Drone Delivered Apples in Kinnaur: ड्रोन से सेब पहुंचाने का प्रयोग रहा सफल, 6 मिनट में तय किया 5 घंटे का सफर

Drone Delivery Apples in Kinnaur: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निचार गांव में ड्रोन के जरिये सेब को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का ट्रायल सफल रहा। ये ट्रायल आलू पर भी होगा।

Written By :  aman
Update:2022-11-14 15:02 IST

Drone Delivered Apples in Kinnaur (Social Media)

Drone Delivered Apples in Kinnaur : ड्रोन के जरिये दवा, पिज्जा या हथियार पहुंचाने की ख़बरें तो आपने खूब पढ़ी होंगी। लेकिन, पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल सेब को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए किया गया। ये ट्रायल सफल भी रहा। दरअसल, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के निचार गांव में ड्रोन के जरिये सेब को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का ट्रायल सफल रहा। कहा जा रहा है कि, जल्द ही ये ट्रायल आलू पर भी होगा। सेब पर ट्रायल सफल होने के बाद हिमाचल में इस फल की बागवानी के लिए 'गुड न्यूज़' है।

ड्रोन से सेब की डिलीवरी का ये प्रयोग सफल होने के बाद हिमाचल में फलों के व्यवसाय का भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है। इस न्यूज़ ने बागवानी करने वालों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। वहीं, ड्रोन कम्पनी के अधिकारियों ने बताया कि, 'तीन दिन तक ड्रोन के जरिए सेब को एक जगह से दूसरी जगह भेजा गया। ये प्रयोग सफल रहा। निकट भविष्य में इसके लाभ देखने को मिलेंगे।'  

5 घंटे का समय 6 मिनट में तय किया

हिमाचल प्रदेश का किन्नौर जिला सेब की खेती के लिए विख्यात है। किन्नौर के निचार गांव में विग्रो कंपनी ने 3 दिन पहले ये ट्रायल शुरू किया था। कंपनी के प्रबंध निदेशक दिनेश नेगी ने बताया कि, ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों और सेब बागवानों के सामने ड्रोन के माध्यम से सेब की एक बड़ी पेटी को निचार के छोत कंडा से चिनार मिनी स्टेडियम तक भेजा गया। इस पेटी में 12 से 18 किलो तक सेब रखा गया था। सेब की पेटी को ड्रोन को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने में 6 मिनट लगे। जबकि, यही सेब की एक पेटी किसी व्यक्ति को गंतव्य तक पहुंचाने में 5 घंटे का समय लगता है। 

4 पेटी सेब ले जाने की क्षमता पर नजर

कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि, जल्द ही ड्रोन की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। संभव है कि, इसकी क्षमता 4 पेटी सेब ले जाने तक की जाएगी। अगला प्रयोग भी किन्नौर सहित हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों में होगा। सेब की बागवानी करने वाले इससे खुश हैं। उन्हें भविष्य में फायदा होने की संभावना अभी से नजर आने लगी है। हिमाचल के किसानों का कहना है कि, पहाड़ी राज्य में दुर्गम रास्तों की वजह से उन्हें अपने प्रोडक्ट को अन्य जगह भेजने में काफी दिक्कतें आती हैं। ड्रोन के प्रयोग से एक उम्मीद जगी है। ये प्रयोग सफल रहने के बाद अब किसानों की नजर आलू पर भी है।

हिमाचल में प्रतिवर्ष 4 करोड़ सेब पेटी का उत्पादन

क्या आपको पता है हिमाचल में प्रतिवर्ष कितने पेटी सेब का कारोबार होता है? ये संख्या अनुमानित 4 करोड़ के आसपास है। हिमाचल में शिमला, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा और सिरमौर में सबसे ज्यादा सेब की खेती होती है। हिमाचल के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक सेब की पैदावार होती है। हालांकि, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश के सेब भी बाजारों में डिमांड रखते हैं।

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