World AIDS Day 2021: जानें क्यों मनाया जाता है विश्व एड्स दिवस, कौन था पहला मरीज

World Aids Day 2021 Special: दुनियाभर में आज यानी 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-12-01 19:28 IST

विश्व एड्स दिवस 2021। (Social Media) 

World Aids Day 2021 Special: दुनियाभर में आज यानी 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (world aids day)के रूप में मनाया जा रहा है। दरअसल, आप जानते हैं कि ये दिवस को कब से मनाना शुरू किया गया है और एड्स का पहला मरीज कहां सामने आया था। आइए जानें

एड्स दिवस को मनाने की शुऱूआत

1 दिसंबर 1988 को पहली बार एड्स दिवस (world aids day)को मनाया गया था। इसकी शुरुआत जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने की थी। उसके बाद हर साल 1 दिसंबर को एड्स दिवस (world aids day) मनाया जाने लगा। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना, बचाव के तरीके बताना और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनना है। वहीं, देशों की सरकारें और स्वास्थ्य अधिकारी, गैर सरकारी संगठन और दुनिया भर में लोग अक्सर एड्स की रोकथाम और नियंत्रण पर जानकारी दे रहे हैं।


एड्स का पूरा नाम

एड्स का पूरा नाम 'एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम' है और यह एक तरह का विषाणु है, जिसका नाम HIV (मानव इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर कार्य करना शुरू किया था। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों तक HIV/AIDS की जानकारी पहुंचाना था।

ये था एड्स का पहला मरीज (First AIDS Patient)

सभी के लिए ये जानना जरूरी है कि HIV/AIDS का पहला मरीज कौन था। इसको लेकर कई देशों में कई तरह की धारणा है। माना जाता है AIDS का पहला मरीज 1959 में कांगो में मिला था। लेकिन, रिपोर्ट के अनुसार एड्स का पहला मामला 'गैटन दुगास' नाम का था। गैटन पेशे से एक कैनेडियन फ्लाइट अटेंडेंट था। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centre For Disease And Prevention) की रिपोर्ट पर यकीन करें तो एड्स को फैलाने में इसी गे शख्स का हाथ है। गैटन गे ने जानबूझकर इस बीमारी को कई लोगों में फैलाया था। गैटन को पता चल गया था कि उसे एड्स है और इसका कोई इलाज नहीं है। इसके बावजूद उसने इस बीमारी को कई लोगों को फैला दिया। गैटन दुगास को पेशेंट जीरो के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, भारत में पहला मरीज 1986 में हुई है।


एड्स होने के कारण

एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है यानी कि यह एक महामारी है। एड्स के संक्रमण के तीन मुख्य कारण हैं :-

- असुरक्षित यौन संबंधों से

- असुरक्षित रक्त के आदान-प्रदान से

- माँ से शिशु में संक्रमण द्वारा

HIV और AIDS में अंतर

एच.आई.वी एक अतिसूक्षम रोग विषाणु हैं, जिसकी वजह से एड्स हो सकता है। एड्स स्वयं में कोई रोग नहीं है बल्कि एक संलक्षण है। यह मनुष्य की अन्य रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति को घटा देता हैं। इसके कारण से सर्दी जुकाम से ले कर फुफ्फुस प्रदाह, टीबी, क्षय रोग, कर्क रोग जैसे रोग तक सहजता से हो जाते हैं और उनका इलाज करना कठिन हो जाता हैं और मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। यही कारण है की एड्स परीक्षण महत्वपूर्ण है। सिर्फ एड्स परीक्षण से ही निश्चित रूप से संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।


भारत में आई AIDS के मरीजों में गिरावट

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में लगभग 14-16 लाख लोग एचआईवी/ एड्स से प्रभावित है। हालांकि 2005 में 55 लाख एचआईवी/एड्स से संक्रमित हो सकते थे, लेकिन 2011 की संयुक्त राष्ट्र के एड्स रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले 10 वर्षों नए एचआईवी संक्रमणों की संख्या में 50 फीसदी तक की गिरावट आई है। वहीं, दुनिया भर में एच.आई.वी के लगभग 4 करोड़ 20 लाख लोग का शिकार हैं। इनमें सबसे अधिक सहारा से लगे अफ़्रीकी देशों में रहते हैं। यहां हर तीन में से एक वयस्क इसका शिकार है।

भारत में एड्स के बढ़ने कारण (Reasons For The Rise Of AIDS)

- एड्स के बारे में सही जानकारी न होना।

- एड्स रोगियों को कलंकित समझा जाना।

- शिक्षा में एड्स और यौन के बारे में पाठ्यक्रम का अभाव।

-  गर्भ निरोधक के प्रयोग को अनुचित ठहराना आदि।


एड्स के लक्षण (Symptoms Of AIDS)

- हैजा

- थकान

- बुखार

- सिरदर्द

- मतली व भोजन से अरुचि

- लसीकाओं में सूजन

- मुंह में सफेद चकत्तेदार धब्बे उभरना

- शरीर से अधिक पसीना निकलना

- अचानक वजन कम होने लगना

- लगातार खांसी आना

- गले, जांघों और बगलों की लसिका ग्रंथियों की सूजन से गांठें पड़ना

- सारे शरीर में खुजली और जलन होना

- निमोनिया

- टीबी

एड्स का उपचार

एड्स का इलाज उपलब्ध नहीं है। इसलिए सुरक्षा ही सबसे बेहतरीन इलाज है। असुरक्षित सेक्स संबंध, समलैंगिक सेक्स संबंध और वेश्याओं से सेक्स करने से बचें। वहीं, दुनिया भर के डॉक्टर और चिकित्सा वैज्ञानिक इसके कारगर इलाज की तलाश में लगातार रिसर्च कर रहे हैं।

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