Mysterious Pneumonia in China: जानें इस खतरनाक बीमारी के लक्षण, क्यों रहना चाहिए भारत को सतर्क, कैसे बचें जानें एक्सपर्ट से

Mysterious Pneumonia in China: भारत को इस बीमारी से सतर्क रहना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे यहाँ भी बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है। यह चीन ही था जहाँ से कोविड-19 भारत सहित दुनिया में फैला और लाखों लोग असमय काल के गाल में समां गए।

Written By :  Preeti Mishra
Update: 2023-11-24 01:15 GMT

Mysterious Pneumonia in China (Image: Social Media)

Mysterious Pneumonia in China: चीन एक और खतरनाक बीमारी रहस्यमय निमोनिया से बुरी तरह ग्रस्त है। गौरतलब है कोविड-19 के बाद यह दूसरी बीमारी है जिसकी चपेट में चीन आया है। इस बीमारी के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हो रहे हैं। चीन के अस्पताल बीमार बच्चों से भरे पड़े हैं। इसका प्रकोप सबसे पहले उत्तरी चीन में रिपोर्ट किया गया था।

बता दें की इस बीमारी के चपेट में कई टीचर्स भी आ गए हैं। इसका कारण यह था कि इस बीमारी की शुरुआत बच्चों में स्कूल से ही हुई थी। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन ने इस सम्बन्ध में गाइडलाइन जारी किया है। जानकारों के अनुसार यह बीमारी पैरामाइक्सोवायरस के कारण होती है। यह वायरस श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण बनता है।


रहस्यमय निमोनिया के लक्षण

-गले में खराश

-थकान

-लंबे समय तक रहने वाली खांसी

-तेज बुखार

-साँस लेने में तकलीफ


WHO ने भी जारी किये दिशानिर्देश

चीन के दो शहरों में इस बीमारी के भयंकर प्रकोप को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी गाइडलाइन जारी किये हैं। हालांकि WHO का मानना है कि अभी अन्य देशों को इस सम्बन्ध में कोई चिंता नहीं करनी चाहिए क्योंकि चीन के जिन दो शहरों में यह बीमारी फैली है वो एक दूसरे से 800 मील दूर हैं। इसलिए माना जा सकता है कि यह बीमारी केवल स्थानीय स्तर पर ही फैली है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के चीनी अधिकारियों ने पिछले हफ्ते रिपोर्ट दी थी कि देश में सांस की बीमारियों की संख्या में वृद्धि हुई है। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

-समय पर टीकाकरण

-जो लोग बीमार हैं उनसे दूरी बनाकर रखें

-बीमार होने पर आत्म-अलगाव का अभ्यास करें

-समय पर आवश्यक परीक्षण और चिकित्सा सहायता प्राप्त करें

-सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें

-नियमित रूप से हाथ धोएं


क्यों रहना चाहिए भारत को सतर्क

भारत को इस बीमारी से सतर्क रहना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे यहाँ भी बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है और एक बार यह बीमारी चीन से बहार फैली तो फिर से एक पान्डेमिक का रूप ले लेगी। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह चीन ही था जहाँ से कोविड-19 भारत सहित दुनिया में फैला और लाखों लोग असमय काल के गाल में समां गए। यह भी देखा गया है कि जाड़ों में निमोनिया का खतरा वैसे भी भारत में बढ़ जाता है। निमोनिया एक या दोनों फेफड़ों की वायु थैलियों में सूजन पैदा कर सकता है और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों, जैसे बुजुर्गों या बच्चों में गंभीर स्वास्थ्य सम्बन्धी जटिलताएं पैदा कर सकता है। यह रोग बैक्टीरिया, वायरस या कवक के कारण हो सकता है, और सर्दियों के मौसम में विशेष रूप से बीमारी का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि लोग घर के अंदर ही रहते हैं जिससे रोगाणु एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक आसानी से फैल जाते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप इस खतरनाक बीमारी से बच सकें, इससे लड़ने के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करना ज़रूरी है।


निमोनिया से बचने के लिए क्या करना चाहिए बता रहे हैं एक्सपर्ट

गोरखपुर में एक प्राइवेट नर्सिंग होम चलाने वाले डॉक्टर नरेंद्र राय के अनुसार जीवनशैली में बदलाव निमोनिया के प्रबंधन और रोकथाम में सहायक भूमिका निभा सकता है। उनका कहना है कि निमोनिया एक श्वसन संक्रमण है जो फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में चिकित्सा तो आवश्यक है लेकिन जीवनशैली में कुछ बदलाव अपनाने से समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और निमोनिया के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर नरेंद्र राय ने बताया कि जीवनशैली में नीचे लिखे बदलो कर के हम निमोनिया के कर सकते हैं।

अच्छी स्वच्छता बनाए रखें- हाथों को बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं, खासकर खांसने या छींकने के बाद, शौचालय का उपयोग करने के बाद और खाने से पहले।

टीकाकरण- न्यूमोकोकल वैक्सीन और इन्फ्लूएंजा (फ्लू) वैक्सीन सहित टीकाकरण के बारे में अपडेट रहें। ये टीके कुछ प्रकार के निमोनिया को रोकने और लक्षणों की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकते हैं।

स्मोकिंग ना करें- धूम्रपान श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे व्यक्ति निमोनिया सहित श्वसन संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।

शराब का सेवन सीमित करें- अत्यधिक शराब का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है। शराब का सेवन सीमित करने से बेहतर समग्र स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा कार्य में योगदान मिल सकता है।

संतुलित आहार- फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और दुबले प्रोटीन से भरपूर एक संतुलित आहार आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करता है। नियमित व्यायाम-नियमित शारीरिक गतिविधि समग्र स्वास्थ्य में योगदान देती है और श्वसन और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकती है।

पर्याप्त नींद- स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लेना महत्वपूर्ण है। संक्रमण से लड़ने की आपके शरीर की क्षमता को समर्थन देने के लिए प्रति रात 7-9 घंटे की नींद का लक्ष्य रखें।

स्ट्रेस ना लें- तनाव प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और व्यक्तियों को संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है। ध्यान, गहरी सांस लेना, योग जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करें।

बीमार व्यक्तियों के निकट संपर्क से बचें- जो लोग बीमार हैं, खासकर श्वसन संक्रमण वाले लोगों के साथ निकट संपर्क कम से कम करें। यदि आप बीमार हैं, तो दूसरों तक संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरतें।

हाइड्रेटेड रहें- श्वसन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त हाइड्रेशन आवश्यक है। श्वसन पथ में श्लेष्म झिल्ली को नम रखने में मदद करने के लिए खूब पानी पिएं, जो संक्रमण को रोकने में सहायता कर सकता है।

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