Mysterious Hepatitis: भारत के बच्चों में भी मिला रहस्यमय हेपेटाइटिस संक्रमण, जाने इसके लक्षण

Mysterious Hepatitis in India: भारत में भी अब कई अन्य देशों की तरह कोरोना पॉजिटिव बच्चों में हेपेटाइटिस की बीमारी मिल रही है। सीएएच के लक्षणों में मतली, भूख न लगना, कमजोरी और हल्का बुखार शामिल हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-05-15 15:26 GMT

Mysterious Hepatitis: भारत में भी बच्चों में मिला रहस्यमय हेपेटाइटिस संक्रमण। (Social Media) 

Mysterious Hepatitis in India: भारत में कोरोना के मामले काफी कम बने हुए हैं लेकिन एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। वह ये भारत में भी अब कई अन्य देशों की तरह कोरोना पॉजिटिव बच्चों में हेपेटाइटिस की बीमारी मिल रही है। द हिन्दू (The Hindu) की एक खबर के अनुसार, बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी), सागर, मध्य प्रदेश और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च, चंडीगढ़ के डॉक्टरों की एक टीम ने बताया है कि 2021 में अप्रैल-जुलाई के बीच कोरोना पॉजिटिव पाए गए 475 बच्चों की जांच में 37 (लगभग 8 फीसदी) को कोरोना एक्वायर्ड हेपेटाइटिस (सीएएच) से पीड़ित पाया गया है। वैसे तो, पिछले दो वर्षों में भारत के विभिन्न हिस्सों से सीएएक कि छिटपुट रिपोर्टें सामने आई हैं, लेकिन यह देश में सिंड्रोम के पैमाने को निर्धारित करने वाली पहली व्यवस्थित जांच है। जांच में 10 बच्चों में अधिक गंभीर व दुर्लभ मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रन (एमआईएस-सी) था, जो कई अंगों में सूजन से चिह्नित होता है और हर दस पीड़ित बच्चों में से तीन को मार सकता है।

सीएएच के लक्षण

सीएएच के लक्षणों में मतली, भूख न लगना, कमजोरी और हल्का बुखार शामिल हैं। सूजन जरूरी नहीं है लेकिन ट्रांसएमिनेस नामक लिवर एंजाइम का एक उच्च स्तर पाया जाता है। इस सिंड्रोम में हेपेटाइटिस के अन्य सभी विशिष्ट कारण, जैसे कि संबंधित वायरस, अनुपस्थित हैं।

स्टडी में शामिल 37 बच्चे हुए ठीक

स्टडी में शामिल 37 बच्चों में सभी ठीक हो गए, जिसका अर्थ है कि गंभीर हेपेटाइटिस के इलाज जैसे कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, रिहाइड्रेशन, बुखार प्रबंधन और विटामिन लगभग सभी के लिए पर्याप्त थे।

अज्ञात मूल के हेपेटाइटिस के 348 संभावित मामलों की गई थी पहचान

डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते कहा था कि "अज्ञात मूल के हेपेटाइटिस" के 348 संभावित मामलों की पहचान की गई थी, और मुख्य संदिग्ध कारक कोरोना संक्रमण के साथ एक एडेनोवायरस था। इस तरह के मामले लगभग 25 देशों में पाए गए हैं। हालांकि केवल छह देशों ने पांच से अधिक मामलों की सूचना दी थी। लगभग 160 पुष्ट मामलों वाले देशों की सूची में ब्रिटेन सबसे ऊपर है।

हेपेटाइटिस के मामलों में वृद्धि के बारे में राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य अलर्ट जारी

यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज एंड कंट्रोल (सीडीसी) ने बच्चों में अज्ञात मूल के हेपेटाइटिस के मामलों में वृद्धि के बारे में एक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया है। जिससे ये चिंता बढ़ गई है कि यह कोरोना संक्रमण के कारण हो सकता है। जापान के कुछ शोधकर्ताओं ने इस हेपेटाइटिस का संबंध ओमीक्रान संक्रमण से बताया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना ने बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को "मिसफायर" कर दिया है और अन्य आमतौर पर सहज संक्रमण के लिए मार्ग प्रशस्त किया। इसमें एडेनोवायरस शामिल है हेपेटाइटिस का कारण बनता है।अपने आप में एक एडेनोवायरस हानिरहित है लेकिन एक बिगड़ी हुई प्रतिरक्षा प्रणाली में ये एक गंभीर संक्रमण हो सकता है।

कारण अब भी स्पष्ट नहीं

सामान्य तौर पर, हेपेटाइटिस के सैकड़ों संभावित कारण हो सकते हैं: जिगर की सूजन विषाक्त पदार्थों, वायरस या दूषित भोजन और पानी से हो सकती है। लेकिन हाल के मामलों में, विशेषज्ञों की नजर एक विशेष एडेनोवायरस - टाइप 41 पर है, जिसे यूरोप और अमेरिका में अधिकांश मामलों में पहचाना गया है।एडेनोवायरस 41 में आमतौर पर पेट खराब होता है। इसका स्वस्थ बच्चों में हेपेटाइटिस के साथ कोई संबंध नहीं होता है।

अमेरिका में अलबामा विश्वविद्यालय (University of Alabama in America) में बाल चिकित्सा संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ मार्कस बुचफेलनर (Pediatric Infectious Disease Specialist Dr. Marcus Buchfelner), अमेरिका में बच्चों में रहस्यमय हेपेटाइटिस के असामान्य पैटर्न को नोटिस करने वाले पहले व्यक्ति थे और सीडीसी को इसकी रिपोर्ट करते थे। उन्होंने और अन्य विशेषज्ञों की एक राय यह है कि लॉकडाउन के परिणामस्वरूप सामान्य रूप से एडेनोवायरस के संपर्क में कमी आई है, और शायद इसी वजह से छोटे बच्चों को उनके प्रति अधिक संवेदनशील बना दिया है।

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