कोरोना का कहर: संक्रमित मरीजों की भी RT-PCR रिपोर्ट आ रही निगेटिव
जानकारी के मुताबिक, लगभग 6 महीने में 34 प्रतिशत लोगों में स्नायुतंत्र और मानसिक बीमारियों को इलाज करा रहे है।
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना तेजी से फैल रहा है। ऐसे में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। आरटी-पीसीआर टेस्ट और रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने वाले लोगों की रिपोर्ट तो निगेटिव तो आ रही है, लेकिन उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है, जिसके कारण उन्हें HRCT यानी हाई रेजोल्यूशन सीटी किया जा रहा है।
आपको बता दें कि देश में कई ऐसे मरीज सामने आ रहे है, जिनका आरटी-पीसीआर टेस्ट और रैपिड एंटीजन टेस्ट निगेटिव आया, फिर भी वे हालत गंभीर बना हुआ है। हैरत की बात यह कि उनके रिपोर्ट निगेटिव होने के बावजूद भी उनके फेफड़ों में कोरोना के संक्रमण पाए गए है। ऐसे मामलों को देखते हुए वडोदरा नगर निगम ने आदेश दिया है, "आर-टीपीसीआर में निगेटिव मिले बीमार मरीजों को बीमा कंपनियां व थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर (टीपीए) कोविड-19 मरीज की तरह मानें।"
मानसिक बीमारियों के हो रहे है शिकार
इसके अलावा एक और हैरत करने वाला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि कोरोना को मात दे चुके मरीजों को स्नायुतंत्र (nerve fibers) और मानसिक बीमारियां घेर रही हैं, जिसके कारण अवसाद,थकान, बदनदर्द और घबराहट जैसे समस्याएं हो रही है। जानकारी के मुताबिक, लगभग 6 महीने में 34 प्रतिशत लोगों में स्नायुतंत्र (nerve fibers) और मानसिक बीमारियों को इलाज करा रहे है।
8 महीने बाद फिर लौटा कोरोना
बताते चले कि एक चिकित्सीय अध्ययन में वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि कोरोना को मात देने वाले मरीज दोबारा वायरस के चपेट में आ सकते है। 8 महीने के बाद भी ऐसे कई मरीज पाए गए है जो 8 महीने के बाद फिर से कोरोना पॉजिटिव हुए है।