Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल चुनाव में युवाओं के वोट होंगे निर्णायक, भाजपा की युवा शाखा ने शुरू किया ये अभियान

Himachal Assembly Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में युवा वोट के लिए भाजपा की युवा शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने "सेंट परसेंट वोटिंग, नो टू नोटा" अभियान शुरू किया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-11-08 16:29 IST

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022: Photo- Social Media

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में निर्णायक युवा वोट की दौड़ तेज हो गई है। भाजपा की युवा शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने "सेंट परसेंट वोटिंग, नो टू नोटा" अभियान शुरू किया है जबकि कांग्रेस ने सत्तारूढ़ सरकार से कहा है कि वह घोषणापत्र के बजाय अपने रिपोर्ट कार्ड के आधार पर युवाओं का वोट मांगे।

दरअसल, दोनों पार्टियों ने युवाओं को लाखों नौकरियों का चुनावी आश्वासन दिया है। कांग्रेस ने पहली ही कैबिनेट बैठक में एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया है जबकि भाजपा ने आठ लाख रोजगार के नये अवसरों का वादा किया है। इसके अलावा, दोनों ने अपने घोषणापत्र में युवाओं के लिए स्टार्टअप फंड का उल्लेख किया है, जिसमें भाजपा ने इसके लिए 900 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 680 करोड़ रुपये (प्रति विधानसभा क्षेत्र में 10 करोड़ रुपये) का वादा किया है।

कांग्रेस ने 1500 रुपये प्रति माह की घोषणा की है

जहां कांग्रेस ने युवाओं सहित सभी वयस्क महिलाओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए 1500 रुपये प्रति माह की घोषणा की है, वहीं भाजपा ने गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी की विवाह योग्य लड़कियों के लिए नौकरी, साइकिल, स्कूटी और शगुन का पैकेज 31,000 रुपये से बढ़ाकर 51,000 रुपये कर दिया है।

इस चुनावी सीजन में युवाओं के वोट को रिझाने की हड़बड़ी है। क्योंकि 18 से 19 वर्ष के मतदाताओं के पंजीकरण में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है। अक्टूबर में जब अंतिम वोटर लिस्ट प्रकाशित हुई थी तब 18 से 19 वर्ष के खंड में 77 प्रतिशत मतदाताओं का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था। 12 नवंबर को मताधिकार का प्रयोग करने वाले राज्य के लगभग 55 लाख मतदाताओं में से 45 प्रतिशत 40 वर्ष से कम आयु के हैं।

हिमाचल का अधिकांश हिस्सा भाजपा ने कांग्रेस से छीना

संख्या के लिहाज से इस साल हिमाचल में करीब 1,93,000 मतदाता 18 से 19 साल के हैं। जहां तक राष्ट्रीय रुझानों की बात है, युवा वोट ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत को प्रभावित किया था। इन दो चुनावों में, भारत ने पहली बार 18.7 करोड़ मतदाता जोड़े - 2014 में 10.15 करोड़ और 2019 में 8.55 करोड़। इस वोट का अधिकांश हिस्सा भाजपा ने कांग्रेस से छीना है। हिमाचल में यह चलन बरकरार है या नहीं, यह 12 नवंबर को ही पता चलेगा।

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