Shimla Landslide : शिमला में भूस्खलन में गिरा सात मंजिला होटल, कई इमारतों के गिरने का बढ़ा खतरा
Shimla Landslide : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भूस्खलन की वजह से कई इमारते मलबे में बदल गई। जबकि अभी भी करीब आधा दर्जन से ज्यादा इमारतों के गिरने का डर बताया जा रहा है।
Shimla Landslide : लगातार बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश में मौसम बहुत खराब चल रहा है। ऐसे में गुरुवार को शाम के समय राजधानी शिमला में बड़ा हादसा हो गया। यहां कच्चीघाटी इलाके में भूस्खलन होने से एक सात मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। इतनी बड़ी इमारत गिरने की वजह से नीचे बने दो भवन और एक मकान भी भरभराकर मलबे में तब्दील हो गया। इस दौरान आए भूस्खलन से करीब आधा दर्जन इमारतों को लेकर भयंकर खतरा बताया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भूस्खलन की वजह से कई इमारते मलबे में बदल गई। जबकि अभी भी करीब आधा दर्जन से ज्यादा इमारतों के गिरने का डर बताया जा रहा है। जिसके चलते प्रशासन ने कई भवनों को खाली करवा लिया है।
इमारत को तुंरत ही खाली करवाया
बता दें, भूस्खलन से जो सात मंजिला इमारत गिरी है, उसे पहले ही खाली करवा लिया गया था। इस आठ मंजिला इमारत में रह रहे आठ परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया था। इस बारे में स्थानीय लोगों के मुताबिक, लगभग दो हफ्ते पहले ही भवन की नींव से मलबा धीरे-धीरे खिसकने लगा था।
जिसके चलते भवन के मालिक गुरमीत सिंह ने मौके पर ही एक्शन लेते हुए इमारत को तुंरत ही खाली करवा दिया था। भूस्खलन से इमारत गिरने की घटना के बाद मौके पर पहुंचे नगर निगम उपमहापौर शैलेंद्र चौहान ने बताया कि यह सात मंजिला मकान गुरमीत सिंह का है। जो रामबाजार में कारोबारी हैं। करीब दो हफ्ते पहले ही भवन की नींव से मलबा खिसकने लगा था। आगे उन्होंने बताया कि आसपास के कई और मकानों में भी दरारें देखी गई थीं। भवन को बचाने के लिए कारोबारी ने नींव के समीप रिटेनिंग वॉल लगाने का फैसला लिया।
वहीं नगर निगम के आर्किटेक्ट प्लानर देवेंद्र मिस्टा ने बताया कि भवन का नक्शा पास है या नहीं। इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। फिलहाल भवनमालिक से इसका रिकॉर्ड मांगा जा रहा है। जिसे लेकर भवनमालिक गुरमीत कह रहे हैं कि उन्होंने साडा से इसे पास करवाया है। अब ऐसे में सारे दस्तावेजों को देखने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है। पाएंगे।