HP Election Result 2022: हिमाचल में ये 5 मंत्री हारे, मंत्रियों के चुनाव हारने का कायम रहा रिवाज
HP Election Result 2022: हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव की सभी 68 सीट का गुरुवार को परिणाम घोषित किया गया। जिस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट 39 सीट पर जीत के साथ बहुमत प्राप्त हुआ है।
HP Election Result 2022: हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव के 08 दिसम्बर 2022 गुरुवार को परिणाम घोषित किए गए है। चुनाव में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट 40 सीट का बहुमत प्राप्त हुआ है। इस विधान सभा चुनाव में हिमाचल में हर 5 साल बाद सरकार बदलने का रिवाज़ कायम रहा है। इसके साथ ही हर चुनाव में 45 से 75 प्रतिशत मंत्रियों के चुनाव हारने का अब तक रिकॉर्ड भी कायम रहा है। इस विधान सभा चुनाव में कई दिग्गज और जयराम सरकार के मंत्री अपना चुनाव हार गए है। इस चुनाव में भाजपा के 5 मंत्री चुनाव हार गए है।
भाजपा के 5 मंत्री चुनाव हारे
हिमाचल प्रदेश विधान सभा में हर चुनाव में 45 से 75 प्रतिशत मंत्रियों के चुनाव हारने का अब तक रिकॉर्ड रहा है। इस बार भी जयराम ठाकुर की कैबिनेट के 5 मंत्री अपनी सीट नहीं बचा और चुनाव हार गए है। इनमें डॉ. रामलाल मारकंडा लाहौल-स्पीति सीट से कांग्रेस के रवि ठाकुर से चुनाव हार गए। तो वहीं कांगड़ा जिले की शाहपुर सीट से बीजेपी सरकार में मंत्री सरवीण चौधरी कांग्रेस प्रत्याशी केवल सिंह पठानिया से चुनाव हार गईं।
यह मंत्री हारे अपना चुनाव
जबकि शहरी विकास मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज शिमला जिले की कसुम्पटी सीट पर कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह से बुरी तरह से चुनाव हारे है। इसके साथ ही जयराम सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल सोलन जिले की कसौली सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी से चुनाव हार गए। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को मनाली सीट से कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ ने हरा मिली है। यह सब भाजपा की मौजूदा सरकार में मंत्री थें।
4 चुनाव में करीब आधे मंत्री हारे
पिछले चार चुनाव का रिकॉर्ड देखें तो हर बार करीब आधे या फिर उससे ज्यादा मंत्री चुनाव हार गए हैं। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के सीएम वीरभद्र सिंह कैबिनेट के 11 में से 5 मंत्री चुनाव हार थें। तो वहीं 2012 में BJP सरकार में सीएम प्रेम कुमार धूमल के 10 में से 4 मंत्री चुनाव हार गए। जबकि 2007 में वीरभद्र सिंह ने एक साल पहले विधानसभा चुनाव कराए। लेकिन उनकी कैबिनेट के 10 में से 6 मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए है। इसी तरह 2003 में BJP के सीएम प्रेम कुमार धूमल की कैबिनेट के 11 में से 6 मंत्री चुनाव नहीं जीत पाएं थें।