Coronavirus: हिमाचल के पूर्व सीएम को 3 महीने में दो बार हुआ कोरोना, जानिए वीरभद्र सिंह का हेल्थ अपडेट

Coronavirus: हिमाचल के स्वास्थ्य सचिव ने बताया है कि वीरभद्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में कोरोना स्पेशल वार्ड में हैं। अप्रैल में तबियत खराब होने पर उनको मोहाली स्थित मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया था जहां उनको कोरोना पॉजिटिव पाया गया।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shivani
Update:2021-06-12 12:37 IST

पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह फोटो सोशल मीडिया

Coronavirus: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (Himachal Pradesh Former CM) वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) को बीते तीन महीने में दो बार कोरोना हुआ है। 86 वर्षीय वीरभद्र सिंह पहली बार 13 अप्रैल को जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इलाज के बाद वे स्वस्थ भी हो गए। लेकिन अब खबर है कि रिकवरी के दो महीने बाद हुई जांच में वे फिर पॉजिटिव (2nd Time Covid-19 Positive) पाए गए हैं।

हिमाचल के स्वास्थ्य सचिव ने बताया है कि वीरभद्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में कोरोना स्पेशल वार्ड में हैं। अप्रैल में तबियत खराब होने पर उनको मोहाली स्थित मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया था जहां उनको कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
वहां इलाज के बाद वीरभद्र सिंह ठीक हो गए और शिमला लौट आये। कुछ दिनों बाद उनकी तबियत फिर खराब हो गई और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उनको इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। वहां हृदयरोग विभाग के प्रमुख डॉ प्रकाश सिंह नेगी उनका इलाज कर रहे हैं। मेडिकल कालेज के सुपरिंटेंडेंट डॉ जनक राज के अनुसार, अस्पताल के एक स्टाफ को कुछ दिनों पहले कोरोना हो गया था।
कोरोना की दूसरी लहर में बहुत से संक्रमित लोगों को रिकवरी के बाद दोबारा कोरोना संक्रमण या दूसरे कॉम्प्लिकेशन होने की शिकायतें मिल रही हैं। डेल्टा वेरियंट का ये एक बहुत खतरनाक पहलू है। एक्सपर्ट्स के अनुसार कोरोना संक्रमण के बाद नेगेटिव रिपोर्ट आने पर भी कम से कम एक महीने तक बहुत एहतियात बरतने की जरूरत है। सांस संबंधी कोई भी दिक्कत महसूस होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर इलाज शुरू करना चाहिए।

दोनो डोज ले चुके लोगों का अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं

बता दें एक अध्ययन से पता चला है कि कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की दोनों डोज ले चुके 94 प्रतिशत लोगों को कोरोना संक्रमित होने पर ICU में भर्ती की जरूरत नहीं पड़ी। जिनमें 77 प्रतिशत लोगों को तो अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं पड़ी। ऐसे में कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए विशेषज्ञ लगातार कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन प्रोग्राम को बहुत जरूरी बता रहे हैं। वैक्सीनेशन से इंसान की इम्यूनिटी कोरोना वायरस को मात देने के लिए तैयार हो जाती है।


Tags:    

Similar News