Blood Cholesterol: जानें क्या हैं ब्लड कोलेस्ट्रॉल की निगरानी शुरू करने की सही उम्र

Blood Cholesterol: कोलस्ट्रोल एक फैट है जो ब्लड में पाया जाता है। शरीर में हाई कोलस्ट्रोल हो जाने पर हार्ट से जुड़ी बीमारियां होने लगती है।

Written By :  Anupma Raj
Update:2022-08-31 08:23 IST

Blood Cholesterol Test (Image: Social Media)

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Blood Cholesterol: कोलस्ट्रोल एक फैट है जो ब्लड में पाया जाता है। शरीर में हाई कोलस्ट्रोल हो जाने पर हार्ट से जुड़ी बीमारियां होने लगती है। वहीं कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होना अच्छा नहीं माना जाता। दरअसल ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का हाई लेवल ब्लड vessel पर जमा हो जाता है और इसे संकुचित कर देता है और arteries के जरिए ब्लड के प्रवाह को प्रभावित करता है और कभी-कभी ये इक्कट्ठा होने पर टूट जाते हैं और थक्का बन जाते हैं जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो जाता है।

बता दे कि कोलेस्ट्रॉल में एचडीएल yani high density लिपोप्रोटीन, एलडीएल या low density वाले लिपोप्रोटीन और ट्राइग्लिसराइड्स शामिल हैं। दरअसल एलडीएल को खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, एचडीएल अच्छा कोलेस्ट्रॉल है और ट्राइग्लिसराइड्स, जिन्हें हानिकारक नहीं माना जाता है, वे हृदय रोगों से जुड़े होते हैं। आपके ब्लड में विभिन्न कोलेस्ट्रॉल स्तरों को निर्धारित करने के लिए एक कंप्लीट कोलेस्ट्रॉल टेस्ट किया जाता है। जिसमें कोलेस्ट्रॉल का लेवल मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या मिलीग्राम/डीएल के रूप में मापा जाता है।

बता दे कि हाई कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए खतरा बनाता है। इसलिए यही कारण है कि इसका हाई स्तर लक्षण नहीं दिखाता है। दरअसल जब यह एक ऐसी अवस्था में पहुँच जाता है जहाँ से शरीर को वापस सामान्य अवस्था में लाना कठिन होता है, तब व्यक्ति को लक्षण दिखाई देने लगते हैं। Blood कोलेस्ट्रॉल की निगरानी का एकमात्र तरीका यह है कि इसे नियमित रूप से जांचा जाए।

बता दे कि बच्चों में कोलेस्ट्रॉल की निगरानी करने का सही उम्र 9 साल की उम्र है, 9 साल की उम्र में एक बार चेक जरूर करा लें। इसके बाद फिर, डॉक्टरों द्वारा17 से 20 साल की आयु के समूह के बीच में भी चेक करने का सुझाव दिया जाता है। डॉक्टर्स का मानना है कि जीवन की शुरुआत से ही कोलेस्ट्रॉल की जांच होनी चाहिए। यहां तक ​​कि बच्चों और किशोरों को भी अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। 

बता दे कि ब्लड कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाने की नियमित आदत डालना सही होता है। एक शोध के अनुसार भारत में 25-30% शहरी और 15-20% ग्रामीण क्षेत्रों रहने वालों में में उच्च कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है। शोध से मिली जानकारी के अनुसार 20 साल की अवधि में शहरी आबादी के बीच कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। दरअसल डॉक्टर्स का कहना है कि आज के समय में 25 साल की उम्र से शुरू होने वाले अपने कोलेस्ट्रॉल की जांच कराना उचित रहता हैं। बता दे कि साल में एक बार आपके कोलेस्ट्रॉल की जांच करने के सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है, इससे कोलेस्ट्रोल कंट्रोल में रहता है। विशेषज्ञों की मानें तो 20 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को हर 5 साल में टेस्ट करवाना चाहिए। बता दे कि 19 वर्ष की आयु तक, कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 170 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे रहना चाहिए। वहीं वयस्कों में कोलेस्ट्रॉल का सामान्य स्तर 200 से कम होना चाहिए। 200 और 239 के बीच रक्त कोलेस्ट्रॉल वाले व्यक्ति को borderline वयस्क कहा जाता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल को थ्रेशोल्ड लेवल से नीचे रखना बहुत जरूरी है।

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