Himachal Election 2022: बीजेपी के इन दो दिग्गजों की राजनीतिक साख दांव पर, प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती
Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल के मतदाताओं ने 1985 के बाद किसी पार्टी को दोबारा सत्ता नहीं दी। जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर ये दो ऐसे चेहरे हैं जिनकी साख इस बार दांव पर लगी है।
Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है। प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान होंगे। नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जहां सत्ता बचाए रखने की चुनौती है, वहीं दो ऐसे चेहरे हैं जिनकी साख भी दांव पर लगी है। एक हैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) और दूसरे, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur)। भले ही ये दोनों नेता प्रत्यक्ष तौर पर चुनावी मैदान में नहीं हैं, लेकिन इस चुनाव के परिणाम का असर उनके राजनीतिक भविष्य पर जरूर पड़ेगा।
इस राज्य के करीब चार दशकों के इतिहास को देखें तो हिमाचल प्रदेश में किसी भी सरकार ने सत्ता में वापसी नहीं की है। यही वजह रही कि, हर 5 साल पर सत्ता का हस्तांतरण बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता रहा। बीजेपी ने इस बार चुनाव में 'सरकार नहीं, रिवाज बदले' का नारा बुलंद किया है। अब देखना होगा कि, बीजेपी का ये नारा कितना कारगर सिद्ध होता है। हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने 5 सालों में कैसा काम किया, इस पर तो मतदान होगा ही, इसके अलावा जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर की साख भी दांव पर लगी है। क्योंकि, अगर बीजेपी सत्ता में वापसी नहीं कर पाती है, तो आने वाले समय में केंद्र के स्तर पर कई नई चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
अनुराग ठाकुर का भविष्य तय करेगी ये चुनाव
हिमाचल में साल 2017 में बीजेपी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। तब जयराम ठाकुर को प्रदेश की कमान सौंपी गई थी। दरअसल, 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे। तब उनकी जगह जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली थी। जयराम ठाकुर इस बार सिराज विधानसभा सीट से मैदान में हैं। इस बार का चुनाव जयराम ठाकुर के चेहरे और 5 साल के काम पर लड़ा जा रहा है। अगर, वो बीजेपी को दोबारा सत्ता नहीं दिला पाते हैं, तो न केवल उनके नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठेगा बल्कि, अनुराग ठाकुर की दावेदारी भी मजबूत होगी। संभव है कि, आने वाले दिनों के लिए अनुराग ठाकुर राज्य में बीजेपी का सबसे सशक्त चेहरा होंगे। अनुराग को उनके पिता प्रेम कुमार धूमल के बेटे और 'ठाकुर' होने का लाभ भी मिलेगा। इसीलिए भविष्य को देखते हुए अनुराग ठाकुर ने इस बार के हिमाचल चुनाव में पूरा जोर लगा दिया है।
नड्डा के लिए बेहद खास है ये चुनाव
इसके अलावा, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के लिए भी यह विधानसभा चुनाव अहम है। बता दें कि, जेपी नड्डा मूलतः हिमाचल प्रदेश के ही निवासी हैं। ये उनका गृह राज्य है। ऐसे में अगर बीजेपी यहां चुनाव हार जाती है, तो निश्चित तौर पर जेपी नड्डा के साख पर बट्टा जरूर लग जाएगा। इससे विरोधियों को भी घेरने का मौका मिल जाएगा। नड्डा, हिमाचल चुनाव 2022 को किसी भी सूरत में फतह करना चाहेंगे।
क्या होगा 'मिशन रिपीट'?
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि, 1985 के बाद यहां के मतदाताओं ने कभी किसी पार्टी को लगातार दो बार सत्ता नहीं दी है। ऐसे में बीजेपी के साथ-साथ जयराम ठाकुर के लिए तो 'मिशन रिपीट' चुनौती है ही, अनुराग ठाकुर और जेपी नड्डा के लिए भी कम बड़ी चुनौती नहीं है।