Kinnaur Landslide: किन्नौर में टूटा मौत का पहाड़, बच्ची समेत 10 लोगों की गई जान, अभी भी बस लापता
Kinnaur Landslide: किन्नौर में एक बार फिर 16 दिन बाद भयंकर तबाही मची। यहां पहाड़ों से मौत बनकर आई आफत ने 10 लोगों की जान ले ली और 50 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है।
Kinnaur Landslide: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में एक बार फिर 16 दिन बाद भयंकर तबाही मची। यहां पहाड़ों से मौत बनकर आई आफत ने 10 लोगों की जान ले ली और 50 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। बुधवार को भावानगर से 10 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे-5 पर निगुलसरी के पास यात्रियों से भरी एचआरटीसी बस, ट्रक, दो कारों और अखबार की गाड़ी पर अचानक चट्टानें गिर गईं। जिससे ये दर्दनाक हादसा हुआ।
किन्नौर (Kinnaur) में हुए इस हादसे में 2 साल की बच्ची समेत 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 लोगों के मलबे में फंसने की आशंका है। ऐसे में अब तक 14 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। फिलहाल आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सेना, पुलिस और स्थानीय लोग मदद में जुटे हुए हैं।
मलबा हटाने का काम लगातार जारी
हादसे का शिकार हुई उत्तराखंड के हरिद्वार जा रही एचआरटीसी की बस में 25 लोग फंसे हैं। लेकिन बस ड्राइवर (Bus Driver) औरं कंडक्टर को बचा लिया गया है, पर हादसे से दोनों अभी सदमे में हैं। यहां मलबा हटाने का काम लगातार जारी है।
आईटीबीपी (ITBP) के अनुसार, इस हादसे के समय रिकांगपिओ-शिमला राजमार्ग पर 6 से 7 गाड़ियां 200 मीटर की दूरी के बीच चल रही थीं। तभी एकदम से पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का सिलसिला शुरू हो गया। जिससे वहां गाड़ियों को निकलने का मौका ही नहीं मिल पाया और वे फंस गईं।
हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर आईटीबीपी, एनडीआरएफ, हिमाचल पुलिस के जवान पहुंच गए। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन दिक्कतें लगातार बनी हुई हैं। हर समय यही डर बना हुआ है कि कहीं पत्थर और पहाड़ फिर से न आ गिरे।
रेसक्यू के दौरान बताया जा रहा है कि रुक रुककर इक्का-दुक्का पत्थर पहाड़ से नीचे गिर रहे हैं। बेहद सर्तकता से रेसक्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस हादसे के बारे में पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से फोन पर बात की। साथ ही पीएम मोदी की तरफ से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया गया है।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया कि निगुलसरी में नेशनल हाईवे-5 पर भूस्खलन घटनास्थल पर आईटीबीपी की तीन बटालियन के करीब 200 जवान हैं। पहाड़ी से लगातार चट्टानें गिर रही हैं। इस वजह से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही है।