Prostate cancer: पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की संभावनाओं को दूर करता हैअनार, और भी कई बिमारियों का है दुश्मन

Prostate cancer : शरीर में जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं तब प्रोस्टेट कैंसर बनना शुरू हो जाता है। आपको बता दें कि प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में ही पाई जाती है। जिसका काम कुछ तरल पदार्थ का उत्पादन करने के साथ वीर्य को बनाने में भी मदद करना है । शरीर में प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे ही बढ़ता है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-06-28 12:38 IST

Prostate cancer ( Image credit to social media)

Prostate cancer: प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में होने वाला बेहद सामान्य कैंसर है। आमतौर पर 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की समस्या शुरू होती है। लेकिन आजकल के असंतुलित लाइफस्टाइल में अब यह बीमारी किसी भी आयु वर्ग के लोगों को अपना शिकार बना रही है। बता दें कि जब प्रोस्टेट में कोशिकाओं की असामान्य, घातक वृद्धि होती है तो वो ट्यूमर बन जाता है जिसे प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है।

उल्लेखनीय है कि ये कैंसर शरीर के अन्य क्षेत्रों में जब फैलना शुरु कर देते हैं तब भी इसे प्रोस्टेट कैंसर ही कहा जाता है क्योंकि यह कैंसर प्रोस्टेट के कोशिकाओं से बना हुआ होता है। गौरतलब है कि शरीर में जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं तब प्रोस्टेट कैंसर बनना शुरू हो जाता है। आपको बता दें कि प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में ही पाई जाती है। जिसका काम कुछ तरल पदार्थ का उत्पादन करने के साथ वीर्य को बनाने में भी मदद करना है । शरीर में प्रोस्टेट कैंसर धीरे-धीरे ही बढ़ता है।

हालाँकि प्रोटेस्ट कैंसर का इलाज़ तो संभव है। अगर इसके लक्षणों को शुरूआती दौर में पहचान लिया जाए तो इस बीमारी का इलाज़ संभव है। लेकिन लक्षणों को पहचानने में जितनी देरी होगी इलाज़ में उतनी ही दिक्क़तें आयेंगी।

प्रोटेस्ट कैंसर के कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है :

- बार-बार पेशाब आना प्रोस्टेट कैंसर के प्रमुख लक्षणों में से एक है।

- कई बार पेशाब करते समय खून का आना भी प्रोस्टेट कैंसर होने का ही एक लक्षण माना जाता है। इसलिए यदि किसी भी पुरुष को पेशाब करते समय खून आ रहा हो तो उसे तुरंत ही किसी डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज शुरू कर देना चाहिए ।

- हमेशा पीठ में दर्द होना भी एक प्रोस्टेट कैंसर का ही लक्षण माना जाता है। अगर आप ऐसी समस्या से लगातार गुज़र रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

- कई बार कुछ पुरुषों में पेशाब का सही से ना होना या रुक रुक कर आना भी प्रोस्टेट कैंसर का ही लक्षण समझा जाता है।

प्रोटेस्ट कैंसर हो जाने के बाद इसका इलाज़ हमेशा अच्छे डॉक्टर की निगरानी में ही करना चाहिए। लेकिन उससे भी ज्यादा जरुरी है कि आप अपने खान -पान से प्रोटेस्ट कैंसर की समस्या को शरीर में पनपने ही ना दें। जी ऐसे में अनार आपके लिए बेहद फायदेमंद फल साबित हो सकता है। जी हाँ अगर अनार के जूस या दानों का सेवन रेगुलर रूप से किया जाता है तो इससे पुरुषों में प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं अनार के अंदर मौजूद गुण होते हैं जो आपकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

कहा जाता है कि एक अनार सौ बीमार ,यानी एक अनार खाने के इतने फायदे होते हैं कि सौ बीमारियां तक दूर हो जाती हैं।

तो आइये जानते हैं कि स्वास्थ्य के लिए अनार कैसे है फायदेमंद :

- प्रोस्टेट कैंसर से करता है बचाव

आपको बता दें अनार में मौजूद फाइबर, विटामिन के,सी, और बी, आयरन, पोटेशियम, जिंक और ओमेगा-6 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व आपको स्वस्थ रखने में बेहद कारगर साबित होते हैं। इतना ही नहीं इसका रोज़ाना सेवन शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को पैदा होने नहीं देता है। ख़ास कर पुरुषों के लिए इसका उपभोग प्रोस्टेट कैंसर से बचाव करता है। गौरतलब है कि आजकल पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की समस्या दिन -प्रतिदिन लगातार बढ़ती जा रही है। जो एक गहरी चिंता का विषय है।

- दिल को रखता है सुरक्षित :

अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण न केवल शरीर से ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है बल्कि यह आपके शरीर से ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता हैं।

रिसर्च के मुताबिक अनार में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट क्षतिग्रस्त हो चुके डीएनए सेल्स को भी ठीक करने का भी काम करता हैं। बता दें कि यह वही सेल्स हैं जो आगे चलकर शरीर में कैंसर की समस्या को जन्म दे सकते हैं।

- गर्भ में पल रहे बच्चे लिए फायदेमंद:

शोध के अनुसार मां के गर्भ में पल रहे शिशु को दिमागी चोट या इंजरी से बचाकर रखने के लिए अनार बेहद लाभकारी होता है। इतना ही नहीं, गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन अनार का जूस पीने से नली- संकीर्ण होने का खतरा भी कम हो जाता है।


Tags:    

Similar News