Himachal Flood: रस्सी के सहारे उफनते नाले को पारकर पहुंचाया अस्पताल, बहने से बाल-बाल बची जान

Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के तिंदी में कुठाड़ बस स्टेंड के समीप हुए सड़क हादसे (Road Accident) में घायल युवक को उफनते जाहलमा नाले ( Jahlma Nala) से रस्सी के सहारे निकाला गया। घायल युवक को उपचार के लिए कुल्लू अस्पताल (Kullu Hospital) रेफर किया गया है।

Written By :  Network
Published By :  Durgesh Bahadur
Update: 2021-07-30 14:22 GMT

घायल युवक को अस्पताल पहुंचाने के लिए उफनते जाहलमा नाले को रस्सी से पार करते लोग ( साभार : सोशल मीडिया )

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Himachal Flood: हिमाचल में भारी बारिश (Heavy Rain) और मानसून का कहर जारी है। लाहुल घाटी (Lahaul ghati) के जाहलमा (Jahlma) व शांशा पुल बह जाने से ग्रामीणों की दिक्कत बढ़ गई है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नाले को पार करने को मजबूर हैं। वहीं शुक्रवार सुबह तिन्दी के पास सड़क दुर्घटना में दो व्यक्ति घायल हो गए। दोनों को उदयपुर अस्पताल (Udaipur Hospital) में भर्ती करवाया लेकिन एक की हालत बिगड़ती देख उसे रेफर कर दिया गया।

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के तिंदी में कुठाड़ बस स्टेंड के समीप हुए सड़क हादसे में घायल युवक को उफनते जाहलमा नाले से रस्सी के सहारे निकाला गया। घायल युवक को उपचार के लिए कुल्लू अस्पताल रेफर किया गया है। 100 मीटर नीचे गिरी गाड़ी में 18 वर्षीय जतिन गंभीर रूप से घायल हुआ है। उदयपुर अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे कुल्लू भेजा गया है।

हालांकि नाले तक उन्हें गाड़ी में लाया गया, लेकिन उफनते जाहलमा नाले ने रास्ता रोक दिया। ऐसे में रस्सी के सहारे लोग नाले में उतरे और कड़ी मशक्कत के बाद घायल युवक को निकाला गया। इस दौरान एक व्यक्ति नाले में बहने से बाल-बाल बच गया जिसे अन्य लोगों ने बाजू से पकड़कर बहने से बचा लिया।

ग्रामीणों ने जोखिम उठाते हुए जतिन को जाहलमा पहुंचाया। नाले में पानी अधिक होने के कारण सभी दिक्कत में पड़ गए लेकिन ग्रामीणों ने हिम्मत नहीं हारी और जोखिम उठाते हुए नाले को पार कर लिया।

जाहलमा के बाद शांशा नाले ने ग्रामीणों की परीक्षा ली लेकिन ग्रामीण यहां भी जोखिम उठाते हुए आगे बढ़ गए। ग्रामीणों ने शांशा नाले को पार कर जतिन को पीठ पर कीर्तिंग गांव पहुंचाया जहां से वाहन द्वारा केलंग अस्पताल पहुंचे। आज सरकार ने हेलीकॉप्टर द्वारा घाटी में फंसे लोगों को घाटी से बाहर निकलना था। लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर नही आ सका।

वहीं, तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय ने स्वयं राहत बचाव कार्य की कमान संभाली है। मंत्री जिला प्रशासन के साथ मौके पर डटे हुए हैं और लोगों की हिम्मत बढ़ा रहे हैं।

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