HP Assembly Election 2022: कई सीटों पर रहा है एक ही पार्टी का दबदबा

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर पिछले तीन - चार चुनावों में सिर्फ एक ही पार्टी का जलवा रहा है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-11-08 15:53 IST

BJP And Congress। (Social Media)

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर पिछले तीन - चार चुनावों में सिर्फ एक ही पार्टी का जलवा रहा है। छह विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस के कब्जे में रहे हैं, जबकि सात सीटों में भाजपा का दबदबा है।

रोहड़ू

कांग्रेस के कब्जे वाले क्षेत्रों में एक नम्बर पर शिमला जिले की रोहड़ू सीट है। यहां से प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे स्व. वीरभद्र सिंह 2003 और 2007 में जीते। 2012 के विधानसभा चुनावों में वीरभद्र सिंह शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े जबकि रोहड़ू सीट से मोहनलाल ब्राक्टा को लड़ाया गया और वे आराम से जीत गए। 2017 में कांग्रेस ने फिर मोहनलाल ब्राक्टा को यहां उतारा और वह फिर विधायक बने। इस बार के चुनावों में भी कांग्रेस मोहनलाल ब्राक्टा पर भरोसा जताया है।

हरोली

कांग्रेस का दूसरा बड़ा गढ़ हरोली है। हरोली विधानसभा क्षेत्र में भी पिछले चार चुनावों में लगातार कांग्रेस की ही जीत हुई हैं और मुकेश अग्रिहोत्री विधायक बने हैं जो अब नेता विपक्ष हैं। 2003 के चुनावों में हरोली की जगह संतोखगढ़ विधानसभा क्षेत्र था। 2003 और 2007 के चुनावों में लगातार मुकेश अग्रिहोत्री जीते। 2012 के चुनावों में संतोषगढ़ की जगह हरोली विधानसभा क्षेत्र बना और मुकेश अग्रिहोत्री ही जीते। 2017 में भी वही यहां के विधायक बने और इस बार भी इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

सराज

भाजपा के किलों की बात करें, तो एक नम्बर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का विधानसभा क्षेत्र सराज है। हालांकि 2012 से पहले सिराज की जगह चच्योट विधानसभा क्षेत्र था। 2012 के बाद सराज विधानसभा क्षेत्र बना। 2003 और 2007 में जयराम ठाकुर चच्योट के विधायक रहे। 2012 में चच्योट की जगह सराज विधानसभा क्षेत्र बना। 2012 और 2017 में फिर जयराम ठाकुर को जीत मिली। इस बार भी वह सराज से ही चुनाव मैदान में हैं।

धर्मपुर

धर्मपुर सीट से महेंद्र सिंह ठाकुर 1990 के बाद लगातार विधायक रहे हैं। वह सब दलों में रह चुके हैं। कांग्रेस, हिमाचल विकास कांग्रेस और भाजपा के अलावा निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं। सात बार उन्होंने इस क्षेत्र से चुनाव लड़ा और लगातार उन्हें जीत मिली। इस बार उनके पुत्र रजत ठाकुर यहां से चुनाव मैदान में हैं।

मंडी

मंडी विधानसभा क्षेत्र में पिछले तीन चुनावों में अनिल शर्मा जीतते आये हैं। सबसे पहले 2007 में उन्होंने कांग्रेस से चुनाव लड़ा और विजयी रहे। 2012 में भी कांग्रेस से ही चुनाव लड़े और जीते। लेकिन 2017 में भाजपा की तरफ से लड़े और जीत हासिल की। इस बार के विधानसभा चुनावों में भी वह भाजपा की तरफ से ही मंडी से लड़ रहे हैं।

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