सावधान! ई-सिगरेट से हार्ट फेलियर का खतरा
Heart Failure: वेपिंग सॉल्यूशन में मौजूद निकोटिन हृदय गति और रक्तचाप को बढ़ाता है, जिससे लंबे समय तक उपयोग से दिल पर दबाव पड़ता है।
Heart Failure: अगर कोई ये समझता है कि सिगरेट की तुलना में ई-सिगरेट सुरक्षित है तो आपकी भूल है। ई-सिगरेट या वेपिंग भी उतना खतरनाक है जितना कोई भी धूम्रपान।
एक अध्ययन से पता चला है कि ई- सिगरेट यानी वेपिंग से हार्ट फेलियर का खतरा 19 प्रतिशत बढ़ जाता है। ये एक बड़ा अध्ययन है जो अमेरिका में किया गया है। हार्ट फेलियर एक ऐसी स्थिति है जहां हृदय की मांसपेशियां या तो सख्त हो जाती हैं या कमजोर हो जाती हैं और रक्त को ठीक से पंप करने में असमर्थ हो जाती हैं।
खतरनाक है वेपिंग सॉल्यूशन
वेपिंग सॉल्यूशन में मौजूद निकोटिन हृदय गति और रक्तचाप को बढ़ाता है, जिससे लंबे समय तक उपयोग से दिल पर दबाव पड़ता है। यह रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है, उन्हें कम लचीला बनाता है और फाइब्रोसिस की तरह उन्हें कठोर बनाता है। इसमें हृदय दो धड़कन के बीच रेस्ट की स्थिति में नहीं होता है।
भारत का हाल
भारत उन कुछ देशों में से एक है, जिसने ई-सिगरेट के निर्माण, आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन ये उत्पाद चोरी छिपे मार्केट में उपलब्ध हैं। प्रिवेंटिव मेडिसिन रिपोर्ट्स में पिछले साल के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लगभग 23 प्रतिशत लोगों ने ई-सिगरेट का उपयोग करने की सूचना दी, जिनमें से आठ प्रतिशत लोग प्रतिदिन इसका उपयोग करते हैं। वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण के अनुसार वर्तमान ई-सिगरेट यूजर्स की संख्या जनसंख्या का 0.02 प्रतिशत है।
वेपिंग क्या है?
वेप्स या ई-सिगरेट, इलेक्ट्रॉनिक रूप से सिगरेट जैसे उपकरण में मौजूद ग्लिसरीन, फ्लेवर और निकोटीन के घोल को गर्म करते हैं। सामान्य धूम्रपान से टार निकलता है जो घातक होता है। यही कारण है कि ई-सिगरेट को धूम्रपान बंद करने में सहायता के रूप में बढ़ावा दिया गया। हालाँकि, ऐसा कोई पर्याप्त डेटा नहीं है कि ई-सिगरेट का उपयोग वास्तव में किसी को धूम्रपान छोड़ने में मदद करता है। इसके अलावा, वेप्स में अलग-अलग स्वाद धूम्रपान न करने वालों को इसकी आदत अपनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। ई-सिगरेट में मौजूद निकोटीन नियमित सिगरेट छोड़ने में सहायता के बजाय लत का स्रोत बन सकता है। सॉल्यूशन के आकस्मिक संपर्क से तीव्र निकोटीन विषाक्तता भी हो सकती है। अमेरिकी डेटा से पता चलता है कि ई-सिगरेट छात्रों द्वारा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला तंबाकू उत्पाद है।
नया अध्ययन क्या कहता है?
अध्ययन में 1.7 लाख लोगों को देखा गया और 45 महीनों तक उनकी निगरानी की गई। उनमें से 3,242 को हृदय गति रुकने की समस्या हुई। नतीजों से पता चला कि जो लोग किसी भी समय ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते थे, उनमें गैर-यूजर्स की तुलना में हार्ट फेल्योर विकसित होने की संभावना 19 प्रतिशत अधिक थी।
- अध्ययन के प्रमुख लेखक और बाल्टीमोर में मेडस्टार हेल्थ के रेजिडेंट चिकित्सक याकूब बेने-अलहसन ने बताया - हमने जो अंतर देखा वह पर्याप्त था। यह आपके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले परिणामों पर विचार करने योग्य है, विशेषकर हृदय स्वास्थ्य के संबंध में। अधिक से अधिक अध्ययन ई-सिगरेट को हानिकारक प्रभावों से जोड़ रहे हैं और यह पता चला है कि यह उतना सुरक्षित नहीं हो सकता जितना पहले सोचा गया था।
- शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि वेपिंग से एक विशेष प्रकार की हार्ट फेल्योर की संभावना बढ़ जाती है जिसे प्रीजर्व इजेक्शन फ्रैक्शन के साथ हार्ट फेल्योर कहा जाता है। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय की मांसपेशियां कठोर हो जाती हैं और संकुचन के बीच हृदय ठीक से नहीं भर पाता है। दिल धड़कनों के बीच आराम नहीं करता है।
- दैनिक उपयोग रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान पहुंचाता है, नई रक्त वाहिकाओं के विकास को रोकता है और सूजन को बढ़ाता है। इससे दिल के दौरे और स्ट्रोक दोनों का खतरा बढ़ जाता है।
खतरे कई हैं
- वेप्स में इस्तेमाल होने वाले सॉल्यूशन का कोई मानकीकरण नहीं होने से, कई वेप्स ऐसे रसायन छोड़ते हैं जो फेफड़ों की बीमारियों का कारण बनते हैं और उनमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व और हेवी मेटल होते हैं।
- ई-सिगरेट या वेपिंग उत्पाद के उपयोग से जुड़ी फेफड़ों की चोट से सांस की तकलीफ, सीने में दर्द और सांस लेने में गंभीर कठिनाई हो सकती है। वैज्ञानिकों को संदेह है कि ऐसा विटामिन ई मिलावट के कारण हो सकता है।
वेप सॉल्यूशन में डायसेटाइल नामक एक रसायन "पॉपकॉर्न फेफड़े" की स्थिति को ट्रिगर करता है जिसमे ऐसी सूजन होती है जो वायु थैलियों में स्थायी घाव और वायुमार्ग को संकीर्ण कर देती है।