पीरियड्स में देरी से हो सकते है ये नुकसान, इसे न करें नजरअंदाज

महिलाओं में होने वाली एक स्वाभाविक प्रक्रिया जिसे पीरियड्स कहा जाता हैं। जिससे हर एक महिला को गुज़रना पड़ता है। पीरियड्स आम तौर पर हर लड़की को 10 से 15 साल में उम्र में सुरु होती है।

Update: 2020-08-21 13:40 GMT
A natural process that occurs in women is called periods. Which every woman has to pass. Periods usually start at every girl in 10 to 15 years of age

महिलाओं में होने वाली एक स्वाभाविक प्रक्रिया जिसे पीरियड्स कहा जाता हैं। जिससे हर एक महिला को गुज़रना पड़ता है। पीरियड्स आम तौर पर हर लड़की को 10 से 15 साल में उम्र में सुरु होती है। महिलाओं में पीरियड्स की प्रक्रिया शरू होने से यह संकेत मिलता है कि शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंग सही से काम कर रहे हैं।

हो सकती है दिक्कत

लेकिन अगर यही पीरियड्स अपने समय अनुसार ना आए तो दिक्कत किबात हो सकती है जिसे किसी भी महिलाओं को अनदेखी नहीं करनी चाहिए। पीरियड साइकल 28 दिन लंबा होता है। यदि यह चक्र हर महीने समान अंतराल का होता है तो यह नियमित माना जाता है। एक नियमित पीरियड् साइकिल की 21 से 35 दिनों तक हो सकती है। यह तब अनियमित माना जाता है जब एक महीने में तो लंबा और अगले महीने छोटा हो जाए।

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रखें ख्याल

अगर पीरियड्स किसी महीने नहीं आता है तो यह अनियमित माना जा सकता है। पूरे महीने के दौरान हॉर्मोन के स्तर में बढ़ोतरी और गिरावट इस चक्र को नियंत्रित रखते हैं।

डॉक्टर के अनुसार

myUpchar से जुड़े डॉ. विशाल मकवाना का कहना है कि एकाध बार मासिक धर्म चक्र में मामूली अनियमितता चिंताजनक नहीं है। हालांकि, अनियमित मासिक धर्म चक्र से निपटने में परेशानी हो सकती है। अनियमित मासिक धर्म के कुछ कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में महिलाओं को जानकारी होनी चाहिए।

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ओवरी में सिस्ट (अंडाषय में गांठ) अनियमित मासिक धर्म का एक बड़ा कारण है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) प्रजनन क्षमता के कम होने के साथ जुड़ा हुआ है। यहां महिला का शरीर पुरुष हॉर्मोन का उत्पादन शुरू कर देती है और इसके परिणामस्वरूप अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं. इसका इलाज करवाना जरूरी है।

असामान्य या लंबे समय तक मासिक धर्म, चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बालों का विकास, वजन बढ़ना, मुंहासे, तेल वाली त्वचा आदि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं। इसके अन्य भी कारण हो सकते हैं जैस तनाव, अतिरिक्त वज़न , गर्भनिरोधक गोलियां मासिक धर्म चक्र पर प्रभाव डाल सकती हैं।

 

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