कोरोना के खात्मे के 3 तरीके, दिमाग में डाल लीजे, रामबाण हैं ये उपाय
कोरोना महामारी से विश्वभर में आज तबाही का मंजर छाया हुआ है। इस महामारी का संकट आज हर एक इंसान के ऊपर है। थोड़ी सी लापरवाही या अनदेखी पूरी जिंदगी को बदल कर रख देती है।
नई दिल्ली : कोरोना महामारी से विश्वभर में आज तबाही का मंजर छाया हुआ है। इस महामारी का संकट आज हर एक इंसान के ऊपर है। थोड़ी सी लापरवाही या अनदेखी पूरी जिंदगी को बदल कर रख देती है। इसी कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एमआईटी) की हाल की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक कोरोना वायरस के लिए कोई वैक्सीन या दवा का इलाज नहीं खोजा जा सका है। पर पूरेे विश्व में इस वायरस से लड़ने के लिए केवल तीन तरीके ही मुख्य रूप से प्रभावकारी देखे जा रहे हैं। चलिए आपको बताते है इनके बारे में पूरी बात--
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ये है कारगर 3 तरीके
इस महामारी कोरोना वायरस से छूटकारा पाने का जो सबसे सफल उपाय अभी तक पता चला है वो है लॉकडाउन। इस उपाय के द्वारा कोरोना वायरस के तेजी से फैेल रहे संक्रमण रोका जा सकता है। इसी लॉकडाउन के लिए देशभर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। दूसरा तरीका है अग्रेसिव टेस्टिंग। जिससे ट्रांसमिशन को पूरे तरीके से रोका जा सके।
अभी के हाल के मुताबिक कोरोना का यह वायरस पूरे विश्व में अपने पैर पसार चुका है तो इन हालातो को देखते हुए लॉकडाउन की योजना भी अपना काम पूरी तरह से कर पाने में कारगर नही हो रही है। देश में लॉकडाउन के बाद भी लोग घरों से निकलना बंद नहीं कर रहे हैं जिससे कोरोना के मरीजों का आकड़ा हर रोज बढ़ रहा है।
संक्रमण दर को धीमा
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अब लॉकडाउन से केवल कोरोना की संक्रमण दर को धीमा किया जा सकता है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं की उचित व्यवस्था की जा सके औऱ संक्रमित लोगों का अच्छे से इलाज हो पाए।
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अब क्या है हर्ड इम्युनिटी क्या?
आपको बता दें कि कोरोना वायरस से पूरी तरह निजात पाने के लिए वैक्सीन बनाने और इसे सामान्य जन तक पहुंचने में लगभग 1 साल से डेढ़ साल लग सकता है। ये वैक्सीन संक्रमण से लड़ने के लिए हर्ड इम्युनिटी बनाती है। इस बात को सुनने के बाद आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये हर्ड इम्युनिटी है क्या।
प्रतिरोधक क्षमता से संक्रमण को हराना
बात करते है तीसरे तरीके के बारें में। यदि कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार होता रहता है तो बड़ी संख्या में लोग इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं। इस दौरान कई लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बल पर इस संक्रमण को हरा देते हैं, इन्हें संक्रमण के प्रति इम्यून होना कहा जाता है। जब इम्यून लोगों की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाती है तो वायरस अपना संक्रमण नहीं फैला पाता।
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जन जाति को बड़े स्तर पर हानि
इस खतरनाक कोरोना वायरस को यदि ना रोका जाए तो अनुमान के अनुसार, ये वायरस एक साल के अंदर विश्व की 60 प्रतिशत आबादी को संक्रमित कर देगा। तब इस स्टेज में इंसानों के अंदर अपने आप हर्ड इम्युनिटी आ जाएगी, जो इस संक्रमण के फैलाव को रोक देगी। लेकिन इस स्थिति में जन जाति को बड़े स्तर पर हानि होगी। सिर्फ इसी वजह से आज दुनियाभर के कई देशों में लॉक डाउन या कर्फ्यू लगा दिया गया है।
क्या है आर-नॉट
बता दें कि कोरोना वायरस का रिप्रोडक्शन नंबर मतलब कि R0 या फिर इसे आर-नॉट भी बोल सकते हैं। ये 2 और 2.5 के बीच है। इसका मतलब यह हुआ कि इस संक्रमण से ग्रसित हर व्यक्ति दो से ज्यादा लोगों को संक्रमण फैलाता है। इस स्थिति में हर्ड इम्युनिटी कोरोना के फैलाव को रोक सकती है।
इस तरह मिलेगा छुटकारा
कोरोना वायरस जिस तरह 1 से 2 लोगों में, 2 से 4 लोगों में , 4 से 8 लोगों में और 8 से 16 लोगों में और ऐसे ही इसकी कड़ी चलती रही तो क्या हालत होगी इस दुनिया की। लेकिन अगर दुनिया की 50 प्रतिशत जनसंख्या इम्यून हो जाए तो यह इंफेक्शन एक व्यक्ति से एक में ही जाएगा। इस स्टेज में कोरोना वायरस का रिप्रोडक्शन नंबर 2 से घटकर 1 रह जाएगा।
यदि यह आरओ एक से भी कम हो जाए तो कोरोना वायरस का आउटब्रेक अपने आप ही खत्म हो जाएगा। इसी कारण से अगर दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी इम्यून हो जाए तो यह वायरस धीरे-धीरे खुद ही खत्म हो जाएगा। और इस संक्रमण से जल्द ही मुक्ति मिल जाएंगी।
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विश्व में अग्रेसिव सप्रेशन, जिसे हम लॉक-डाउन या कर्फ्यू कहते हैं, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने की एक विधि बन गई है। इस विधि में बीमार लोगों को आइसोलेट किया जाता है।
महामारी जैसी बीमारियां
ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी अग्रेसिव सप्रेश के कारण हम अपनी हर्ड इम्युनिटी नहीं बना पा रहे हैं, इसलिए हमें कोरोना वायरस से बचने के लिए आज के प्रभावी तरीके लंबे समय तक फॉलो करने पड़ सकते हैं, जो कि मानव जाति के लिए सुरक्षित भी हैं। इन महामारी जैसी बीमारियों को भी वैक्सीन के द्वारा ही हर्ड इम्युनिटी को बढ़ाकर खत्म किया जा सकता है।