Testicular cancer: टेस्टिकुलर कैंसर की जांच करें खुद से, जानें लक्षण कारण और बचाव के तरीके

Testicular cancer: टेस्टिकुलर कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी माना जाता है जिसका अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो इसमें मरीज़ की जान तक जा सकती है। वैसे तो टेस्टिकुलर कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं।

Report :  Preeti Mishra
Update:2022-05-24 11:36 IST

Testicular cancer Man ( image credit social media)

Testicular cancer treatment: टेस्टिकुलर कैंसर (Testicular Cancer) पुरुषों को होने वाली एक गंभीर बीमारी है। इसे वृषण कैंसर या अंडकोष का कैंसर भी कहा जाता है। अमूमन 15 साल से लेकर 35 साल की उम्र के लोग इसके चपेट में आते हैं। लेकिन वैसे आमतौर पर टेस्टिकुलर कैंसर सबसे ज्यादा 20 से 35 साल की उम्र के लोगों में ही देखने को मिलती है। लेकिन बावजूद इसके यह बीमारी पुरुषों में किसी भी उम्र में हो सकती है। 

बता दें कि टेस्टिकुलर कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी माना जाता है जिसका अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो इसमें मरीज़ की जान तक जा सकती है। वैसे तो टेस्टिकुलर कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं। गौरतलब है कि इस बीमारी में मरीज़ के अंडकोष में ही कैंसर की कोशिकाएं विकसित हो जाती हैं। जिस कारण इस कैंसर से पीड़ित लोगों को पेशाब करने में दिक्कत, अंडकोष में गांठ बनना, पेट में गड़बड़ी और असामान्य रूप से खांसी जैसी समस्याएं हो सकती है। उल्लेखनीय है कि टेस्टिकुलर कैंसर से बचने के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद जरुरी है। इसके अलावा टेस्टिकुलर कैंसर के लक्षणों को समय रहते पहचान कर उपचार करना अति आवश्यक होता है। 

लक्षण - यूँ तो टेस्टिकुलर कैंसर की समस्या में शुरुआती चरण में ही मरीज में इससे जुड़ें लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं। जिसमें मरीज के अंडकोष में गांठ या सूजन बनने की समस्या प्रमुख होती है। इसके अलावा अंडकोष के निचले हिस्से में सूजन, अंडकोष में गांठ बनना, पीठ और पेट में गंभीर दर्द, अंडकोष में गंभीर दर्द, पेट में दर्द और मल त्याग करने में दिक्कत, अंडकोष में लिक्विड जमना, टेस्टिकल्स की साइज में बदलाव, गंभीर खांसी और सिरदर्द जैसे लक्षण भी शामिल होते हैं। 

अंडकोष कैंसर से बचने के उपाय - टेस्टिकुलर कैंसर या अंडकोष कैंसर से जुड़े लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज़ शुरू कर देना चाहिए। बता दें कि अगर शुरूआती स्टेज में ही इसका इलाज होने से मरीज जल्दी ही ठीक हो सकता है। जबकि इसके इलाज में देरी होने पर इस कैंसर से पीड़ित मरीजों के ठीक होने की संभावना बेहद कम हो सकती है। गोरतलब है कि टेस्टिकुलर कैंसर की समस्या से बचने के लिए में आपको एक हेल्थी लाइफस्टाइल अपनानी बेहद जरुरी होता है । सबसे खतरे की बात है कि ज्यादातर टेस्टिकुलर कैंसर कम उम्र के ही लोगों में देखने को मिलता है। 

हालाँकि इस तरह के कैंसर के होने के सही कारणों के बारे में अभी तक सटीक जानकारी प्राप्त नहीं हो पायी है जिसके कारण इससे बचने के भी कोई सटीक कदम अभी तक नहीं बताये जा सकते हैं। लेकिन फिर भी अगर आप अपने जीवनशैली और खानपान से जुड़ी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रख कर टेस्टिकुलर कैंसर से बचाव कर सकते है। 

तो आईये जानते हैं कि टेस्टिकुलर कैंसर से बचने के लिए आपको किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

- कभी भी अंडकोष या वृषण पर किसी भी तरह की चोट लगने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। आमतौर पर कई बार लोग खेलकूद या किसी अन्य शारीरिक गतिविधि के दौरान अंडकोष पर लगी चोट को नजरअंदाज कर देते हैं जो संभवतः आगे चलकर टेस्टिकुलर कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। इसलिए पुरुषों को ख़ास कर हमेशा इस बात का विशेष ध्यान रखना जरुरी होता है। 

- खेलकूद ख़ास कर क्रिकेट खेलते समय अंडकोष पर चोट लगने से बचाने के लिए गार्ड का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। 

- एचआईवी से पीड़ित लोगों में टेस्टिकुलर कैंसर का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए एचआईवी से पीड़ित पुरुषों को समय-समय पर अपने अंडकोष की जांच करने की सलाह दी जाती है । 

- इस कैंसर से जुड़े किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने या टेस्टिकल्स की असामान्य रूप से वृद्धि होने पर पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

- जिनके फॅमिली हिस्ट्री में टेस्टिकुलर कैंसर की हिस्ट्री रही हो ऐसे लोगों को इसके होने का खतरा औरों के मुकाबले ज्यादा होता है। इसलिए ऐसे लोगों को इस बात के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिए। 

- खुद से करें जांच। इसके लिए गर्मी के मौसम में अंडकोष को सबसे पहले अपने दोनों हाथों से पकड़ें और तर्जनी और मध्यमा उंगली के बीच अंडकोष को रोल करें। ऐसा करने पर अगर आपको अंडकोष में गांठ या असामान्यता महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

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