दिल्ली : आप के 20 विधायकों को बने रहने का अधिकार नहीं

Update:2017-06-24 19:10 IST

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों के खिलाफ लाभ का पद रखने के मामले को खत्म करने के लिए विधायकों द्वारा दी गई अर्जी खारिज करने के निर्वाचन आयोग के फैसले का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को स्वागत किया और कहा कि उन्हें विधायक बने रहने का अब कोई नैतिक अधिकार नहीं है। इन विधायकों में जरनैल सिंह पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए राजौरी गार्डन सीट से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। उपचुनाव में इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की।

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "दिल्ली उच्च न्यायालय के बाद निर्वाचन आयोग ने भी आप विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में लाभ के पद का दोषी पाया। यह स्वागत योग्य कदम है।"

भाजपा नेता ने कहा, "ये विधायक अपने पद पर बने रहने का अब नैतिक व कानूनी अधिकार खो चुके हैं।"

तिवारी की टिप्पणी शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उसने कहा है कि 21 विधायकों ने '13 मार्च, 2015 से आठ सितंबर, 2016 तक लाभ का पद रखा।'

इन विधायकों ने अपने खिलाफ अयोग्य घोषित करने के मामले को खारिज करने के लिए निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया था। दिल्ली उच्च न्यायालय उनकी नियुक्तियों को पहले ही खारिज कर चुका है।

तिवारी ने कहा, "अपने अंतरिम आदेश में निर्वाचन आयोग ने आप विधायकों की दलीलों का विश्लेषण किया और उनके खिलाफ लाभ के पद के आरोपों को सही पाए जाने के बाद उनकी याचिकाएं खारिज कर दी।"

तिवारी ने कहा कि निर्वाचन आयोग इस मामले में जल्द ही अंतिम फैसला सुनाएगा, क्योंकि यह 14 महीने से लंबित है।

भाजपा नेता ने कहा कि दिल्ली के मतदाता इन 21 विधायकों में से एक जरनैल सिंह को पहले ही खारिज कर चुके हैं।

तिवारी ने दावा किया, "अगर निर्वाचन आयोग बाकी बचे 20 विधायकों को अयोग्य करार देता है और उन सीटों पर चुनाव होते हैं, तो भाजपा सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी।"

वहीं, भाजपा नेता ओमप्रकाश शर्मा ने कहा, "मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन 20 विधायकों को इस्तीफा देने तथा राजनीतिक अधिकार के दुरुपयोग के लिए दिल्ली के मतदाताओं से माफी मांगनी चाहिए।"

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