हिमाचल प्रदेश के नतीजे सीएम ठाकुर के लिए खतरे की घंटी, भाजपा की करारी हार के बाद विदाई तय
Himachal Pradesh By Polls Results: राज्य की तीन विधानसभा और मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के हाथों में भाजपा की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री पद से ठाकुर की विदाई तय हो गई है। चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री की विदाई तय मानी जा रही है।
Himachal Pradesh By Polls Results: हिमाचल प्रदेश हुए उपचुनाव में भाजपा की करारी हार (BJP Ki Har) के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। राज्य की तीन विधानसभा और मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के हाथों में भाजपा की करारी हार के बाद मुख्यमंत्री पद से ठाकुर की विदाई (Jai Ram Thakur Ki Vidai) तय हो गई है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (J. P. Nadda) के इस गृह राज्य में पार्टी के इतने खराब प्रदर्शन की किसी को उम्मीद नहीं थी। भाजपा प्रत्याशियों के प्रदर्शन को इस तथ्य से अच्छे से समझा जा सकता है कि एक सीट पर भाजपा प्रत्याशी की जमानत तक नहीं बच सकी। मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र मंडी के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunaav) में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा।
चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री का बयान (Jai Ram Thakur Ka Bayan) भी उनके लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। ठाकुर ने महंगाई (Mehngai) का सवाल उठाकर एक तरह से केंद्र सरकार (Modi Government) को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। उनका साफ तौर पर कहना था कि बढ़ती हुई महंगाई भाजपा की हार का बड़ा कारण बन गई। उनके इस बयान के बाद भाजपा हाईकमान (BJP High Command) की भौहें तनना तय माना जा रहा है। ठाकुर को पहले भी पद से हटाए जाने की अटकलें लगती रही हैं मगर इस हार को उनकी विदाई का बड़ा संकेत माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में भी हार गई पार्टी
हिमाचल प्रदेश में हुए उपचुनाव में सबकी नजरें खासतौर पर मंडी लोकसभा क्षेत्र पर टिकी हुई थीं। कांग्रेस ने चुनाव क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) की पत्नी प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) को चुनाव मैदान में उतारा था। उनसे मुकाबला करने के लिए भाजपा की ओर से कारगिल युद्ध के नायक और रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुशाल सिंह ठाकुर (Thakur Kushal Singh) को टिकट दिया गया था। इस चुनाव क्षेत्र में दोनों पार्टियों के बीच कांटे का मुकाबला दिखा मगर आखिरकार प्रतिभा सिंह ने भाजपा प्रत्याशी को 8766 मतों से पराजित कर दिया। मंडी लोकसभा क्षेत्र में मिली हार भाजपा के लिए इस कारण भी बड़ा झटका मानी जा रही है क्योंकि यह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र भी है।
एक सीट पर तो जब्त हो गई जमानत
इस लोकसभा सीट के अलावा तीन विधानसभा सीटों फतेहपुर,अर्की और जुब्बल कोटखाई में भी भाजपा को कांग्रेस के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी। जुब्बल कोटखाई का नतीजा तो भाजपा के लिए काफी निराशाजनक रहा क्योंकि इस चुनाव क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी नीलम सरैइक अपनी जमानत तक नहीं बचा सकीं। उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी चेतन बरागटा से भी कम वोट मिले और वे तीसरे नंबर पर फिसल गईं। उनकी कमजोर स्थिति को इसी बात से समझा जा सकता है कि उन्हे सिर्फ 2584 वोट ही मिले। कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर ने 29447 वोट पाकर इस सीट पर जीत हासिल की। निर्दलीय प्रत्याशी चेतन ने 23344 मत पाकर भाजपा को काफी पीछे धकेल दिया।
इसी तरह फतेहपुर विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी भवानी सिंह पठानिया ने जीत हासिल की जबकि अर्की विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी संजय अवस्थी जीत हासिल करने में कामयाब रहे।
कांग्रेस ने मांगा मुख्यमंत्री से इस्तीफा
एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं और पार्टी में जश्न का माहौल दिख रहा है। इतनी शानदार जीत हासिल करने के बाद पार्टी ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस्तीफा (Jai Ram Thakur Ka Resign) देने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर (Kuldeep Singh Rathore) का कहना है कि मुख्यमंत्री अपने गृह जिले मंडी की सीट बचाने में भी विफल साबित हुए। इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने राज्य की जनता का विश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सेमीफाइनल मुकाबला जीत चुकी है और अगले साल दिसंबर में होने वाले फाइनल मुकाबले में भी जीत कांग्रेस को ही हासिल होगी। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के नेता संजय दत्त ने इसे भाजपा की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जनादेश बताया।
करारी हार के बाद कुर्सी जाना तय
उधर इतनी करारी हार के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बचाव का रास्ता खोजते नजर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने ऐसे कार्यकर्ताओं की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की बात भी कही। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने स्वीकार किया की पार्टी के स्तर पर कुछ कमियां जरूर रही होंगी और इसके लिए आत्म निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी को ऐसे नतीजों की उम्मीद नहीं थी।
वैसे उन्होंने बढ़ती महंगाई पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए केंद्र सरकार के लिए भी अजीब स्थिति पैदा कर दी। उन्होंने कहा कि अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav 2022) से पहले पार्टी इन कमियों को दूर करने की पूरी कोशिश करेगी।
सियासी पंडितों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश में हुए उपचुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के लिए भारी पड़ सकते हैं। इन नतीजों को मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश में फेरबदल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के गृह राज्य में मिले इस झटके के बाद हाईकमान की ओर से जल्द कदम उठाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
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