World Arthritis Day: प्रोटीन ज्यादा खाने से भी होती है 'गठिया रोग' की समस्या, धीरे-धीरे इंसान का चलना-फिरना हो जाता है दूभर

प्रोफेसर राम शंकर उपाध्याय ने बताया कि जो लोग प्रोटीन ज्यादा खाते हैं, मेहनत कम करते हैं और पेट साफ़ नहीं होता है, तो शरीर में प्रोटीन जमा हो जाते हैं।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-10-11 17:14 GMT

World Arthritis Day की फोटो (फोटो:सोशल मीडिया)

World Arthritis Day: हर साल पूरी दुनिया में 12 अक्टूबर को 'विश्व गठिया रोग दिवस' (World Arthritis Day) मनाया जाता है। भारत में क़रीब 15 प्रतिशत मरीज़ गठिया रोगों से पीड़ित हैं। यानी मोटे तौर पर 20-25 करोड़ मरीज़ अकेले भारत में गठिया (Arthritis) के रोगी हैं। वहीं, ऐसा भी देखा जा रहा है कि कोरोना काल के बाद युवाओं में भी गठिया रोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। तो, स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रोफेसर राम शंकर उपाध्याय (Prof. Ram Shankar Upadhyay) के मुताबिक- ज्यादा प्रोटीन खाने से भी गठिया रोगों की समस्या होती है।

गठिया रोगों (Arthritis) के लक्षण:-

• सांस लेने में तकलीफ।

• त्वचा में दाग।

• जोड़ों में दर्द।

• सुबह उठने पर जकड़न महसूस होना।

• थकान।

• बुखार।

• जोड़ों में सूजन।

• मुठ्ठी बन्द करने व कोई सामान उठाने में समस्या।

प्रोटीन ज़्यादा खाने की वजह से भी होता है 'गठिया रोग'

प्रोफेसर राम शंकर उपाध्याय ने बताया कि जो लोग प्रोटीन ज्यादा खाते हैं, मेहनत कम करते हैं और पेट साफ़ नहीं होता है, तो शरीर में प्रोटीन जमा हो जाते हैं। प्रोटीन ब्लड में मिक्स होकर एक लिसलिसा पदार्थ बनाते हैं। यही युरिक एसिड होता है। उन्होंने बताया कि ये युरिक एसिड ही नसों में बहकर चलता है। इसको जहां खाली जगह मिलती है, वहीं जाकर जम जाता है और सूख जाता है। सूखकर शीशा बन जाता है। उठते-बैठते शरीर में चुभता है । खाली जगह जोड़ों में ही होती है। धीरे-धीरे आदमी गठिया (arthritis) का मरीज बन जाता है और धीरे-धीरे मरीज खाट पकड़ लेता है।

'विश्व गठिया रोग दिवस की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

गठिया रोगों से बचाव हेतु क्या करें?

गठिया रोग से बचाव हेतु हमें भोजन में पोषक तत्व और विटामिन युक्त आहार लेना चाहिए। साथ ही, मौसमी फल, हरी सब्जियां, दूध और दही का सेवन करना अति आवश्यक है। वजन पर नियंत्रण रखकर और आहार में कार्बोहाइड्रेट व प्रोटीन की मात्रा सामान्य रखकर भी इस रोग से बच सकते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम करें, टहलना, योग, साइकिल चलाने के साथ ही विटामिन-डी के लिए धूप में रहना चाहिए।

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