Yoga For Migraine: माइग्रेन के खतरनाक दर्द से मिलेगी राहत, घर पर करें ये 4 योगासन
Migraine Mein Yoga: माइग्रेन की बीमारी से दुनियाभर में काफी संख्या में लोग पीड़ित हैं। योग के जरिए भी माइग्रेन के दर्द से राहत पाया जा सकता है।
Yoga For Migraine: आपने कभी न कभी सिर दर्द (Headache) का अनुभव तो किया ही होगा। लेकिन माइग्रेन (Migraine) में होने वाला दर्द एक अलग लेवल का ही होता है। माइग्रेन में ज्यादातर आधे सिर में गंभीर दर्द का अहसास होता है। लेकिन अक्सर इसका असर पूरे सिर में भी देखने को मिलता है। माइग्रेन का पेन (Migraine Pain) नॉर्मल सिरदर्द की अपेक्षा ज्यादा पीड़ादायक होता है। माइग्रेन की बीमारी से दुनियाभर में काफी संख्या में लोग पीड़ित हैं।
माइग्रेन के लक्षण (Migraine Symptoms)
अगर आपके सिर में भी दर्द रहता है और आप इसे नॉर्मल पेन समझकर इग्नोर कर देते हैं तो आपको माइग्रेन के लक्षणों (Migraine Ke Lakshan) को जान लेना चाहिए। ताकि समय रहते ही आप इसका इलाज (Migraine Treatment) शुरू कर सके।
1- चक्कर आना या असंतुलित महसूस करना
2- उल्टी होना या मतली महसूस होना
3- जी मचलना
4- चिड़चिड़ापन, गुस्सा होना
5- लो ब्लड प्रेशर
6- तेज या धीमी आवाज से उलझन होना
7- गर्दन में अकड़न होना
8- ज्यादा प्यास लगना
9- भूख लगना
10- बार-बार पेशाब आना
11- सही शब्द ढूंढने में परेशानी
माइग्रेन के लिए योगा (Yoga Asanas For Migraine)
वैसे तो आप जानते होंगे कि योगा (Yoga) से कई बीमारियों से राहत पा सकते हैं। माइग्रेन से निपटने में भी योगा (Migraine Mein Yoga) मददगार साबित हो सकता है। ऐसे कई आसन हैं जो माइग्रेन में होने वाले सिरदर्द (Migraine Pain) से आपको आराम दिला सकते हैं। तो चलिए जानते हैं माइग्रेन की समस्या होने पर कौन से योगासन (Migraine Mein Kon Sa Yoga Kare) करने चाहिए।
1- पश्चिमोत्तानासन
2- उष्ट्रासन
3- सेतुबंधासन
4- बालासन
पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
पश्चिमोत्तानासन को माइग्रेन में बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह माइग्रेन के दर्द दूर करने में मदद करता है। यह योगा आसान तनाव से राहत दिलाने के साथ ही दिमाग को शांत करने का काम करता है। बता दें तनाव माइग्रेन की सबसे बड़ी वजह है।
कैसे करें- सबसे पहले दोनों पैरों को फैलाकर जमीन पर बैठ जाएं। फिर गहरी सांस लेते हुए बॉडी को आगे की तरफ झुकाएं। इसके बाद हाथों को पैरों के तलवे से स्पर्श कराएं और और नाक को घुटनों से। कुछ देर तक इस स्थिति में रहें और फिर पहले की स्थिति में आ जाएं।
उष्ट्रासन (Ustrasana)
उष्ट्रासन भी माइग्रेन में काफी असरदार है। यह ऑक्सीजन युक्त रक्त को आपके सिर तक पहुंचाने में मदद करता है और तनाव से राहत दिलाता है। इसके अलावा भी इस योगासन के कई लाभ हैं।
कैसे करें- सबसे पहले घुटने के बल बैठ जाएं और अपने हाथ हिप्स पर रख लें। ध्यान रहे कि आपके घुटने और कंधे एक ही लाइन में रहें और पैरों के तलवे फैले हुए आसमान की तरफ रखें। सांस अंदर लें और अपनी रीढ़ की हड्डी को पीछे की तरफ झुकाते हुए दोनों हाथों को एड़ियों पर टिकाने की कोशिश करें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। ध्यान रहे कि इस दौरान गर्दन पर अत्यधिक दबाव ना पड़े। 30 से 60 सेकेंड तक इस आसान में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पुरानी अवस्था में लौट आएं।
सेतुबंधासन (Setu Bandhasana)
सेतुबंधासन को ब्रिज पोज (Bridge Pose) भी कहते हैं। यह माइग्रेन में सबसे बेहतर योग में से एक है। ब्रिज पोज करने से ऑक्सीजन युक्त रक्त आपके दिल और सिर तक जाता है। जिससे माइग्रेन का दर्द कम होता है। साथ ही शरीर को भी आराम मिलता है।
कैसे करें- इस योग को करने के लिए सबसे पहले मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को बगल में रख लें। अब धीरे-धीरे पैरों को मोड़कर अपने कूल्हों के जितना करीब हो सके लाएं। इसके बाद हाथों पर वजन डालकर कूल्हों को धीरे-धीरे फर्श से ऊपर उठाएं। ऐसा करते वक्त सास अंदर लें। पैरों को मजबूती से टिकाए रखें और पीठ जितनी मोड़ पाएं उतनी ही मोड़ें। कुछ देर तक इसी पोज में रहने के बाद पूर्ववत अवस्था में आ जाएं।
बालासन (Balasana)
बालासन को बाल मुद्रा भी कहा जाता है। नियमित इसका अभ्यास करने से तनाव, अवसाद से छुटकारा पाया जा सकता है। यह शरीर के कई अंगों के लिए बेहद फायदेमंद योग है। माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए इस योग को कर सकते हैं।
कैसे करें- मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। घुटनों के बीच थोड़ा गैप बना लें। फिर गहरी सांस खींचकर आगे की तरफ झुकें। पेट को दोनों जांघों के बीच ले जाएं और सांस छोड़ दें। अपने माथे को जमीन पर और हाथ जमीन पर आगे की तरफ रखें। आराम महसूस करें और इस दौरान आराम से सांस लें और सांस छोड़ें। इस पोजीशन में 1-3 मिनट तक रह सकते हैं।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी पर आधारित है। न्यूजट्रैक इसकी पुष्टि नहीं करता। इनका पालन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।