5 साल में नवोदय विद्यालय के 49 छात्रों ने की आत्महत्या, आधे SC/ST और आदिवासी
ग्रामीण भारत के प्रतिभाशाली बच्चों के लिए ही केंद्र सरकार ने इस विद्यालय की शुरुआत की थी, लेकिन जवाहर नवोदय विद्यालय के कैंपस में पिछले 5 सालों में करीब 49 छात्रों ने आत्महत्या की है। 2013 से 2017 के बीच में 49 छात्रों ने आत्महत्या की, जिनमें से आधे या तो दलित थे या आदिवासी।
लखनऊ: जवाहर नवोदय विद्यालय उन स्कूलों में शुमार हैं, जहां गांव और कस्बों के हर परिवार अपने बच्चों को पढ़ाने की इच्छा रखते हैं। पढ़ने में होनहार बच्चों का साल में चयन होता है। ग्रामीण भारत के प्रतिभाशाली बच्चों के लिए ही केंद्र सरकार ने इस विद्यालय की शुरुआत की थी, लेकिन जवाहर नवोदय विद्यालय के कैंपस में पिछले 5 सालों में करीब 49 छात्रों ने आत्महत्या की है। 2013 से 2017 के बीच में 49 छात्रों ने आत्महत्या की, जिनमें से आधे या तो एससी/एसटी थे या आदिवासी।
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आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर लड़के
एक मीडिया रिपोर्ट में आरटीआई के हवाले से कहा गया है कि आत्महत्या करने वालों में लड़के शामिल हैं। 7 को छोड़कर सभी छात्रों फंदे से लटक कर अपनी जान दी थी। इनकी मौत की खबरें या तो क्लासमेट्स ने दी या स्कूल स्टाफ ने उन्हें देखा था।
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एचआरडी मिनिस्ट्री के तहत आता है विद्यालय
रिपोर्ट के मुताबिक 46 विद्यालयों में 41 गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं। फिलहाल 635 जवाहर नवोदय विद्यालय में 2.8 लाख छात्र पढ़ रहे हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) के तहत जवाहर नवोदय विद्यालय संचालित होता है। एचआरडी मिनिस्ट्री के अंर्तगत आने वाला नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) एक स्वायत संगठन है।
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1985-86 में हुआ था शुरू
1985-86 में शुरू हुए जवाहर नवोदय विद्यालय बोर्ड परीक्षाओं में सर्वश्रेष्ठ परिणाम देने के लिए प्रसिद्ध है। इस विद्यालय ने हजारों कमजोर एवं वंचित बच्चों को गरीबी से बाहर निकाला है। 2012 से इन स्कूलों ने कक्षा 10 में 99 प्रतिशत से अधिक और कक्षा 12 में 95 प्रतिशत से अधिक का पास परसेंटेज दिया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।