Himachal Election: हिमाचल चुनाव में नए चेहरों को ज्यादा मौका देगी भाजपा, पार्टी को सता रहा एंटी इनकंबेंसी का डर
Himachal Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा इन दिनों रणनीति बनाने में जुटी हुई है।
Himachal Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा इन दिनों रणनीति बनाने में जुटी हुई है। राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की ओर से बड़ी रैली करने की तैयारी है। इन रैलियों को केंद्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी संबोधित करेंगे। इसके साथ ही पार्टी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के चयन के लिए मूल्यांकन का काम शुरू कर दिया है। उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी का नेतृत्व काफी सतर्क है। ताकि एंटी इनकंबेंसी की वजह से हार का सामना न करना पड़े।
इसी कारण माना जा रहा है कि कई पुराने विधायकों का टिकट काटकर पार्टी की ओर से नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का गृह राज्य होने का कारण हिमाचल प्रदेश में भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। पार्टी अपने इस पुराने गढ़ को बचाए रखना चाहती है और यही कारण है कि पार्टी की ओर से पूरी ताकत लगाई जा रही है।
कई विधायकों का कटेगा टिकट
राज्य के 68 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के नाम जल्द तय किए जाएंगे। इसके लिए पार्टी की कोर कमेटी की जल्द बैठक होने वाली है। राज्य भाजपा की कोर कमेटी की ओर से नाम फाइनल करके केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा और फिर नाम पर अंतिम मुहर लगेगी। राज्य भाजपा के सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों के नाम तय करने में जीत की संभावना पर गहराई से मंथन किया जाएगा।
राज्य भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि मौजूदा सभी विधायकों को टिकट नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी सत्ता को बरकरार रखने के लिए चुनाव मैदान में उतर रही है। इसलिए जीत की संभावना के साथ विधायक की परफॉर्मेंस भी देखी जाएगी। सभी विधायकों को टिकट देने से एंटी इनकंबेंसी का खतरा भी पैदा हो सकता है। इस कारण पार्टी की नीतियों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को भी बड़ा मौका दिया जाएगा।
नए चेहरों पर पार्टी का ज्यादा जोर
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने भी विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को मौका देने पर जोर दिया है। दोनों नेताओं ने हाल में मुख्यमंत्री जयराम रमेश के साथ बैठक की थी। इस बैठक के दौरान चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई थी। नड्डा और शाह नए चेहरों को ज्यादा मौका देने के पक्ष में हैं। इस कारण माना जा रहा है, कि राज्य के कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेतृत्व की ओर से राज्य में सर्वे भी कराया गया है। सर्वे में पार्टी को बढ़त मिलने की बात बताई गई है मगर फिर भी पार्टी कोई जोखिम नहीं मोल लेना चाहती। पार्टी का सबसे ज्यादा जोर सही उम्मीदवारों के चयन पर है। जीत की संभावना के तराजू पर तौलकर ही उम्मीदवारों के नाम को अंतिम मंजूरी दिए जाने की संभावना है।
हर विधानसभा क्षेत्र में होगी बड़ी रैली
हिमाचल प्रदेश में हाल में हुए उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए पार्टी जोर शोर से चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है। राज्य विधानसभा के 68 क्षेत्रों में बड़ी चुनावी रैली करने की तैयारी है। इन रैलियों के लिए केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय पदाधिकारियों पर दौरे को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
मानसून की समाप्ति के बाद राज्य में रैलियों का दौर शुरू होने की संभावना है। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी इन रैलियों में हिस्सा लेंगे। रैलियों के जरिए मतदाताओं को पार्टी की नीतियों और सरकार के कार्यक्रमों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत बनाने की रणनीति पर भी काम चल रहा है।