World AIDS Day: एड्स के बारे में फैले हैं ये झूठ, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इन मिथकों पर यकीन
AIDS Kya Hai: एड्स के प्रति लोगों के बीच कई तरह के Myth फैले हुए हैं, जिनकी सच्चाई जाना हर किसी के लिए जरूरी है। इस आर्टिकल में जानिए एड्स के कुछ मिथक और उनकी हकीकत।
World AIDS Day 2024: हर साल दुनियाभर में 01 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है। यह एचआईवी और एड्स के खिलाफ लड़ाई में लोगों को एकजुट करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य (AIDS Day Kyun Manaya Jata Hai) एड्स महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना, इससे बचाव को लेकर लोगों को अलर्ट करना और इस बीमारी से मरने वालों के प्रति शोक व्यक्त करना है। एड्स के प्रति लोगों के बीच कई तरह के Myth फैले हुए हैं, जिनकी सच्चाई जाना हर किसी के लिए जरूरी है। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए इस बीमारी के बारे में फैले मिथक और उनकी हकीकत के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या है एड्स (AIDS Kya Hai In Hindi)?
एड्स का फुल फॉर्म एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम (AIDS Full Form) होता है। यह ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) के कारण होने वाली एक जानलेवा बीमारी है। एड्स तब होता है जब एचआईवी वायरस के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है। एड्स का इलाज अभी तक पूरी तरह से संभव नहीं हो सका है। जिससे बचने का एक मात्र उपाय एचआईवी और एड्स के प्रति जागरूक रहना है। HIV संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के बाद ही हो पाती है।
एड्स के लक्षण (AIDS Ke Lakshan)
इस रोग के कारण तेजी से वजन कम होना, अत्यधिक थकान, मुंह या जननांगों पर छाले, बुखार, रात में पसीना आना और त्वचा का रंग खराब होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
एड्स के बारे में फैले भ्रम (Myths And Facts About AIDS In Hindi)
मिथक- एचआईवी और एड्स लगभग एक ही चीज है।
सच्चाई- बता दें एचआईवी और एड्स एक ही चीज नहीं है। एचआईवी संक्रमित होने का मतलब है कि आपके शरीर में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस मौजूद है। वहीं, एड्स एचआईवी का तीसरा चरण है। एड्स तब हो सकता है जब कोई व्यक्ति कई सालों से एचआईवी से पीड़ित हो और उसका इलाज न किया गया हो।
मिथक- एचआईवी होने के बाद एड्स होने में कुछ ही समय लगता है।
सच्चाई- ऐसा नहीं है कि एचआईवी होने के तुरंत बाद एड्स हो जाता है। अगर समय पर सही उपचार मिल जाए तो मरीज में एचआईवी की प्रगति को रोका जा सकता है। एचआईवी को एड्स में विकसित होने में सालों लग सकते हैं। लेकिन एचआईवी से संक्रमित किसी व्यक्ति के लिए जल्दी इलाज शुरू करना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके रक्त में वायरस न बढ़े।
मिथक- किस करने से एचआईवी फैल सकता है।
सच्चाई- ये सच नहीं है। गालों या होठों पर किस करने से वायरस नहीं फैलता है। हां लेकिन, अगर मुंह में खुले घाव हैं तो संक्रमित होने का खतरा हो सकता है।
मिथक- एचआईवी छूने से फैल सकता है।
सच्चाई- ऐसे भी दावे किए जाते हैं कि एचआईवी छूने से फैल सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है। हाथ मिलाना, गले मिलना जैसे शारीरिक संपर्क या पसीना, शौचालय या स्नानघर साझा करने से वायरस नहीं फैलेगा।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। इन उपायों व सुझावों पर अमल करने से पहले संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।