Brain Strokes Details: इन आदतों के कारण युवाओं में बढ़ रहा है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा, आज से ही करें सुधार

Brain Strokes Details: नींद की कमी, स्ट्रेस में रहना, खराब खानपान और एक्सरसाइज न करना, मोटापा, ब्लड प्रेशर, प्रदूषण जैसी समस्याएं युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन रही हैं।

Update:2023-07-24 16:52 IST
Brain Strokes (Image- Social Media)

Brain Strokes: कोविड 19 के बाद से युवाओं में हार्ट स्ट्रोक- ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता जा रहा है। इसके कई मामले सामने भी आ चुके हैं। ऐसे में मन में यही सवाल आता है कि आखिर युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा क्यों बढ़ रहा है। इसका क्या कारण है आदि। इसी क्रम में आज हम आपको ब्रेन स्ट्रोक से जुड़ी सभी बड़ी जानकारी दे रहे हैं।

आखिर ब्रेन स्ट्रोक है क्या?

किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक तब आता है, जब उसके दिमाग में पर्याप्त मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। ब्रेन स्ट्रोक में दिमाग की नसों में क्लॉट जम जाता है। जिसके कारण दिमाग का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है।

ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण

किसी भी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक आने से पहले उसे कई तरह परेशानी होने लगती है। जुबान फिसलना या तुतलाना, हाथ-पैर में कमजोर, चेहरा एक तरफ से लटक जाना, बेहोशी आना, याददाश्त जाना आदि ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण हैं। जिन्हें भूल से भी इग्नोर नहीं करना चाहिए।

ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं?

ब्रेन स्ट्रोक दो तरह के होते हैं। पहला दिमाग की नसों में क्लॉट होना। दूसरा दिमाग की नस फट जाना। ब्रेन स्ट्रोक के दौरान दिमाग की नसों में ब्लड सर्कुलेशन को रुकने में 4 मिनट का समय लग जाता है। 5 मिनट बाद दिमाग में खून नहीं पहुंचता है। इसके 10-15 मिनट बाद दिमाग खराब होने के कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है।

युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक के कारण

आजकल युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ गया है। जिसका कारण उनकी लाइफ स्टाइल की कुछ बुरी आदते हैं। जैसे- काफी ज्यादा धूम्रपान करना, शराब और कॉफी भी बेहद पीना। इसके साथ ही नींद की कमी, स्ट्रेस में रहना, खराब खानपान और एक्सरसाइज न करना, मोटापा, ब्लड प्रेशर, प्रदूषण जैसी समस्याएं युवाओं के शरीर और दिमाग के नसों को डैमेज कर रही है। ऐसे में शरीर में कॉलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है और एंटी-ऑक्सीडेंट्स कम होता जाता है। इन्हीं कारणों से युवाओं में स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है।

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