लखनऊ: क्या आपको पता है कि आपक शरीर के जिस अंग के लिए जो भी फल या सब्जी उपयोगी होता है उसका आकार उस अंग के अनुसार प्रकृति ने तय कर दिया है। इसे हम आहार विज्ञान कहते हैं। इसकी जानकारी से स्वस्थ रहने की जानकारी मिलती है।
आधुनिक विज्ञान अब इसको खोज कर बता रहा है लेकिन भारतीय रसोई के विशेषज्ञ इस ज्ञान से पारम्परिक रूप से परिचित रहे हैं। मानव शरीर का सीधा सम्बन्ध भोजन, उसके पाचन और पाचक रसों से होता है। इसीलिए हमारे यहां किचेन नहीं रसोई शब्द का प्रयोग होता है। मतलब वह जगह जहां रस होता है।
अपने देश यानी भारत में भोजन को लेकर बहुत महत्वपूर्ण शास्त्र उपलब्ध है और इसकी बारीकियों को भारतीय समाज आदिकाल से समझता रहा है। इसी ज्ञान में एक विधा है फलों और सब्जियों की आकृति जिसका सीधा सम्बन्ध हमारे शरीर के सम्बंधित अंग से जुड़ा होता है। उदहारण के लिए अखरोट को ही ले लीजिये।
ऐसा कहा जाता है कि रोज अखरोट खाने से दिमाग तेज होता है, लेकिन कभी सोचा है ऐसा क्यों है। क्योंकि उसका आकार दिमाग की तरह होता है। यह कुदरत का करिश्मा है कि हमारे आसपास ऐसे फल, अनाज और सब्जियां हैं, जिनका आकार हमारे शरीर के किसी न किसी अंग से मिलता है और उन्हें खाने से शरीर विशेष की बीमारी होने का जोखिम कम किया जा सकता है। यही नहीं, अगर बीमारी हो जाए तो उसके ठीक होने की संभावना भी होती है।
सात्विक भोजन,शुद्ध सेहत
सात्विक भोजन, शुद्ध सेहत। यह प्राचीन मान्यता है कि हम जैसा खाते हैं, वैसा ही सोचते हैं वैसे ही गुणों का विकास होता जाता है। इसलिए सदियों से सात्विक भोजन पर जोर दिया जाता रहा है। अब आधुनिक शोधों से पता चल रहा है कि ये मान्यताएं बिल्कुल सही हैं। इसी क्रम में हम आपका उन अनाज, फल और सब्जियों से परिचय करा रहे हैं, जो शरीर के खास हिस्से के लिए फायदेमंद होते हैं और आपको सेहतमंद रखते हैं।
आँख का रिश्ता गाजर से
गाजर की आतंरिक बनावट आँख के रेटिना की तरह होती है। इसे काटकर देखिए तो यह बिल्कुल आंखों के बीच के गोल हिस्से की तरह दिखता है। तभी तो इसे खाने से आंखों की रोशनी ठीक रहती है। इसमें विटामिन और बीटा केरोटीन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो आंखों की रोशनी को खराब होने से बचाते हैं।
स्तन के स्वास्थ्य के लिए संतरा
संतरे को बीच से काटने पर जो आकृति उभरती है वह स्तन के मैमोग्राम से मिलती जुलती है। संतरे एवं साइट्रिक एसिड वाले इसी आकार के अन्य फलों में पाया जाने वाला लिमोनॉयड्स का प्रयोगशाला में जानवरों पर प्रयोग सफल रहा है और इससे कैंसर का असर दूर करने में मदद मिली है।
दिल का दोस्त टमाटर
टमाटर को काटने पर उसके अंदर से भी दिल की तरह चैंबर निकलते हैं। वैज्ञानिक शोधों से साबित हुआ है कि इसमें पाए जाने वाले लाइकोपिन नामक पदार्थ के कारण टमाटर खाने वालों से दिल की बीमारियां दूर रहती हैं। टमाटर में थोड़ा मक्खन, घी या कोई भी फैट मिलाकर खाने से लाइकोपिन का असर दस गुना तक बढ़ जाता है।
आमाशय का साथी है अदरक
अदरक के फायदे के कायल लोग से इसके मुरीद है लेकिन कई लोग इसके स्वाद के कारण इससे कोसों दूर रहना पसंद करते हैं। खैर, कभी ध्यान से इसे देखिए। यह बिल्कुल आमाशय (स्टमक) की तरह दिखता है। अपने देश में तो इसके गुणों से हम सदियों से परिचित हैं, लेकिन अब यूएस ड्रग एडिमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) तक ने इसका लोहा मान लिया है। इसकी सूची में अदरक के तेल को अजीर्ण और उल्टी में इस्तेमाल के लिए रामबाण बताया गया है।
किडनी के एकरा वाले बीन्स
कभी आपने सोचा है कि राजमा और फ्रेंच बींस या इस परिवार के अन्य बींस का आकार किडनी की तरह क्यों होता है। क्योंकि इनके सेवन से किडनी सेहतमंद रहती है। यहां तक कि एक बींस का नाम ही किडनी बींस है। इसमें फाइबर, मैग्नीशियम और पोटैशियम पाया है। फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है, जबकि मैग्नीशियम और पोटैशियम किडनी स्टोन की समस्या से बचाता है।
शक्ति और चमक का मूल केला
केला शायद दुनिया में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला फल है और इसे कंप्लीट फूड भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अंदर ट्रिप्टोफैन नामक एक प्रोटीन पाया जाता है जो केले के पचने के बाद सेरोटोनिन में बदल जाता है। यही सेरोटोनिन हमारे मूड को बूस्ट करता है। इसलिए, अगली बार जब भी आपका मूड डाउन हो तो उसे अप करने के लिए केला जरूर खाइएगा। शर्तिया फायदा होगा।
कान की तरह मशरूम
मशरूम को बीच के काटने पर यह बिल्कुल हमारे कान की तरह दिखता है। कान से ऊंचा सुनने वालों में मशरूम के सेवन से सुधार देखने को मिला है। कान के अलावा यह हड्डियों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें काफी मात्रा में विटामिन डी भी पाया जाता है।
शकरकंद और पैंक्रियाज का रिश्ता
पैंक्रियाज का हमारे शरीर में काफी अहम रोल होता है। इस अंग का आकार शकरकंद से काफी मिलता-जुलता है। शोध से पता चला है कि शकरकंद में पाया जाने वाले तत्व पैंक्रियाज के ग्लाइसेमिक इंडेक्स को ठीक रखते हैं जिससे यह अंग सामान्य रूप से काम करता है।
फेफड़े की कोशिकाओं जैसा अंगूर
हमारे फेफड़े के अंदर अंगूर के आकार की कई थैलीनुमा ग्रंथियां होती हैं जो कॉर्बन डाइ ऑक्साइड और ऑक्सीजन के प्रवाह को नियंत्रित करती हैं। इन्हें एल्वियोली कहा जाता है। अंगूर के सेवन से फेफड़े के संक्रमण और एलर्जी से होने वाली अस्थमा जैसी बीमारियों से लड़ने में फायदा मिलता है।
पूर्ण कोशिका जैसा होता प्याज
प्याज को काटकर सलाद के रूप में खूब खाया जाता है। लोग इसे अलग-अलग आकार में काटते हैं, लेकिन गभी गोलाकार काटकर देखिए। यह आकार बिल्कुल इनसान की कोशिकाओं से मिलता है। शोधों से पता चला है कि प्याज में पाए जाने वाले फाइटोकेमिकल कोशिकाओं के अपशिष्ट पदार्थों की सफाई करते हैं और उन्हें स्वस्थ रखते हैं। हम सभी जानते हैं कि ये कोशिकाएं ही जीवन का आधार हैं। कोशिकाओं से ही मिलकर ऊतक (टिश्यू) बनते हैं और कई टिश्यू मिलकर ऑरगन यानी अंग का निर्माण करते हैं।