Himanchal Pradesh ADR Report: हिमाचल प्रदेश में चुनाव से पहले एडीआर की रिपोर्ट जारी, 6 विधायक दोषी

Himanchal Pradesh ADR Report: एडीआर और हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा 2017 के 68 मौजूदा विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है।

Report :  Jugul Kishor
Update:2022-10-21 21:41 IST

Himanchal Pradesh ADR Report (Pic: Social Media)

Himanchal Pradesh ADR Report: हिमाचल प्रदेश में चुनावी बिगुल बच चुका है। चुनाव और परिणामों की तारीखों का एलान हो चुका है। ऐसे में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा 2017 के 68 मौजूदा विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। इन 68 विधायकों में से 6 विधायक (9%) हैं, जिनके खिलाफ अदालत ने आरोप तय किए हैं। एडीआर 14वीं विधानसभा के चुनाव के मद्देनजर ये चुनावी साक्षरता अभियान चल रहा है।

68 विधायकों में से जिन 6 विधायकों के खिलाफ अदालत में आरोप तय किये गये हैं वो सभी बीजेपी के विधायक हैं। 6 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 5 वर्ष है। इसके अलावा 2 विधायकों के खिलाफ 5 साल या उससे अधिक समय से कुल 2 आपराधिक मामले लंबित हैं।

इन विधायकों पर तय किये गए आरोप

1. 2017 में नाहन विधान सभा से बीजेपी से विधायक बने डॉ. राजीव बिंदल के ऊपर 2006 से 11 मामले कई संगीन मामलों में लंबित चल रहे हैं।

2. बंजार विधान सभा क्षेत्र से सुरेंद्र शौरी बीजेपी विधायक हैं। शौरी के ऊपर 2010 से 7 मामले कई धाराओं में लंबित चल हैं।

3. नूरपुर विधान सभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक राकेश पठानिया के ऊपर 2013 से 4 मामले लंबित हैं।

4. चुराह विधान सभा क्षेत्र से हंस राज बीजेपी से विधायक हैं। इनके ऊपर 2013 से 4 मामले लंबित हैं।

5. भरमौर विधान सभा क्षेत्र से जिया लाल 2017 में भाजपा के टिकट पर विधायक बने थे। विधायक के ऊपर 2014 से 3 मामले गंभीर धाराओं में लंबित हैं।

6. मनाली विधान सभा क्षेत्र से भाजपा से गोविंद सिंह ठाकुर विधायक हैं। विधायक के ऊपर 2016 से 1 मामला लंबित चल रहा है।

हिमाचल इलेक्शन वॉच, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति के समन्वयक डॉ. ओम प्रकाश भूरेटा द्वारा जारी की रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारी कोशिश है कि लोगों को जागरुक किया जाए। वोटर्स को अपने उम्मीदवारों और विधायकों के बारें में जानकारी होनी चाहिए। हर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से पहले चुनाव आयोग को आपराधिक मामलों और अपनी संपत्ति के बारे में विवरण देना होता है। उसी विवरण के आधार पर विधायकों को विश्लेषण किया जाता है।

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