Peepal Farm: क्लीन मिल्क अभियान से जुड़कर दीजिए कई सवालों के जवाब, पीपल फार्म की है पहल
Peepal Farm: आर्गेनिक खेती के बढ़ावा देने वाली सामाजिक संस्था पीपल फार्म ने जागरूकता के लिए कुछ सवालों के जरिए जानने प्रश्नों के जरिए #CleanMilk अभियान की शुरुआत की है।
Peepal Farm: घायल जानवरों के उपचार के साथ साथ आर्गेनिक खेती के बढ़ावा देने वाली सामाजिक संस्था पीपल फार्म ने जागरूकता के लिए कुछ सवालों के जरिए जानने प्रश्नों के जरिए #CleanMilk अभियान की शुरुआत की है।
हाल ही में शुरू किए गए एक अभियान में, पीपल फार्म लोगों से यह विचार करने का आग्रह करता है कि क्या दूध को वास्तव में शाकाहारी माना जा सकता है ? इस संबंध में पीपल फार्म के सह-संस्थापक रॉबिन सिंह जी ने 3 वाजिब प्रश्न उठाये हैं...
1- दूध के उत्पादन के लिए गायों से पैदा हुए नर बछड़ों का क्या होता है ?
2- गाय के एक बार बूढ़ी हो जाने या अनुत्पादक हो जाने पर उसका क्या होता है ?
3- यदि डेयरी उद्योग गोमांस उद्योग के लिए भैंस उपलब्ध नहीं कराता है, तो कौन करता है ?
इस अवसर पर, पीपल फार्म के सह-संस्थापक, रोबिन सिंह ने कहा, "लोगों को जानने का अधिकार है, लोग जो उपभोग कर रहे हैं उसके बारे में सूचित विकल्प बना सकते हैं। भारत 40% शाकाहारी हैं, जो परवाह करते है कि उनका आहार किसी जीव के कष्टों का कारण न बने। यदि डेयरी उद्योग को आर्थिक रूप से सतत बनाने के लिए गायों का परित्याग और भैंस का वध जरूरी है, तो लोगों को इस जानकारी से अवगत होने का अधिकार है।"
यह अभियान लोगों को डेयरी उद्योग से प्रश्न करने के लिए प्रेरित करता है कि उस एक गिलास दूध के उत्पादन के पीछे क्या क्या होता है। इस अभियान का उद्देश्य है कि समर्थकों को सवाल करने के लिए प्रेरित करना ताकि हम सभी सूचित और नैतिक जीवन शैली को विकल्प बना सकें।
ऐसी है पीपल फार्म संस्था
पीपल फार्म एक पशु बचाव संगठन और जैविक कृषि क्षेत्र है जोधनोटू गांव, जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है। जिसका एक प्रमुख उद्देश्य चोटिल जानवरों को ठीक करना और उनकी कहानियां लोगों को सुनाना है। उचित परिवर्तन लाने हेतु और किसी के "पीड़ित पद चिह्न (Suffering Footprint)" को कम करने के विश्वास के साथ, पीपल फार्म अच्छे कृत्यों से अस्तित्व को उद्देश्य पूर्ण बनाने में प्रयासरत है।
पीपल फार्म के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया https://peepalfarm.org/ पर जा सकते हैं।