Vulvar cancer: वल्वर कैंसर क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार
Vulvar cancer: वल्वर कैंसर को मेडिकल में वल्वर कैंसर (Vulvar cancer) भी कहते है। बता दें कि यह जेनाइटल एरिया के सबसे बाहरी हिस्से पर होने वाली बीमारी है।
Vulvar cancer: वल्वर कैंसर (Vulvar cancer) एक ऐसा कैंसर है जो महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट में होता है। गौरतलब है कि वल्वर कैंसर रेयर कैंसर की लिस्ट में शामिल है। एक रिसर्च के अनुसार भारत में 50 से 60 प्रतिशत महिलाएं सर्विक्स यूटेरी कैंसर (Cervix Uteri Cancer), ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer), कॉर्पस यूटेरी कैंसर (Corpus Uteri Cancer) और ओवरी कैंसर (Ovary cancer) की समस्यााओं से भी ग्रसित हैं।
क्या है वल्वर कैंसर (Vulvar cancer) ?
वल्वर कैंसर को मेडिकल में वल्वर कैंसर (Vulvar cancer) भी कहते है। बता दें कि यह जेनाइटल एरिया के सबसे बाहरी हिस्से पर होने वाली बीमारी है। उल्लेखनीय है कि जेनाइटल एरिया का सबसे बाहरी हिस्सा रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन को प्रोटेक्ट करने का काम करता है यानी आउटर जेनाइटल एरिया रिप्रोडक्टिव ऑर्गेन के लिए रक्षा कवच की तरह है।
हालांकि वॉलवल कैंसर का पता लग जाने के बाद इसका इलाज संभव है ।। महिलाएं कुछ लक्षणों पर गौर करके वल्वर कैंसर (Vulvar cancer) की बीमारी को खत्म कर सकती हैं। लेकिन उससे पहले वल्वर कैंसर के अलग-अलग प्रकारों को समझना बेहद जरूरी है।
वल्वर कैंसर के प्रकार (Types of Vulvar cancer):
- स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous cell carcinoma)- त्वचा की सबसे बाहरी परत पर होने वाले वल्वर कैंसर को स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कहा जाता है। बता दें कि शुरुआती दिनों में स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा को समझना थोड़ा कठिन होता है।
- वल्वर मेलेनोमा (Vulvar melanoma)- शरीर पर बने डार्क पैच वॉलवल कैंसर (Vulvar cancer) का संकेत देते है। इतना ही नहीं वल्वर मेलेनोमा शरीर के दूसरे ऑर्गेन को भी अपना शिकार बना सकता है, जिसे मेटास्टेसिस (Metastasis) कहा जाता हैं। बता दें अत्यधिक उम्र होने पर ही यह समस्या होने की सम्भावना होती है।
- एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma)- जब शरीर के अंदर म्यूकस प्रड्यूस करने वाले ग्लैंड्स सेल का निर्माण करने लगे तो इसे एडेनोकार्सिनोमा का कहा जाता है।
- सारकोमा (Sarcoma)- जब टिशू एक-दूसरे से जुड़ने लगते हैं तो वहां बनने वाले ट्यूमरों को सारकोमा कहा जाता है। बता दें कि यह एकदम रेयर कैंसर माना जाता है।
- वेरुकस कार्सिनोमा (Verrucous carcinoma)- यह स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा का ही एक प्रकार है और जो शरीर में मस्से (Wart) की तरह धीरे-धीरे डेवलप होता है।
वल्वर कैंसर के लक्षण (Symptoms of Vulvar cancer):
- जेनाइटल एरिया में अत्यधिक खुजली (Itching) होना या हमेशा खुजली की समस्या बनी रहना
- अत्यधिक दर्द (Pain) का होना।
- वजायनल ब्लीडिंग (Bleeding) होना गौरतलब है कि यह मेंस्ट्रुएशन (Menstruation) ब्लीडिंग की तरह नहीं होता
- त्वचा के रंग में तेज़ी से बदलाव आना।
- वजायनल लिप्स (Vaginal lips) पर लंप (Lump) या इचिंग (Itching) महसूस होना।
- टॉयलेट करने के दौरान भयंकर दर्द महसूस होना।
उल्लेखनीय है कि अलग-अलग वल्वर कैंसर (Vulvar cancer) के लक्षण भी अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं। हालाँकि कुछ इसके मामलों में लक्षण जल्द समझ में भी नहीं आते हैं। इसलिए विशेषज्ञ महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सतर्कता बरतने की सलाह देते हैं।
वल्वर कैंसर होने के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं। जिनमें से कुछ प्रमुख होते हैं :
गौरतलब है कि जब शरीर में मौजूद कोशिकाएं तेजी से बढ़ने लगती हैं, तो शरीर में गांठ और ट्यूमर बनने लगते हैं। हालांकि इनमे से कुछ गांठ और ट्यूमर कैंसरस नहीं होते हैं, लेकिन कुछ कारणों से यह गाँठ कैंसरस भी हो सकते हैं। वॉलवल कैंसर होने के कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं :
- महिला की उम्र 70 वर्ष से ज्यादा होने पर यह समस्या हो सकती है।
- एचआईवी (HIV) या एड्स (AIDS) की समस्या से पीड़ित होने पर।
- ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के होने पर ।
- मेलेनोमा (Melanoma) या असामान्य मोल (Moles) होने पर।
- परिवार में किसी भी सदस्य को मेलेनोमा होने पर ।
- वजायनल (Vaginal) या सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) होने पर।
- लाइकेन स्क्लेरोसस (Lichen sclerosus) यानी त्वचा संबंधी परेशानी होने पर।
- स्मोकिंग (Smoking) करना या HPV की समस्या होने के साथ-साथ स्मोकिंग करना इस समस्या को जन्म देता है।
वल्वर कैंसर का इलाज (Treatment for Vulvar cancer)
-सर्जरी (Surgery)
वल्वर कैंसर का इलाज मुख्य रूप से सर्जरी की सहायता से ही की जाती है। बता दें कि सर्जरी की मदद से कैंसरस ट्यूमर को निकाल दिया जाता है। वल्वर कैंसर सर्जरी अलग-अलग तरह से की जाती है।
- कीमोथेरिपी (Chemotherapy)
वल्वर कैंसर (Vulvar cancer) के इलाज के लिए कीमोथेरिपी की भी मदद ली जाती है। इतना ही नहीं कभी-कभी कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान कीमोथेरिपी के साथ-साथ रेडिएशन थेरिपी की भी सहायता ली जाती है।
- बायोलॉजिक थेरिपी (Biologic therapy)
बायोलॉजिक थेरिपी की मदद से भी वल्वर कैंसर का इलाज किया जा सकता है।बता दें कि बायोलॉजिक थेरिपी का इस्तेमाल मुख्य रूप से कैंसर या अन्य संक्रामक रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।