जिनको नींद से है दोस्ती, उनको सेहत से करनी होगी कुश्ती, जानिए क्यों?

आमतौर पर व्यक्ति के लिए 7-8 घंटे गहरी नींद बहुत जरूरी है। लेकिन कई लोग अत्यधिक सोते है और जरूरत से ज्यादा सोना सेहत के लिए परेशानी खड़ी करती है। स्वस्थ खानपान के साथ-साथ अच्छी नींद लेना भी जरूरी है। नींद को इंसान की कई बीमारियों के इलाज के लिए सबसे अच्छी दवा कहते है। इन दिनों लोगों के बीच कम नींद लेने की समस्या भी काफी देखी जाती है

Update: 2019-12-16 05:03 GMT

नई दिल्ली: आमतौर पर व्यक्ति के लिए 7-8 घंटे गहरी नींद बहुत जरूरी है। लेकिन कई लोग अत्यधिक सोते है और जरूरत से ज्यादा सोना सेहत के लिए परेशानी खड़ी करती है। स्वस्थ खानपान के साथ-साथ अच्छी नींद लेना भी जरूरी है। नींद को इंसान की कई बीमारियों के इलाज के लिए सबसे अच्छी दवा कहते है। इन दिनों लोगों के बीच कम नींद लेने की समस्या भी काफी देखी जाती है और इस वजह से बेहतर नींद कैसे पाएं इसको लेकर भी कई तरह के शोध और उपाय समय-समय पर सामने आते रहते हैं। लेकिन मेडिकल जर्नल न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक स्टडी से पता चला है कि जरूरत से ज्यादा सोना सेहत के लिए जानलेवा भी हो सकता क्योंकि ज्यादा सोने से बढ़ता है हार्ट स्ट्रोक का खतरा।

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नए रिसर्च के अनुसार, जो लोग हर रात 9 घंटे या उससे अधिक समय तक सोते हैं, उनमें 7 घंटे से कम सोने वाले लोगों की तुलना में हार्ट स्ट्रोक का खतरा 23 प्रतिशत अधिक होता है। स्टडी में पाया गया कि कम सोने वालों की तुलना में लंबे समय तक सोने वाले लोग और दिन के समय लंबी झपकी लेने वालों में 85 प्रतिशत लोगों को हार्ट स्ट्रोक की आशंका रहती है।

रिसर्च के अनुसार इस स्टडी से पता चला कि दिन के समय में देर तक सोने या झपकी लेने वालों में कॉलेस्ट्रोल का लेवल बढ़ता है और उनकी कमर भी बढ़ जाता है। स्टडी में कहा गया कि लंबी झपकी लेना और सोना एक संपूर्ण निष्क्रिय जीवनशैली की ओर इशारा करता है,

 

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इस स्टडी में चीन के 31 हजार 750 लोगों को शामिल किया गया, जिनकी औसत आयु 62 साल थी। जब रिसर्च में शामिल लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों या हार्ट स्ट्रोक की कोई पुरानी समस्या नहीं थी। शोधकर्ताओं ने 6 साल तक स्टडी में शामिल लोगों पर नजर रखी और उनकी जांच की। इस दौरान अधिक सोने वाले लोगों में हार्ट स्ट्रोक के कुल 1 हजार 557 मामले सामने आए। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि जो लोग रात में 9 घंटे या उससे अधिक समय तक सोते थे, उनमें रात में 7 घंटे या उससे कम सोने वाले लोगों की तुलना में हार्ट स्ट्रोक की आशंका 23 प्रतिशत अधिक थी।रिसर्च के अनुसार दुनिया में 4 फीसदी लोग सुबह फ्रेश फील नहीं करते हैं। उनमें स्लीप सिंड्रोम का खतरा अधिक रहता है।

अत्यधिक सोने के बाद कई लोगों में सिरदर्द की शिकायत भी पाई गई है। साथ ही इससे याद्दाश्त भी प्रभावित होती है। ज्यादा देर तक सोने वालों में कब्ज की परेशानी होती है। ज्यादा देर तक सोने के दौरान जब शरीर एक जैसी अवस्था में रहता है, तो खून में रुकावट आती है और कई बार पीठ में जकड़न की समस्या होती है।

ज्यादा देर तक सोने से दिमाग में लेवल कम हो जाता है। जो व्यक्ति के मुड को प्रभावित करता है और पूरे दिन चिड़चिड़ापन होने लगता है।

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