OPS Himachal: हिमाचल में भारी पड़ रहा OPS लागू करने का फैसला, राज्य का खजाना खाली, सरकार की मुश्किलें बढ़ीं

OPS Himachal: राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने राज्य सरकार की खस्ता आर्थिक हालत का खुलासा किया है। इस संकट से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर गहराई से मंथन किया जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-01-23 07:39 IST

Sukhwinder Singh Sukhu (photo: social media )

OPS Himachal: हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार ने अपना चुनावी वादा निभाते हुए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लागू करने का ऐलान तो कर दिया है मगर यह फैसला राज्य सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है। दरअसल राज्य का सरकारी खजाना खाली है और सरकार को रोजाना के खर्चे चलाने के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में ओपीएस को लागू करने का फैसला राज्य सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है।

राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने राज्य सरकार की खस्ता आर्थिक हालत का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य का सरकारी खजाना पूरी तरह खाली है और ऐसे में बढ़ते आर्थिक खर्चों को पूरा करने के लिए सरकार आने वाले दिनों में अपने खर्चों में कटौती करेगी। इस संकट से निपटने के लिए सरकार के स्तर पर गहराई से मंथन किया जा रहा है।

राजस्व बढ़ाने और खर्च घटाने की कोशिश

हिमाचल प्रदेश में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद सुक्खू सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली का बड़ा ऐलान कर दिया है मगर राज्य के आर्थिक हालात को देखते हुए यह फैसला सरकार के गले की फांस बन गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इसी कारण राज्य सरकार खर्चों में कटौती करने की कोशिश में जुट गई है।

राज्य में गहराते आर्थिक संकट के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी मंत्रियों को एक महीने में यह रिपोर्ट देने का आदेश दिया है कि उनके विभागों के खर्च में कमी कैसे की जाए और इसके साथ ही राजस्व में बढ़ोतरी के लिए क्या कदम उठाए जाएं। माना जा रहा है कि मंत्रियों की ओर से इस बाबत रिपोर्ट सौंपी जाने के बाद राज्य सरकार इस दिशा में बड़ा कदम उठाएगी।

मंत्री ने किया वित्तीय संकट का खुलासा

राज्य सरकार के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने राज्य की खराब वित्तीय स्थिति का खुलासा किया है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का खजाना पूरी तरह खाली है। ऐसे में राज्य सरकार पैसों की तंगी से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि इसीलिए खर्चों में कटौती और राजस्व में बढ़ोतरी के लिए सभी विभागों से सुझाव मांगे गए हैं।

उन्होंने कहा कि फिजूलखर्ची रोकने, राजस्व को बढ़ाने और कर्ज का बोझ कम करने के लिए सभी मंत्रियों को एक महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपनी होगी। मुख्यमंत्री सुक्खू इस संबंध में सभी विभागों की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। मंत्रियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार की ओर से जल्द ही इस दिशा में बड़ा कदम उठाया जाएगा।

भारी पड़ रहा ओपीएस लागू करने का फैसला

जानकार सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार कर्ज के बोझ से पहले ही दबी हुई है। हिमाचल प्रदेश 75 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा हुआ है। ऐसे में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने का फैसला राज्य सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनकर उभरा है। सरकार के इस फैसले से राज्य पर करीब 900 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ और बढ़ गया है।

इसके साथ ही राज्य सरकार को करीब 11000 करोड़ रुपए के एरियर का भुगतान भी करना है। राज्य के वित्तीय संकट से निपटने के लिए सरकार इस महीने 1500 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है इस कर्ज के जरिए पेंशन की अदायगी के साथ सरकार के रोजाना खर्चे पूरे किए जाएंगे।

कड़े फैसले ले सकती है राज्य सरकार

इस कर्ज के बावजूद हिमाचल प्रदेश की आर्थिक संकट की स्थिति खत्म होने की संभावना नहीं दिख रही है। इसी करण माना जा रहा है कि आगे चलकर सरकार की मुसीबतें और बढ़ जाएगी। उद्योग मंत्री चौहान का कहना है कि राज्य के आर्थिक संकट को सुलझाने के लिए सरकार के स्तर पर गहराई से मंथन चल रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना चुनावी वादा तो पूरा कर दिया है मगर यह फैसला सरकार के गले की फांस बन गया है। इसी कारण माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार की ओर से आर्थिक संकट के मद्देनजर कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।

Tags:    

Similar News