74 की महिला बनी मां! पूरी दुनिया को चौका दिया, बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

एक महिला के गर्भाशय में भ्रूण के होने को गर्भावस्था कहते हैं। मां बनने का अहसास किसी भी महिला के लिए बहुत ही खास होता है। इस अवस्था में महिला को किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ये सिर्फ वो महिला ही समझ सकती है। मां बनने में कितनी पीड़ा होती है ये किसी को अंदाजा भी नहीं होता है।

Update:2023-03-26 12:36 IST

गुंटूर: एक महिला के गर्भाशय में भ्रूण के होने को गर्भावस्था कहते हैं। मां बनने का अहसास किसी भी महिला के लिए बहुत ही खास होता है। इस अवस्था में महिला को किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ये सिर्फ वो महिला ही समझ सकती है। मां बनने में कितनी पीड़ा होती है ये किसी को अंदाजा भी नहीं होता है। लेकिन इस पीड़ा को सहते हुए भी महिला अपने बच्चे को जन्म देती है और मां बनने का सुख प्राप्त करती है। वहीं कई महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो किसी न किसी बीमारी की वजह से मां नहीं बन सकती।

हम आपको आज एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहें हैं जिन्हें शादी के 54 साल के बाद माँ बनने का मौका मिला। ये खबर है गुंटूर की रहने वाली मंगयाम्मा की।

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74 साल की मंगयाम्मा बनी जुड़वा बच्चों की मां

मां बनने की खुशी मंगयाम्मा को शादी के 54 साल के बाद मिली, जिसके बाद वे काफी खुश हैं। 74 साल की मंगयाम्मा ने आज गुरुवार को जुड़वा बच्चों को जन्म दिया है, जिसके बाद यह एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया है।

ईस्ट गोदावरी जिले के नेलापार्टीपाडू से ताल्लुक रखने वाली मंगयाम्मा की शादी 22 मार्च, 1962 में येरामत्ती राजा राव से हुई थी। शादी के कुछ सालों के बाद दोनों जोड़ी ने बच्चा करने का सोचा, लेकिन उनकी बच्चे की उमीद बस एक उमीद ही बन कर रह गयी।

इन्हें बच्चे नहीं हो रहा थे। इससे वे काफी परेशानी रहती थीं। जब काफी सालों तक प्रयास करने के बाद भी उन्हें बच्चे नहीं हुए तो उन्होंने मां बनने की आस ही छोड़ दी। लेकिन अभी कुछ पहले ही येरामत्ती राजा राव के पड़ोस में रहने वाली 55 वर्षीय एक महिला आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंट हुई थी। तब मंगयाम्मा को उस महिला से प्रेरणा मिली।

उन्होंने गुंटूर शहर के अहल्या नर्सिंग होम में संपर्क किया और आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ। सानक्कायला उमाशंकर से मुलाकात की। डॉ। ने मंगयाम्मा के पति राव का स्पर्म लिया और आईवीएफ के लिए इस्तेमाल किया।

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डॉक्टर्स की कोशिश रंग लाई और मंगयाम्मा प्रेग्नेंट हो गईं। तबसे लेकर बच्चे होने तक मंगयाम्मा डॉक्टर्स की निगरानी में रहीं। मंगयाम्मा की डिलीवरी ऑपरेशन से हुई और उन्होंने दो जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया। वहीं इस मामले पर डॉक्टर उमाशंकर ने कहा, ''यह एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड है। मंगयाम्मा और उनके पति इससे बहुत खुश हैं।''

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