Himachal Pradesh Election: एक प्रतिशत से कम वोट ने BJP को कर दिया सत्ता से बाहर, जानें हिमाचल का पूरा गणित
Himachal Pradesh Election 2022: चुनाव आयोग के आंकड़ों मुताबिक, कांग्रेस को 43.9 फीसदी वोट प्राप्त हुए जबकि बीजेपी को 43 फीसदी वोट मिले। दोनों दलों के बीच वोट प्रतिशत का अंतर 1 प्रतिशत से भी कम है।
Himachal Pradesh Election Result 2022: हिमाचल प्रदेश की तस्वीर अब साफ हो चुकी है। यहां पंजे ने कमल को मरोड़ दिया है। वोटों की गिनती संपन्न हो चुकी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, कांग्रेस ने 40, बीजेपी ने 25 और निर्दलीयों ने तीन सीटें हासिल की हैं। कांग्रेस ने गत चुनाव (21 सीटें) से 19 सीटें अधिक हासिल की हैं। वहीं, बीजेपी ने पिछले बार (44 सीटें) के मुकाबले 19 सीटें कम पाईं। लेकिन इस चुनाव का सबसे दिलचस्प पहलू है वोट प्रतिशत।
दोनों दलों के बीच वोट प्रतिशत का अंतर 1 प्रतिशत से भी कम
चुनाव आयोग के आंकड़ों मुताबिक, कांग्रेस को 43.9 फीसदी वोट प्राप्त हुए जबकि बीजेपी को 43 फीसदी वोट मिले। इस तरह दोनों दलों के बीच वोट प्रतिशत का अंतर 1 प्रतिशत से भी कम है। अगर बीजेपी एक प्रतिशत वोट औऱ पा जाती तो शायद वह उत्तराखंड वाला रिजल्ट यहां भी दोहरा पाती। पार्टी ने हिमाचल में जोरशोर से नारा दिया था – राज नहीं रिवाज बदलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम बीजेपी के स्टार प्रचारकों ने कई दिनों तक पहाड़ों में कैंप किया था। इसके बावजूद पार्टी सत्ता बचा नहीं पाई।
सात सीटों पर वोटों का अंतर 500 से भी कम
हिमाचल प्रदेश एक छोटा और कम आबादी वाला राज्य है। गोवा की तरह यहां भी मत प्रतिशत में मामूली अंतर खेल बना और बिगाड़ सकती है। इस विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही होता नजर आ रहा है, जिसकी शिकार बीजेपी हुई है। उदाहरण के लिए रामपुर सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार मात्र 143 वोटों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से पिछड़ गए। इसी तरह श्री नैना देवी में कांग्रेस प्रत्याशी को बीजेपी उम्मीदवार से मात्र 145 वोट कम मिले। चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में ऐसी सीटों की संख्या सात है, जहां जीत और हार का अंतर महज 500 वोट है।
बागियों ने बीजेपी के हाथ से दूर की सत्ता
राजनीतिक जानकार शुरू से ही हिमाचल प्रदेश में बागियों को बीजेपी के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द मान रही थी। 68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 21 सीटों पर इसबार बीजेपी के बागियों ने चुनाव लड़ा था। इसका असर नतीजों पर साफ दिख रहा है। कम अंतर वाली सीटों पर ऐसे कैंडिडेटों ने भाजपा उम्मीदवारों की नैया डुबोने में अहम भूमिका निभाई।
उदाहरण के लिए नालागढ़ से बीजेपी के बागी नेता बी.एल ठाकुर ने चुनाव में जीत हासिल की। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार तीसरे नंबर पर खिसक गया। इसी तरह बंजारा, देहरा और हमीरपुर में बीजेपी के बागियों के मैदान में उतर जाने से बीजेपी की जीत की उम्मीद धूमिल हो गई। बीजेपी को कांगड़ा जिले की उस फतेहपुर सीट पर भी हार झेलनी पड़ी, जहां से बीजेपी के बागी उम्मीदवार कृपाल सिंह परमार ने पर्चा भरा था। बता दें कि परमार को ही प्रधानमंत्री मोदी ने फोन कर अपनी उम्मीदवारी वापस लेने को कहा था। हालांकि, समय बीत जाने के कारण वह पर्चा वापस नहीं ले सके थे। उन्हें इस चुनाव में महज 2811 वोट मिला। इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी राकेश सिंह पठानिया को कांग्रेस के निवर्तमान विधायक भवानी सिंह पठानिया से शिकस्त झेलना पड़ा।