खतरा बंद कार में: पहुँच सकते हैं अस्पताल, ड्राइवर के साथ खुली रखें खिड़की
रिसर्चर वर्गीज मथाई, जो मैसाचुसेट्स-एमहर्स्ट विश्वविद्यालय में रिसर्चर हैं। उन्होंने इस सिलसिले में कई प्रयोग किए हैं जिसमें पाया गया कि कोरोना का खतरा खुली कार में कम होता हैं। जबकि बंद कार में सर्वाधिक है।
लखनऊ: कार में सफर के दौरान कोरोना संक्रमण का खतरा तब सबसे ज्यादा होता है जब आप कार की सभी खिड़कियों को बंद रखते हैं। इसकी वजह है कि कार में बैठे सभी लोगों की छोड़ी गई सांस में मौजूद विषाणु गाड़ी के अंदर ही घूमते रहते हैं इसके विपरीत जब सभी खिड़कियां खुली रहती हैं तो संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। अभी हाल ही प्रकाशित साइंस एडवांस जनरल में प्रकाशित एक रिसर्च में यह जानकारी दी गई है। इसके अनुसार कार का एयरकंडीशंड ऑन रहने के दौरान भी सभी खिड़कियां बंद रहने पर संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
वर्गीज मथाई ने रिसर्च में किया खुलासा
रिसर्चर वर्गीज मथाई, जो मैसाचुसेट्स-एमहर्स्ट विश्वविद्यालय में रिसर्चर हैं। उन्होंने इस सिलसिले में कई प्रयोग किए हैं जिसमें पाया गया कि कोरोना का खतरा खुली कार में कम होता हैं। जबकि बंद कार में सर्वाधिक है। मथाई और उनके सहयोगी रिसर्चर अशीमांशु दास ब्राउन यूनिवर्सिटी चलती कार में हवा के प्रवाह की जांच की है। वर्गीज मथाई ने 80 किलो मीटर प्रतिघंटे की चलती हुई कर में अलग-अलग तरीके से हवा के प्रवाह का प्रयोग किया। उन्होंने अलग- अलग तरीके से हवा के प्रवाह के अनुसार वायरस के फ़ैलाने की संभावनाओं पर प्रयोग किया। उन्होंने 6 से लेकर 1 तक कार में सफर करने पर कोरोना संक्रमण होने की संभावनाओं को स्केल दिया।
कार के विंडो को बंद करना होगा घातक
उन्होंने पाया कि यदि सारी खिडकिया बंद रहती हैं तो कोरोना का रिस्क सबसे ज्यादा होता हैं। जिसका नंबर उन्होंने 6 दिया । उसके बाद 5 नंबर पर लेफट की पीछे वाली विंडो बंद व तीन अन्य खिडक़ी खुली रहने पर रिस्क कम होता हैं व 4 नंबर पर राइट साइड के फ्रंट वाली यानी ड्राइवर विंडो बंद होने और अन्य तीनों बंद रहने पर खतरा उससे कम होता हैं। उसके बाद उन्होंने देखा आगे वाली राइट कि पीछे वाली लेफ्ट की खिड़की बंद होने से सबसे कम खतरा होता हैं यह नंबर 3 में आता हैं।
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हवा का प्रवाह भी रखतें हैं मायने
अब 2 नंबर पर उन्होंने देखा की आगे वाली राइट की और पीछे वाली लेफ्ट विंडो खुली होने पर खतरा तीन नंबर की स्थिति से अधिक होगा। एक नंबर में सबसे अधिक खतरा चारो खिड़कियां बंद रहने पर होगा । वर्गीज मथाई ने यह भी बताया कि केवल खिड़कियों का बंद या खुला रहना ही नहीं मायने नहीं रखता है। यह भी ध्यान देने की जरूरत रहती है कि हवा का प्रवाह किस दिशा में है। परन्तु भारतीय लोगों को यह ध्यान रखने कि जरूरत हैं कि जिन कारों पर उन्होंने प्रयोग किया हैं वह सभी कार राइट हैंडेड ड्राइव वाली थी।
कोरोना संक्रमित ड्राइवर से हो सकता हैं खतरा
भारत में लेफ्ट हैंड ड्राइव होता हैं। उन्होंने कहा कि कार के तेजी से चलने के कारण बहुत सारे हवा के पार्टिकल तेजी से कार से बाहर निकल जाते हैं। जिससे क्रोरोना का खतरा कम हो जाता हैं। ऐसी स्थिति में यदि ड्राइवर कोरोना से संक्रमित होता हैं तो उससे पीछे बैठे सवारी को अपेक्षाकृत बंद कर में संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता हैं। एक स्टडी के दौरान यह भी पाया गया की यदि ड्राइवर की खिड़की खुली हो और सवारी की उसके विपरीत दिशा वाली खिड़की खुली हो यहां पर कोरोना का खतरा कम होता हैं। कार चलते समय इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
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शोध से मिली जानकारी
सबसे कम खतरा सभी खिड़कियां खुली रहने पर है। अगर खिडक़ी बंद रखना है तो ड्राइवर की साइड बंद और ड्राइवर के लेफ्ट की खिडक़ी खुली रखनी चाहिए। ड्राइवर के पीछे की खिडक़ी खुली रहे और सवारी को ड्राइवर के पीछे बैठने के बजाय पिछली सीट पर लेफ्ट खिडक़ी के पास बैठना चाहिए और वह खिडक़ी भी बंद रखी जाए। इस स्थिति में चलती गाड़ी में हवा ड्राइवर के पीछे खुली खिडक़ी से कार में प्रवेश करेगी और पीछे बैठे व्यक्ति के पास से होकर अगली खिडक़ी से बाहर निकल जाएगी। इस स्थिति में ड्राइवर से न तो सवारी को संक्रमण होगा और न सवारी से चालक को ही संक्रमित होने का खतरा रहेगा।
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