Monkey Fever ने बढ़ाई लोगों की चिंता, जानें इसके लक्षण और बचाव
Monkey Fever : कर्नाटक में एक बार फिर से मंकी फीवर के मामले तेजी से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह जानवरों से इंसान में होने वाला एक संक्रमण है।
Monkey Fever : कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में मंकी फीवर इन दिनों नागरिकों की चिंता बढ़ती हुई नजर आ रही है। अब तक यहां पर मंकी फीवर के 31 मामले सामने आए हैं जिनमें से 12 मरीजों को अलग-अलग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। कुछ लोगों का तो घर पर ही इलाज चल रहा है। अब तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक इस फीवर से ग्रस्त सभी मरीजों की हालत सामान्य बनी हुई है। चलिए आपको बताते हैं कि मंकी फीवर क्या होता है इसके लक्षण किस तरह के दिखाई देते हैं। इससे कैसे बचा जा सकता है।
क्या है मंकी फीवर
सबसे पहले तो बता दें कि मंकी फीवर एक वायरस है। जो क्यानूर फॉरेस्ट डिजीज के नाम से भी पहचाना जाता है। यह बंदरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है। जब इंसान संक्रमित जानवर के संपर्क में आता है तो इस रोग का शिकार हो जाता है। पहली बार इस बुखार की पहचान 1957 में हुई थी। आमतौर पर इसे मंकी फीवर कहकर बुलाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस कारण से कई बंदरों की मौत हो गई थी।
क्या है लक्षण
इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो व्यक्ति को तेज बुखार आता है। ठंड लगती है, मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है। सर दर्द होने लगता है। उल्टी आती है। प्लेटलेट्स गिर जाते हैं। रक्तस्राव की समस्या होने लगती है और आंखों में दर्द तथा सूजन आती है।
कैसे करें बचाव
इस बीमारी से खुद को सुरक्षित रखने का एकमात्र विकल्प इसका टिका है। इसकी 1 महीने में दो डोज लगाई जाती है। जो लोग जंगलों में या उसके आसपास रहते हैं। उन्हें इस संक्रमण के होने का खतरा ज्यादा रहता है क्योंकि यह वायरस ज्यादातर वन क्षेत्र में पाया जाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि जानवरों के संपर्क में आने से परहेज किया जाए और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। स्वच्छता इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।