Way to drink water: पानी पीने का क्या है सही तरीका? जाने कब और कितना पानी है पीना सुरक्षित
Way to drink water: पानी के पर्याप्त मात्रा के बिना हम हम स्वस्थ शरीर की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
Way to drink water: पानी पीना एक सामान्य प्रक्रिया है। जब भी हमें प्यास लगती है हम पानी पी लेते हैं। यही सोच रहे होंगें ना आप? लेकिन क्या आप जानते है कि आपको अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें प्रतिदिन कितना और कब पानी पीना चाहिए? इस सवाल का जवाब कठिन है। गौरतलब है कि वर्षों से अलग-अलग अध्ययनों ने अलग-अलग बातें कहीं हैं। लेकिन आपकी पानी की जरूरत कई कारकों पर निर्भर करती है जिसमें स्वास्थ्य, सक्रियता, यहां तक कि आप दुनिया में कहां रहते हैं ? रेगिस्तान पहाड़ या मैदान, वहां का तापमान आदि भी निर्भर करता है।
सभी लोगों पर पानी पीने के लिए कोई एक फार्मूला फिट नहीं बैठता है । लेकिन शरीर की तरल पदार्थों की आवश्यकतााओं को जान कर शायद हम यह अनुमान लगा पायें कि प्रत्येक दिन आपको कितना पानी पीना चाहिए।
बता दें कि शरीर का प्रमुख रासायनिक घटक पानी होने साथ शरीर के वजन का लगभग 50 से 70 प्रतिशत हिस्सा भी इसी से बनाता है। इस मानव शरीर को जीवित रहने के लिए पानी पर निर्भर है। गौरतलब है कि शरीर की हर कोशिका, टिश्यू और अंग को ठीक से काम करने के लिए पानी की ही आवश्यकता होती है। पानी आपके शरीर में अनगिनत लाभ पहुंचाता है। पानी के पर्याप्त मात्रा के बिना हम हम स्वस्थ शरीर की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
शरीर में पानी के पर्याप्त मात्रा के लाभ
- - पेशाब, पसीना और मल त्याग के माध्यम से कचरे से दिलाता है छुटकारा
- - शरीर के तापमान को सामान्य रखने में करता है मदद
- - आपके जोड़ों को देता है चिकनाई
- - संवेदनशील ऊतकों की करता है रक्षा
बता दें कि पानी के लिए न्यूनतम आवश्यकता वह राशि है जो पानी की शरीर से निकासी के बराबर होती है और अपर्याप्त पानी के प्रतिकूल प्रभावों को रोकती है, जैसे कि डिहाइड्रेशन। गौरतलब है कि आपकी शारीरिक गतिविधि बढ़ने के दौरान आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यह गर्मी व सर्दी के मौसम पसीने को अलग-अलग ढंग से प्रभावित करते हैं। अत्यधिक गर्मी या नमी के कारण, साथ ही पसीना आने पर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी भी हो जाती है। पानी की आवश्यकता का प्राथमिक निर्धारक मेटाबोलिज़म होता है। इतने के बावजूद पानी की आवश्यकता का वास्तविक अनुमान लगाना एक जटिल प्रक्रिया है।
कितना पानी पीना चाहिए?
अकसर लोग दिन में 8 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। सामान्य तौर पर यह एक उचित लक्ष्य हो सकता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए, एक दिन में आठ गिलास से कम पानी भी पर्याप्त हो सकता है, तो अन्य लोगों को इससे ज़्यादा की भी आवश्यकता हो सकती है। गौर करने वाली बात यह है कि हर दिन हम सांस, पसीने, मूत्र और मल त्याग के माध्यम से अपने शरीर का पानी खोते भी हैं।जिसके कारण शरीर के ठीक से काम करने के लिए, हम पेय पदार्थों और पानी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करके पानी की आपूर्ति पूरी कर सकते हैं।
एक रिसर्च के रिपोर्ट के अनुसार
- - पुरुषों के लिए प्रतिदिन लगभग 15.5 कप (3.7 लीटर) तरल पदार्थ
- - महिलाओं के लिए प्रतिदिन लगभग 11.5 कप (2.7 लीटर) तरल पदार्थ लेना उचित होता है।
इस मापदंड में पानी के अलावा, अन्य पेय पदार्थों और भोजन से भी प्राप्त तरल पदार्थ शामिल हैं। आमतौर पर दैनिक तरल पदार्थ का लगभग 20 प्रतिशत भोजन से आता है।
कुछ ऐसी गतिविधियों के बारे में भी जानना बेहद जरुरी है जिन्हें करने के बाद हमें ज़्यादा पानी पीने की आवश्यकता हो सकती है –
- - व्यायाम या वर्कआउट से पहले और बाद में हमारे शरीर को पानी की बेहद आवश्यकता होती है। क्योकिं ऐसी गतिविधियों में हमें आए पसीने के साथ बहुत सारा पानी शरीर से बाहर चला जाता है। इन्हीं तरल पदार्थ के नुकसान को कवर करने के लिए हमें अतिरिक्त पानी पीने की आवश्यकता होती है।
- - वातावरण का असर पानी पीने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। ज्यादा गर्म या नमी के मौसम हमें ज्यादा पसीनाआने के कारण शरीर को अधिक तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है।
- - आपके स्वास्थ्य का भी असर पानी पीने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है। बता दें कि बुखार, उल्टी या दस्त होने पर शरीर तरल पदार्थ खो देने के कारण ज़्यादा पानी पीने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अन्य स्थितियों जैसे मूत्राशय में संक्रमण और मूत्र पथ के स्टोन में भी तरल पदार्थ के सेवन में वृद्धि की आवश्यकता हो सकती है।
- - गर्भावस्था या स्तनपान करा रही महिलाओं को भी हाइड्रेटेड रहने के लिए अतिरिक्त तरल पदार्थों की आवश्यकता हो सकती है।
कैसे पता करें कि आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं
यदि आपको बहुत कम प्यास लगती है तो इसका मतलब है कि आप पर्याप्त पानी नहीं पी रहे हैं। साथ ही, अगर आपका मूत्र रंगहीन या हल्का पीला है तब भी आप डिहाइड्रेटेड हो सकते हैं। यानी आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
बहुत अधिक पानी पीने से क्या हो सकता है ?
पार्यप्त मात्रा में पानी पीना अमृत के सामान होता है। लेकिन कभी -कभी हद से ज्यादा पानी पीने से किडनी अतिरिक्त पानी को बाहर नहीं निकाल पाती है। जिसके कारण रक्त में सोडियम की मात्रा बढ़ कर रक्त पतला कर देती है। जिसे हाइपोनेट्रेमिया कहा जाता है और यह जानलेवा होता है ।
पानी पीने का क्या है सही तरीका
- - भोजन के बीच पानी पीने से बचना चाहिए। बहुत ज्यादा जरुरत हो तो थोड़ा पीये , लेकिन बहुत ज्यादा नहीं।
- - एसोफेजियल रिगर्जिटेशन या हायटस हर्निया वाले लोगों को थोड़ा – थोड़ा करके पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- - सुबह- सुबह जितनी प्यास हो सिर्फ उतना ही पानी पीये। जबरदस्ती पिया हुआ पानी आपको नुक्सान पंहुचा सकता है।
- - हमेशा नार्मल तापमान का ही पानी पीना चाहिए। यानी न ज़्यादा गरम और ना ही ज़्यादा ठंडा।
- - किसी गर्म जगह से आकर तुरंत पानी पीने से बचें। अगर पीना ही है तो धीरे- धीरे घूंट-घूंट करके पानी पीये।