Heart Health Tests: सही समय पर ये टेस्ट करवाने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का खतरा होगा कम

Heart Health Tests: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नयी रिपोर्ट के मुताबिक़ विश्वभर में हर साल दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण 1.79 करोड़ लोगों की मृत्यु हो जाती है।

Written By :  Preeti Mishra
Update:2022-09-07 12:44 IST

Heart Attack Symptoms (Image: Social Media)

Heart Health Tests: हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक दिल आपके शरीर में खून को पंप करता है। इसलिए यह बेहद जरुरी है कि शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिल को स्वस्थ बनाये रखना बेहद जरुरी है। कई बार खानपान की गलत आदतों, लगातार घंटों तक बैठे रहना (Sedentary Lifestyle) और तनाव भरा जीवन जीने से भी आपके दिल का स्वास्थ्य काफी हद तक ख़राब हो सकता है। हालांकि, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), शुगर (Diabetes), कॉलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और दिली की बीमारी से जुड़ा पारिवारिक इतिहास भी आपके हृदय स्वास्थ्य (Heart Health) पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।

बता दें कि दुनियाभर में कार्डियोवस्कुलर बीमारियों (CVDs) के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नयी रिपोर्ट के मुताबिक़ विश्वभर में हर साल दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण 1.79 करोड़ लोगों की मृत्यु हो जाती है। इसके अलावा सबसे चिंताजनक बात यह है कि हर पांच में से 4 लोगों की मौत हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण भी हो जाती है। इतना ही नहीं इनमें से एक तिहाई लोगों की मौत कम उम्र में या 70 वर्ष से कम उम्र में हो रही है।

ऐसे में बेहद जरुरी है कि दिल को स्वस्थ बनाये रखने के लिए हेल्थी उपायों को अपनाया जाए :

अगर आप खुद को स्वस्थ रखना चाहते हैं। तो ये बेहद जरुरी है कि आप अपने दिल का विशेष ख्याल रखें तभी आप एक लंबी और स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं। दिल को स्वस्थ बनाये रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने दिल के स्वास्थ्य के बारे में बताने वाले कुछ जरुरी टेस्ट नियमित तौर पर जरूर करवाते रहें।

तो आइये जानते हैं दिल से जुड़े उन जरुरी टेस्ट के बारे में जिनकी मदद से आप अपने दिल के स्वास्थ्य पर निरंतर नजर रख सकते हैं :

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट ( Lipid profile tests)

दिल के स्वास्थ्य की जानकारी देने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट बहुत जरूरी होता है। बता दें कि यह टेस्ट आपके शरीर में कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर की जांच करता है। यहाँ तक कि शरीर में अगर कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड की मात्रा अधिक हो जाये तो यह दिल तक खून की सप्लाई को बाधित भी करने लगता है। उल्लेखनीय है कि कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के उच्च स्तर के कारण हाई-ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी समस्याएं होने के साथ हार्ट अटैक भी आ सकता है।

कार्डियक रिस्क और कार्डियक स्क्रीन टेस्ट ( Cardiac risk and cardiac screen tests)

दिल की बीमारियों से जुड़े खतरे की पहचान और रोकथाम करने में ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट और शुगर टेस्ट भी लोगों के लिए सहायक होता है। इसके अलावा जिन लोगों के परिवार में दिल से जुड़ी समस्याओं का इतिहास रहा है। यह टेस्ट उन लोगों में भी दिल से जुड़ी बीमारियों की पहचान और रोकथाम करने में मददगार होते हैं, ख़ास कर जो लोग डायबिटीज, मोटापे या हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। गौरतलब है कि इन टेस्ट के जरिये ये यह जानने में मदद मिलती है कि आपका दिल कैसा और किसप्रकार से काम कर रहा है।

ट्रू हेल्थ हार्ट( True Health Heart)

यह टेस्ट आपके हार्ट हेल्थ के बेसिक्स और दिल से जुड़े महत्वपूर्ण पैरामीटर्स की सही-सही तस्वीर आपके सामने रख देता है। गौरतलब है कि इस टेस्ट के परिणामों के आधार पर ही आप आगे और भी टेस्ट को कराने को लेकर निर्णय ले सकते हैं।

डायबिटीज और मोटापे के लिए टेस्ट( Tests for Diabetes and Obesity)

टाइप-2 डायबिटीज या डायबिटीज मेलिटस से पीड़ित लोगों को अपने ब्लड शुगर को संतुलित रखना चाहिए। अन्यथा ब्लड शुगर का उच्च स्तर आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए ऐसे मरीजों के लिए ये बेहद जरुरी है कि नियमित तौर पर ब्लड शुगर लेवल चेक कराते रहें। इसके अलावा अगर आपका वजन ज्यादा है या आप मोटापे के शिकार हैं तो यह भी आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए एक बेहद खतरनाक स्थिति हो सकती है। बता दें कि मोटापे की जांच के लिए आज कई तरह के टेस्ट भी उपलब्ध हैं।

खून की जांच (Blood tests)

मांसपेशियों को हुए किसी भी तरह के नुकसान, खासतौर पर हार्ट अटैक जैसी स्थिति में शरीर खून में खास तरह का कैमिकल भेजता है। बता दें कि ब्लड टेस्ट के जरिए यह जांच की जा सकती है कि आपके दिल की मांसपेशियों को कितना नुकसान पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि ब्लड टेस्ट की मदद से खून में मौजूद अन्य कैमिकल्स जैसे ब्लड फैट (कॉलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड), विटामिन और खनिज (Minerals) की भी जांच की जा सकती है।

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम ( Electrocardiogram (ECG))

बता दें कि ईसीजी की मदद से आपके दिल की विद्युत आवेगों (Electrical Impulses) की भी जांच की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि ईसीजी से यह पता लगाने में मदद मिलती है कि आपका दिल कितनी अच्छी तरह से हार्ट खून को पंप कर रहा है। आपको बता दें कि ईसीजी में मशीन से जुड़े छोटे-छोटे चिपचिपे स्ट्रिंग को आपकी छाती, हाथों और पैरों से चिपकाया जाता है। और इनकी तार को ईसीजी मशीन से भी जोड़ा जाता है। गौरतलब है कि यह मशीन दिल के इलेक्ट्रिकल इमपल्स को रिकॉर्ड करती है और एक पेपर पर प्रिंट कर देती है। आपके डॉक्टर ईसीजी का उपयोग दिल का दौरा या अनियमित दिल की धड़कन (Irregular Heartbeat) की पहचान के लिए कर सकते हैं।

एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test)

आपको बता दें कि जब ईसीजी टेस्ट को एक्सरसाइज के दौरान किया जाता है तो इसे स्ट्रेस टेस्ट के रूप में भी जाना जाता है। इसे ट्रेडमिल और एक्सरसाइज टेस्ट भी के नाम से भी जाना जाता है। जिसकी मदद से वर्कआउट के दौरान आपका दिल कितनी अच्छी तरह से काम कर रहा है इस टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर यह जानने की कोशिश करते हैं।

Disclaimer: यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। इसमें बताए गए टेस्ट और उपाय किसी भी तरह से डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं हो सकते। अपने स्वास्थ्य से जुड़े तमाम प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। 

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