं प्राचीन समय से त्वचा को स्वस्थ और कान्तिमय बनाए रखने के के लिए सरसों के उबटन का इस्तेमाल होता चला आ रहा है।पूजा पाठ और कई तरह के टोटका टोनों में सरसों के दाने का उपयोग किया जाता है। पोषक तत्वों से भरपूर सरसों के दाने व्यंजन में इस्तेमाल होने वाले खास मसालों में से एक है। इसे खाने में स्वाद का तड़का लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सरसों के दानों में आयरन, कैल्शियम, सेलेनियम, फॉस्फोरस और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो हड्डियों को स्वस्थ रखने के साथ पाचन के लिए भी फायदेमंद होते हैं।

इसके अलवा सरसों के दाने के साथ सरसों के पत्ते भी कई तरह से फायदेमंद साबित होते हैं। इसके अलावा भी पुरातात्विक रिकॉर्ड में मनुष्यों द्वारा सरसों के पौधों को भोजन के रूप में उपयोग करने का सबसे पहला साक्ष्य सीरिया में जेरफ एल अहमर के प्री-पॉटरी नियोलिथिक (पीपीएनए) स्थल से मिलता है। यहाँ पिसे हुए सरसों के बीजों को सिनापिस जीनस से संबंधित माना जाता है जो एक “बीज केक“ का हिस्सा थे, जिसकी तिथि 9224 और 8753 ईसा पूर्व के बीच बताई गई है। सिंधु घाटी (भारतीय उपमहाद्वीप) में पुरातात्विक उत्खनन से पता चला है कि वहाँ सरसों की खेती होती थी। वह सभ्यता लगभग 1850 ईसा पूर्व तक अस्तित्व में थी। सरसों का उपयोग अफ़्रीका और चीन में हज़ारों सालों से किया जाता रहा है। चीन में सरसों के साग का सेवन काफ़ी लोकप्रिय रहा है। पीली सरसों का पेस्ट चीन में झोऊ राजवंश (1046-256 ईसा पूर्व) के दौरान बनाया गया था, जब सरसों के बीजों को पीसकर पेस्ट बनाया जाता था। झोऊ राजवंश के दौरान शाही दरबारों में इसका इस्तेमाल अक्सर भोजन में बाद के व्यंजनों के लिए भूख बढ़ाने में किया जाता था।

आइए जानते हैं सरसों के दाने से होने वाले फायदे में बारे में...

- सरसों के बीजों में एंटीसेप्टिक और एंटी-फ़ंगल तत्व होते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

- सरसों के बीजों में मौजूद फ़ाइबर कब्ज़ से बचाता है

- सरसों के बीजों में मौजूद सिनिग्रिन में कैंसर विरोधी, जीवाणुरोधी, एंटीऑक्सीडेंट, और सूजन रोधी गुण होते हैं।

- सरसों के बीजों में मौजूद राइबोफ़्लेविन नामक विटामिन माइग्रेन के खतरे को कम करता है।

- सरसों के बीजों में मौजूद हाइपोग्लाइसेमिक और एंडीडायबिटिक गुण रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।

- सरसों के बीजों को चबाने से दिल स्वस्थ रहता है और आर्टिरीज़ चौड़ी होती हैं।

सरसों के बीजों को पीसकर बालों के लिए लेप तैयार किया जा सकता है।

- सरसों के बीजों में मौजूद एंटी-इंफ़्लेमेटरी गुण सूजन को कम करते हैं।


इन देशों में की जाती सरसों की खेती

सरसों के बीज दुनिया के कई देशों में पाए जाते हैं, जिनमें से नेपाल, रूस, कनाडा, उत्तरी अमेरिका,भारत में सरसों की खेती मुख्य रूप से इन राज्यों में की जाती है। जिनमें से राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम, गुजरात. सरसों की खेती के लिए दोमट ज़मीन सबसे अच्छी होती है। इसमें पानी का निकास अच्छा होना चाहिए। सरसों की फ़सल के लिए 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए। सरसों की खेती के लिए उन्नतशील तरीकों का इस्तेमाल करने से 25 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन मिल सकता है।


सरसों के दाने का इस्तेमाल सौंदर्य वृद्धि के लिए भी किया जाता हैः-

- सरसों के बीज से बनाएं ये हेयर पैक, हेयर फॉल समेत सफेद बालों की समस्या में है फायदेमंद।

- बालों के लिए सरसों के बीज से बना ये लेप एक एक्टिवेटर की तरह है जो कि बालों की ग्रोथ बढ़ाने के साथ इसकी कई समस्याओं को दूर करने में मददगार है।

- सरसों के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। यह आपकी त्वचा और स्कैल्प पर सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।

- सरसों के बीजों से आप तेजी से मजबूत बाल पा सकते हैं। ये बालों को जड़ों से मजबूत बनाने और इसे सिल्की बनाने में मददगार है। इसके अलावा ये बालों में डैंड्रफ और इंफेक्शन को कम करने में मददगार है।

- इनके अलावा भी बालों के लिए सरसों के बीज के फायदे कई हैं। जानते हैं विस्तार से। पर पहले जानते हैं बालों के लिए सरसों के बीज का इस्तेमाल कैसे करें।

- सरसों के बीजों से बनाएं बालों के लिए हेयर पैक

सरसों के बीजों को पीस कर आप अपने बालों के लिए एक लेप तैयार कर सकते हैं। इस दौरान आपको बस ये करना है कि एक चम्मच सरसों का बीज लेना है और इसे तवे पर गर्म कर लेना है। फिर इसे पीस कर रख लें और इसमें थोड़ा एलोवेरा मिला लें। अब इस लेप को अपने बालों में लगाएं।


बालों के लिए सरसों हेयर पैक के फायदे-

1. डैंड्रफ कम करने में मददगार

सरसों के बीजों कुछ खास गुण होते हैं जो कि डैंड्रफ को कम करने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, सरसों के बीजों को पीस कर जब आप अपने बालों में लगाते हैं ये तो डैंड्रफ को बेअसर कर देता है और स्कैल्प पर खुजली को रोकता है।


2. हेयर फॉल कम करता है

हेयर फॉल में सरसों के बीज के इस हेयर पैक को लगाना कई प्रकार से फायदेमंद है। ये पहले तो स्कैल्प पोर्स को साफ करता है। दूसरा इसका ब्लड सर्कुलेशन सही करता है जिससे बालों की ग्रोथ तेजी से बढ़ती है और बालों का झड़ना कम होता है।


सरसों के बीज का इस्तेमाल पूजा-पाठ में कई तरह से किया जाता हैः

अक्षय तृतीया पर पीली सरसों के बीज खरीदकर पूजा कक्ष या मंदिर में रखने से सौभाग्य मिलता है।

घर में सुख-शांति लाने के लिए पीली सरसों को जलाया जाता है।

घर की रक्षा के लिए पीली सरसों की पोटली बनाकर पूजा स्थल पर रखी जाती है।

भगवान के सामने पीली सरसों रखने से घर में खुशियां आती हैं।

सुश्रुतसंहिता में सरसों के बीज के औषधीय उपयोग बताए गए हैं।

अर्थशास्त्र में सरसों के बीज को गूढ़ अभ्यास का एक शक्तिशाली तत्व माना गया है।


(लेखिका वरिष्ठ पत्रकार हैं ।)

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