Himachal Pradesh: हिमाचल में वीरभद्र के बेटे और कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य घरेलू हिंसा में फंसे, मां समेत परिजनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट
Himachal Pradesh: विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ उनकी पत्नी सुदर्शना चंडावत ने उदयपुर की अदालत में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद यह गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह घरेलू हिंसा और पत्नी से मारपीट के मामले में फंस गए हैं। राजस्थान में उदयपुर की अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ उनकी पत्नी सुदर्शना चंडावत ने उदयपुर की अदालत में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद यह गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। अदालत ने विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह और अन्य परिजनों के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश के रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले विक्रमादित्य सिंह ने हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। उन्हें राज्य में कैबिनेट मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। अदालत की ओर से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद विक्रमादित्य सिंह को करारा झटका लगा है। विक्रमादित्य सिंह की मां प्रतिभा सिंह भी इस बार मुख्यमंत्री पद के दावेदार थीं मगर कांग्रेस नेतृत्व ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था।
पत्नी ने दर्ज कराई घरेलू हिंसा की शिकायत
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह के पिता वीरभद्र सिंह लंबे समय तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह ने इस बार शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव जीता है। उनकी शादी की मार्च 2019 में मेवाड़ राजवंश की राजकुमारी सुदर्शना चंडावत के साथ हुई थी मगर पति-पत्नी के बीच पटरी नहीं बैठ सकी। अनबन के कारण लंबे समय से दोनों अलग-अलग रह रहे हैं।
सुदर्शना चंडावत की ओर से उदयपुर की कोर्ट में 17 अक्टूबर 2022 को पति विक्रमादित्य और अन्य परिजनों के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई गई थी।
इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी उदयपुर की ओर से विक्रमादित्य सिंह,उनकी मां प्रतिभा सिंह, ननद अपराजिता,ननदोई अंगद सिंह और चंडीगढ़ की एक युवती के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। अदालत की ओर से इन सभी को आज अदालत में पेश होने का निर्देश जारी किया गया है। दूसरी और विक्रमादित्य सिंह ने इसे घरेलू मामला बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
रसूखदार परिवार से जुड़े हैं विक्रमादित्य
हिमाचल प्रदेश के रसूखदार परिवार में शुरू हुआ यह विवाद मीडिया की सुर्खियों में बना हुआ है। वीरभद्र सिंह पांच बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और उन्हें हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का सबसे कद्दावर नेता माना जाता रहा है। उनके निधन के बाद भी कांग्रेस की ओर से इस बार के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह के नाम पर वोट मांगे गए थे। इसी आधार पर चुनाव के बाद प्रतिभा सिंह की ओर से मुख्यमंत्री पद की दावेदारी भी की गई थी।
प्रतिभा सिंह का कहना था कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने वीरभद्र के नाम, काम और चेहरे पर चुनाव जीता है। इसलिए परिवार की अनदेखी नहीं की जा सकती। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने उनकी दावेदारी को नकारते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया।
अब कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह को कैबिनेट मंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। ऐसे में घरेलू हिंसा के मामले में फंसने के बाद नया विवाद पैदा होता दिख रहा है। अब सबकी निगाहें कांग्रेस हाईकमान की ओर लगे हैं कि विक्रमादित्य सिंह को मंत्री बनाने का फैसला किया जाता है या नहीं।