World AIDS Day 2021: एचआईवी और कोरोना के नए वेरिएंट के बीच क्या है संबंध, जानें वैज्ञानिकों की राय
World AIDS Day 2021: एचआईवी (HIV) संक्रमण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए दुनियाभर में हर साल आज ही के दिन वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है।
World AIDS Day 2021: एचआईवी (HIV) संक्रमण के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए दुनियाभर में हर साल आज ही के दिन (1 दिसंबर) वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है। विश्व एड्स दिवस मनाने की शुरुआत अगस्त 1987 में की गई थी। एड्स को दुनिया की सबसे घातक बीमारियों में से एक कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले अफ्रीका (Africa) के खास प्राजाति का बंदर (Monkey) एचआईवी से संक्रमित पाया गया था और वहीं से यह पूरी दुनिया में फैला। अभी तक यह बीमारी लाइलाज है।
क्या होता है एड्स या एचआईवी (Kya Hota Hai AIDS/ HIV)?
एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus- HIV) एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। एचआईवी से संक्रमित होने पर जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के इम्यून सिस्टम पर हमलाकर उसे कमजोर बनाता है, जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में भी सक्षम नहीं हो पाता। किसी भी मरीज को एचआईवी होने में करीब 2 से 8 साल तक का समय लग सकता है।
यह बेहद पुरानी बीमारी है। एड्स का पहला मरीज (AIDS' First Patient) साल 1981 में सामने आया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक 37 मिलियन से ज्यादा लोग HIV के शिकार हो चुके हैं और 1981 में एड्स की खोज के बाद अब तक 30 करोड़ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
क्या है एड्स होने के कारण (AIDS Hone Ke Karna)?
असुरक्षित यौन संबंध।
रक्त के आदान-प्रदान से।
मां से शिशु में संक्रमण द्वारा।
एचआईवी और कोरोना के नए वेरिएंट में संबंध?
बीते काफी दिनों से एचआईवी (HIV) और कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Coronavirus Omicron Variant) को लेकर खबरें सामने आ रही हैं। दरअसल, अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना का नया वेरिएंट (Coronavirus Ka Naya Variant) एक ऐसे एड्स के मरीज से आया है जिसकी इम्यूनिटी क्षमता बेहद कमजोर हो चुकी थी। जाहिर है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहला मामला (Omicron Variant First Case) दक्षिण अफ्रिका (South Africa) में पाया गया था, जहां पर करीब 82 लाख एड्स मरीज रहते हैं। यही नहीं कहा यह भी जाता है कि कोरोना के बीटा वेरिएंट (Beta Variant) का स्त्रोत भी दक्षिण अफ्रीका का एक एचआईवी संक्रमिक व्यक्ति ही था।
वैज्ञानिकों का कहना है कि एड्स से पीड़ित मरीजों की इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है, जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता। ऐसे में अगर कोरोना वायरस (Corona Virus) अधिक समय तक रह जाए तो वह ज्यादा मजबूत स्ट्रेन में दूसरे लोगों में फैल सकता है।
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