डीएम का ऐसा है फरमान, पहले कबंल दें, फिर बंदूक का लाइसेंस ले, जानिए क्यों?

मध्य प्रदेश के चंबल में बंदूक रखना शान की बात है। लेकिन बंदूक रखने के लिए प्रशासन से लाइसेंस की जरूरत पड़ती है। मगर इन दिनों ग्वालियरमें बंदूक की लाइसेंस लेने के लिए प्रशासन ने और अजीब 'शर्त' रख दी है । जिले में बंदूक का लाइसेंस लेने वाले लोगों के लिए डीएम (Collector) ने शर्त रखी है कि लाइसेंस चाहने वालों को ग्वालियर की सरकारी गौशाला के लिए 10 कंबल देने का फरमान जारी किया है।

Update:2019-12-15 20:16 IST

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के चंबल में बंदूक रखना शान की बात है। लेकिन बंदूक रखने के लिए प्रशासन से लाइसेंस की जरूरत पड़ती है। मगर इन दिनों ग्वालियरमें बंदूक की लाइसेंस लेने के लिए प्रशासन ने और अजीब 'शर्त' रख दी है । जिले में बंदूक का लाइसेंस लेने वाले लोगों के लिए डीएम (Collector) ने शर्त रखी है कि लाइसेंस चाहने वालों को ग्वालियर की सरकारी गौशाला के लिए 10 कंबल देने का फरमान जारी किया है। ग्वालियर की डीएम अनुराग चौधरी ने शनिवार को लाल टिपारा और गोला का मंदिर स्थित गौशाला का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गायों की स्थिति को देखकर उन्होंने ग्वालियर जिले में बंदूक का लाइसेंस लेने के इच्छुक लोगों के लिए एक शर्त रखी।

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लाल टिपारा और गोला का मंदिर स्थित गौशालाओं के निरीक्षण के बाद डीएम अनुराग चौधरी ने यह अजीब शर्त रखी। उन्होंने इसकी वजह भी स्पष्ट की। डीएम ने बताया कि गौशाला में गायों को ठंड से बचाने के लिए यह तय किया गया है कि यदि किसी को बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो उसे गौशाला को 10 कंबल देने होंगे। विभाग के अधिकारियों को इस संबंधी निर्देश दे दिए गए हैं।

कुछ दिन पहले गोला का मंदिर स्थित गौशाला में पिछले हफ्ते ठंड से 6 गायों की मौत हुई थी। इसके बाद डीएम ने वहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करके रेड क्रॉस की ओर से तीन लाख रुपए की धनराशि गौशाला को दी थी। इस समय ग्वालियर में नगर निगम की दो गौशालाएं, गोला का मंदिर और लाल टिपारा में हैं और इनमें करीब 8,000 गायें हैं।

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बता दें कि बंदूक की लाइसेंस लेने के लिए डीएम ऐसा आदेश पहली बार नहीं है। 6 महीने पहले भी उन्होंने इसी तरह का एक आदेश दिया था। उस समय जिले में बंदूक का लाइसेंस चाहने वालों को 10 पौधे लगाने होंगे और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने के साथ पौधों के फोटो आवेदन के साथ देने होंगे। कलेक्टर ने इस अवधि में बंदूकों के करीब 147 लाइसेंस जारी किए और इस दौरान करीब 1700 पौधे भी लगाए गए थे। डीएम का इस तरह का फरमान से सामाजिक सरोकार की भावना बढ़ती है लोगों मे दायित्वों का अहसास रहता है।

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