Himachal Pradesh Election 2022: नड्डा-अनुराग ठाकुर की लड़ाई में बागियों ने डुबोई भाजपा की लुटिया
Himachal Pradesh Election 2022: चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो पार्टी 7 सीटों पर जीत हासिल करने के साथ – साथ 33 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, बीजेपी 7 सीटों पर जीत हासिल कर 18 सीटों पर आगे चल रही है।
Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में वोटों की गिनती जारी है। लेकिन अब तक के रूझान से स्पष्ट हो गया है कि यहां रिवाज नहीं बल्कि राज बदलने जा रहा है। कांग्रेस रूझानों में स्पष्ट बहुमत को पार कर चुकी है। चुनाव आयोग के आंकड़ों की मानें तो पार्टी 7 सीटों पर जीत हासिल करने के साथ – साथ 33 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, बीजेपी 7 सीटों पर जीत हासिल कर 18 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, तीन सीटों पर निर्दलीय आगे हैं।
आज सुबह जब काउंटिंग शुरू हुई तब बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर नजर आ रही थी। माना जा रहा था कि बीजेपी शायद अपनी सरकार बचा ले। लेकिन दिन ढ़लने के साथ – साथ बीजेपी बहुमच से दूर होती गई और कांग्रेस बहुमत के पार पहुंच गई। हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 35 सीटों की दरकार होती है। फिलहाल कांग्रेस इस जादुई आंकड़े से पांच सीट आगे चल रही है।
नड्डा-अनुराग ठाकुर की लड़ाई
हिमाचल प्रदेश में गुजरात की तरह ही मुख्यमंत्री बदलने की मांग उठी थी, जिसे आलाकमान ने दबा दिया। बताया जाता है कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर दिल्ली से शिमला आना चाहते थे लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐसा नहीं होने दिया। नड्डा की ठाकुर के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेमसिंह धूमल के साथ पुरानी अदावत रही है। राज्य में सीएम बदलने की मांग इसलिए भी जोर पकड़ रही थी क्योंकि पिछले साल राज्य में 1 लोकसभा और तीन विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव हुए थे, तीनों में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था। कांग्रेस ने चारों सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने ये प्रदर्शन अपने सबसे बड़े नेता वीरभद्र सिंह की अनुपस्थिति में किया था।
बागियों ने बिगाड़ा खेल
टिकट वितरण के बाद से ही बीजेपी के कैंप से असंतोष के स्वर सुनाई देने लगे थे। हालांकि, नाराजगी कांग्रेस में भी थी। लेकिन बीजेपी में ये एक हद से ज्यादा थी। सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं के वीडियो वायरल हो रहे थे, जिसमें नेता खुलेआम पार्टी की हार की भविष्यवाणी कर रहे थे। नेताओं की सीट की अदला-बदली को लेकर भी कार्यकर्ताओं में रोष देखा गया। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भाजपा नेता से फोन पर बातचीत करने का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था, जिसमें वे उस नेता से अपना नामांकन वापस लेने के लिए कह रहे थे।
अब तक के रूझानों के मुताबिक, बीजेपी 25 सीटों पर आगे चल रही है। बागियों ने पार्टी को 13 सीटों पर नुकसान पहुंचाया है। इनमें वो तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं, जो अपनी सीट पर आगे चल रहे हैं। बीजेपी से टिकट न मिलने पर इन्होंने निर्दलीय पर्चा भर दिया था। बीजेपी को साल 2017 में 44 सीटों पर जीत मिली थी। इस हिसाब से देखें तो पार्टी को इसबार 19 सीटों का नुकसान होता नजर आ रहा है। जिनमें 13 सीटों पर तो बागियों ने ही उनका खेल बिगाड़ा है।
कांग्रेस हुई सतर्क
हिमाचल प्रदेश में बहुमत का आंकड़ा पार कर लेने के बावजूद कांग्रेस सतर्क है। गोवा के उदाहरण से सीख लेते हुए पार्टी ने अपने रणनीतीकारों को एक्टिव कर दिया है। अगर कांग्रेस को 40 से कम सीटें आती हैं तो पार्टी अपने सभी नव निर्वाचित विधायकों को छत्तीसगढ़ या राजस्थान भेज सकती है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को हिमाचल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चुनाव प्रभारी राजीव शुक्ला राजधानी शिमला में पहले से मुस्तैद हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने अपने सभी नव निर्वाचित विधायकों को चंडीगढ़ बुलाया है।